टीकाकरण और मातृ-शिशु मृत्यु-दर पर डीएम की नाराजगी:बोले- किसी भी मरीज को परेशान न किया जाए, बाहर की दवा न लिखे

सिद्धार्थनगर।जिले में स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम जयेन्द्र कुमार और सीडीओ जयेन्द्र कुमार की उपस्थिति में की गई। इस दौरान डीएम ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के ऑडिट रिपोर्ट में स्पष्टता न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। टीकाकरण की कार्यवाही पर ध्यान देने की आवश्यकता बैठक में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी जोगिया, उसका, और खेसरहा पर भी नाराजगी जताई गई। डीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगली बैठक में अधिकारियों को बिना किसी त्रुटि के रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसके साथ ही टीकाकरण की प्रक्रिया की समीक्षा करने का भी आदेश दिया गया, और शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए। बीसीपीएम के कार्यों में सुधार के आदेश बैठक में बीसीपीएम को नए बच्चों के जन्म पर आशा से प्राप्त रिपोर्ट की फीडिंग सही समय पर करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा, बीसीपीएम को निर्देशित किया गया कि वे गांव में जाकर 5-5 घरों का रैंडम निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक कार्यवाही समय पर की जाए। उन्होंने कहा कि सभी बीसीपीएम अनावश्यक रूप से कार्यालय में नहीं बैठेंगे, बल्कि आशा के माध्यम से जन्म लेने वाले बच्चों की फीडिंग की प्रक्रिया को सुनिश्चित करेंगे। गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर जोर डीएम जयेन्द्र कुमार ने प्राचार्य मेडिकल कॉलेज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं को जानबूझकर किसी अन्य स्थान पर रेफर न किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी शिकायतें मिलीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सभी मेडिकल अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए और उन्हें सही इलाज दिया जाए। डीएम ने यह भी कहा कि किसी भी मरीज को परेशान न किया जाए और बाहर की दवा लिखने से बचें। इस दौरान अधिकारियों को पूरी ईमानदारी से काम करने की हिदायत दी गई ताकि स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ सही तरीके से लोगों तक पहुंच सके।

Nov 26, 2024 - 11:30
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टीकाकरण और मातृ-शिशु मृत्यु-दर पर डीएम की नाराजगी:बोले- किसी भी मरीज को परेशान न किया जाए, बाहर की दवा न लिखे
सिद्धार्थनगर।जिले में स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम जयेन्द्र कुमार और सीडीओ जयेन्द्र कुमार की उपस्थिति में की गई। इस दौरान डीएम ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के ऑडिट रिपोर्ट में स्पष्टता न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। टीकाकरण की कार्यवाही पर ध्यान देने की आवश्यकता बैठक में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी जोगिया, उसका, और खेसरहा पर भी नाराजगी जताई गई। डीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगली बैठक में अधिकारियों को बिना किसी त्रुटि के रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसके साथ ही टीकाकरण की प्रक्रिया की समीक्षा करने का भी आदेश दिया गया, और शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए। बीसीपीएम के कार्यों में सुधार के आदेश बैठक में बीसीपीएम को नए बच्चों के जन्म पर आशा से प्राप्त रिपोर्ट की फीडिंग सही समय पर करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा, बीसीपीएम को निर्देशित किया गया कि वे गांव में जाकर 5-5 घरों का रैंडम निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक कार्यवाही समय पर की जाए। उन्होंने कहा कि सभी बीसीपीएम अनावश्यक रूप से कार्यालय में नहीं बैठेंगे, बल्कि आशा के माध्यम से जन्म लेने वाले बच्चों की फीडिंग की प्रक्रिया को सुनिश्चित करेंगे। गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर जोर डीएम जयेन्द्र कुमार ने प्राचार्य मेडिकल कॉलेज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं को जानबूझकर किसी अन्य स्थान पर रेफर न किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी शिकायतें मिलीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सभी मेडिकल अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए और उन्हें सही इलाज दिया जाए। डीएम ने यह भी कहा कि किसी भी मरीज को परेशान न किया जाए और बाहर की दवा लिखने से बचें। इस दौरान अधिकारियों को पूरी ईमानदारी से काम करने की हिदायत दी गई ताकि स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ सही तरीके से लोगों तक पहुंच सके।

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