ट्रम्प सरकार में मस्क और रामास्वामी शामिल:नया विभाग DoGE संभालेंगे, इससे फिजूलखर्ची और नौकरशाही पर लगाम की कोशिश
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रम्प सरकार चलाने के लिए अपनी टीम का गठन करने में जुटे हैं। कुछ पदों पर नियुक्तियों के बाद उन्होंने टेस्ला चीफ इलॉन मस्क और भारतवंशी उद्योगपति विवेक रामास्वामी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मस्क और रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी (DoGE) विभाग का नेतृत्व करेंगे। DoGE एक नया विभाग है जो सरकार को बाहर से सलाह देगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे लेकर बयान जारी किया है। ट्रम्प ने कहा- मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ये दोनों अद्भुत अमेरिकी मेरे प्रशासन के लिए नौकरशाही को खत्म करने, फिजूलखर्ची में कटौती करने, गैरजरूरी नियमों को समाप्त करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन का काम करेंगे। ये उनके ‘सेव अमेरिका’ एजेंडे के लिए जरूरी है। ट्रम्प ने बयान में कहा कि सरकारी पैसे की बर्बादी करने वाले लोगों में नई व्यवस्था से हड़कंप मच जाएगा। रिपब्लिकन नेताओं ने लंबे समय से DOGE के मकसद को पूरा करने का सपना देखा है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि इस नए विभाग की जिम्मेदारी 4 जुलाई 2026 को समाप्त हो जाएगी। मस्क बोले- नए विभाग से सरकार के 2 ट्रिलियन डॉलर बचेंगे
मस्क ने कहा कि वे नए विभाग के जरिए सरकारी खर्च में कम से कम 2 ट्रिलियन डॉलर (168 लाख करोड़) की कटौती कर पाएंगे। हालांकि कुछ विशेषज्ञ इसे असंभव बता रहे हैं। वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक मस्क डिफेंस बजट या फिर सोशल सिक्योरिटी जैसे जरूरी प्रोग्राम में कटौती करते हैं तभी वे ऐसा कर पाएंगे। ट्रम्प ने सिंतबर की शुरुआत में DoGE के गठन का प्रस्ताव रखा था। इससे पहले उन्होंने अगस्त में कहा था कि अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं तो मस्क को कैबिनेट पद या फिर अपने प्रशासन में सलाहकार की भूमिका सौंपने पर विचार करेंगे। इसके बाद मस्क ने कहा था कि वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ट्रम्प ने माइक वॉल्ट्ज को NSA बनाया, चीन विरोधी हैं, भारत से दोस्ती रखने के हिमायती अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने फ्लोरिडा के सांसद माइक वॉल्ट्ज को देश का नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) नियुक्त करने का फैसला किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस फैसले से परिचित दो सूत्रों ने ये जानकारी दी है। माइक वॉल्ट्ज को चीन-ईरान का विरोधी और भारत समर्थक माना जाता है। वे चीन पर अमेरिका की निर्भरता कम करने से जुड़े कई विधेयकों का समर्थन कर चुके हैं। वॉल्ट्ज अमेरिकी सेना की स्पेशल यूनिट फोर्स में 'ग्रीन बेरे कमांडो' रह चुके हैं और तालिबान के साथ अफगानिस्तान में जंग भी लड़ चुके हैं। उन्होंने अफगानिस्तान से बाइडेन सरकार की सैन्य वापसी का कड़ा विरोध किया था। वे मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में चार NSA बदले थे। पहले सलाहकार जनरल मैकमास्टर सिर्फ 22 दिन ही पद पर रह पाए थे। इंडिया कॉकस क्या है, जिससे वॉल्ट्ज जुड़े हैं
इंडिया कॉकस अमेरिकी सांसदों का एक ग्रुप है, जो भारत-अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए काम करता है। इसका गठन 2004 में न्यूयॉर्क की तत्कालीन सीनेटर हिलेरी क्लिंटन (डेमोक्रेट्स) और विदेश मंत्री जॉन कॉर्निन (रिपब्लिकन) ने किया था। इंडिया कॉकस अमेरिकी संसद में भारत के मामलों पर चर्चा करने और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा मंच बन चुका है। इंडिया कॉकस में फिलहाल 40 मेंबर हैं। इंडिया कॉकस में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के नेता शामिल होते हैं। इसके सदस्य नियमित रूप से भारतीय नेताओं से मिलते हैं और अमेरिकी सरकार को भारत से जुड़े मामलों में सलाह देते हैं। वॉल्ट्ज इंडिया कॉकस के को-चेयर हैं और भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखने के पक्ष में हैं। साल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के जॉइंट सेशन को संबोधित किया था। उनके इस भाषण की व्यवस्था में वॉल्ट्ज का बड़ा रोल था। उन्होंने ही हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी से मोदी को आमंत्रित करने की अपील की थी। अमेरिका में NSA बहुत अहम पद, नियुक्ति के लिए सीनेट की परमिशन जरूरी नहीं
अमेरिका में NSA एक अहम पद होता है। इसकी नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। इसके लिए सीनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होती है। इसका काम टॉप राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना और राष्ट्रपति की नीतियों को लागू करना होता है। फिलहाल जैक सुलिवन इस पद पर हैं वॉल्ट्ज ऐसे दूसरे रिपब्लिकन सांसद हैं, जिन्हें ट्रम्प प्रशासन में पद मिला है। इससे पहले ट्रम्प ने न्यूयॉर्क की सांसद एलिस स्टेफैनिक को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की अगली राजदूत के रूप में चुना था। स्टेफैनिक ट्रम्प की वफादार समर्थक रही हैं। उन्होंने हार्वर्ड से पढ़ाई की है और पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में भी उनके प्रशासन में काम कर चुकी हैं। ट्रम्प ने अपने पुराने सहयोगी स्टीफन मिलर को अपने नए प्रशासन में नीति मामलों का डिप्टी चीफ बनाया है। वे ट्रम्प के पहले कार्यकाल में उनके सलाहकार के पद पर थे। वे अवैध प्रवासियों पर कठोर रुख रखने के लिए जाने जाते हैं। मार्को रूबियो बन सकते हैं विदेश मंत्री, पहले विवेक रामास्वामी को दावेदार माना जा रहा था
ट्रम्प ने फ्लोरिडा से सीनेटर मार्को रूबियो विदेश मंत्री बनाने का फैसला किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक फिलहाल उनका नाम आधिकारिक तौर पर तय नहीं हुआ है, लेकिन ट्रम्प उनके नाम पर लगभग सहमति बना चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में विवेक रामास्वामी को भी इस पद का दावेदार माना जा रहा था। मार्को रूबियो फ्लोरिडा से सीनेटर हैं। उन्हें लातिन अमेरिका मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है। वे चीन, ईरान, वेनेजुएला और क्यूबा को लेकर कठोर रुख रखने के लिए जाने जाते हैं। रूबियो पहले रूस के खिलाफ कई बयान दे चुके हैं। लेकिन हाल में वो ऐसा करने से बचते रहे हैं। रूबियो ने साल 2019 में ट्रम्प को वेनेजुएला के खिल
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रम्प सरकार चलाने के लिए अपनी टीम का गठन करने में जुटे हैं। कुछ पदों पर नियुक्तियों के बाद उन्होंने टेस्ला चीफ इलॉन मस्क और भारतवंशी उद्योगपति विवेक रामास्वामी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मस्क और रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी (DoGE) विभाग का नेतृत्व करेंगे। DoGE एक नया विभाग है जो सरकार को बाहर से सलाह देगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे लेकर बयान जारी किया है। ट्रम्प ने कहा- मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ये दोनों अद्भुत अमेरिकी मेरे प्रशासन के लिए नौकरशाही को खत्म करने, फिजूलखर्ची में कटौती करने, गैरजरूरी नियमों को समाप्त करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन का काम करेंगे। ये उनके ‘सेव अमेरिका’ एजेंडे के लिए जरूरी है। ट्रम्प ने बयान में कहा कि सरकारी पैसे की बर्बादी करने वाले लोगों में नई व्यवस्था से हड़कंप मच जाएगा। रिपब्लिकन नेताओं ने लंबे समय से DOGE के मकसद को पूरा करने का सपना देखा है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि इस नए विभाग की जिम्मेदारी 4 जुलाई 2026 को समाप्त हो जाएगी। मस्क बोले- नए विभाग से सरकार के 2 ट्रिलियन डॉलर बचेंगे
मस्क ने कहा कि वे नए विभाग के जरिए सरकारी खर्च में कम से कम 2 ट्रिलियन डॉलर (168 लाख करोड़) की कटौती कर पाएंगे। हालांकि कुछ विशेषज्ञ इसे असंभव बता रहे हैं। वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक मस्क डिफेंस बजट या फिर सोशल सिक्योरिटी जैसे जरूरी प्रोग्राम में कटौती करते हैं तभी वे ऐसा कर पाएंगे। ट्रम्प ने सिंतबर की शुरुआत में DoGE के गठन का प्रस्ताव रखा था। इससे पहले उन्होंने अगस्त में कहा था कि अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं तो मस्क को कैबिनेट पद या फिर अपने प्रशासन में सलाहकार की भूमिका सौंपने पर विचार करेंगे। इसके बाद मस्क ने कहा था कि वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ट्रम्प ने माइक वॉल्ट्ज को NSA बनाया, चीन विरोधी हैं, भारत से दोस्ती रखने के हिमायती अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने फ्लोरिडा के सांसद माइक वॉल्ट्ज को देश का नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) नियुक्त करने का फैसला किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस फैसले से परिचित दो सूत्रों ने ये जानकारी दी है। माइक वॉल्ट्ज को चीन-ईरान का विरोधी और भारत समर्थक माना जाता है। वे चीन पर अमेरिका की निर्भरता कम करने से जुड़े कई विधेयकों का समर्थन कर चुके हैं। वॉल्ट्ज अमेरिकी सेना की स्पेशल यूनिट फोर्स में 'ग्रीन बेरे कमांडो' रह चुके हैं और तालिबान के साथ अफगानिस्तान में जंग भी लड़ चुके हैं। उन्होंने अफगानिस्तान से बाइडेन सरकार की सैन्य वापसी का कड़ा विरोध किया था। वे मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में चार NSA बदले थे। पहले सलाहकार जनरल मैकमास्टर सिर्फ 22 दिन ही पद पर रह पाए थे। इंडिया कॉकस क्या है, जिससे वॉल्ट्ज जुड़े हैं
इंडिया कॉकस अमेरिकी सांसदों का एक ग्रुप है, जो भारत-अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए काम करता है। इसका गठन 2004 में न्यूयॉर्क की तत्कालीन सीनेटर हिलेरी क्लिंटन (डेमोक्रेट्स) और विदेश मंत्री जॉन कॉर्निन (रिपब्लिकन) ने किया था। इंडिया कॉकस अमेरिकी संसद में भारत के मामलों पर चर्चा करने और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा मंच बन चुका है। इंडिया कॉकस में फिलहाल 40 मेंबर हैं। इंडिया कॉकस में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के नेता शामिल होते हैं। इसके सदस्य नियमित रूप से भारतीय नेताओं से मिलते हैं और अमेरिकी सरकार को भारत से जुड़े मामलों में सलाह देते हैं। वॉल्ट्ज इंडिया कॉकस के को-चेयर हैं और भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखने के पक्ष में हैं। साल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के जॉइंट सेशन को संबोधित किया था। उनके इस भाषण की व्यवस्था में वॉल्ट्ज का बड़ा रोल था। उन्होंने ही हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी से मोदी को आमंत्रित करने की अपील की थी। अमेरिका में NSA बहुत अहम पद, नियुक्ति के लिए सीनेट की परमिशन जरूरी नहीं
अमेरिका में NSA एक अहम पद होता है। इसकी नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। इसके लिए सीनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होती है। इसका काम टॉप राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना और राष्ट्रपति की नीतियों को लागू करना होता है। फिलहाल जैक सुलिवन इस पद पर हैं वॉल्ट्ज ऐसे दूसरे रिपब्लिकन सांसद हैं, जिन्हें ट्रम्प प्रशासन में पद मिला है। इससे पहले ट्रम्प ने न्यूयॉर्क की सांसद एलिस स्टेफैनिक को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की अगली राजदूत के रूप में चुना था। स्टेफैनिक ट्रम्प की वफादार समर्थक रही हैं। उन्होंने हार्वर्ड से पढ़ाई की है और पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में भी उनके प्रशासन में काम कर चुकी हैं। ट्रम्प ने अपने पुराने सहयोगी स्टीफन मिलर को अपने नए प्रशासन में नीति मामलों का डिप्टी चीफ बनाया है। वे ट्रम्प के पहले कार्यकाल में उनके सलाहकार के पद पर थे। वे अवैध प्रवासियों पर कठोर रुख रखने के लिए जाने जाते हैं। मार्को रूबियो बन सकते हैं विदेश मंत्री, पहले विवेक रामास्वामी को दावेदार माना जा रहा था
ट्रम्प ने फ्लोरिडा से सीनेटर मार्को रूबियो विदेश मंत्री बनाने का फैसला किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक फिलहाल उनका नाम आधिकारिक तौर पर तय नहीं हुआ है, लेकिन ट्रम्प उनके नाम पर लगभग सहमति बना चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में विवेक रामास्वामी को भी इस पद का दावेदार माना जा रहा था। मार्को रूबियो फ्लोरिडा से सीनेटर हैं। उन्हें लातिन अमेरिका मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है। वे चीन, ईरान, वेनेजुएला और क्यूबा को लेकर कठोर रुख रखने के लिए जाने जाते हैं। रूबियो पहले रूस के खिलाफ कई बयान दे चुके हैं। लेकिन हाल में वो ऐसा करने से बचते रहे हैं। रूबियो ने साल 2019 में ट्रम्प को वेनेजुएला के खिलाफ और कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए राजी किया था ताकि वहां के वामपंथी राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को सत्ता से हटाया जा सके। रुबियो इजराइल के कट्टर समर्थक हैं और गाजा जंग के लिए हमास को दोषी मानते हैं। भारत समर्थक नेता हैं रूबियो, चीनी सामानों पर टैक्स लगाने की मांग की थी
रूबियो ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि इंडिया पैसिफिक में अशांति फैलाने में चीन की बड़ी भूमिका है। वह चीनी सामानों पर भारी टैक्स लगाने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि चीन शिंजियांग प्रांत में बसे उइगर मुसलमानों से बेहद कम कीमत पर काम कराता है। ऐसे में दूसरे देशों की कंपनियां उनका मुकाबला नहीं कर पाती हैं। रूबियो भी भारत समर्थक माने जाते हैं। उन्होंने इस साल जुलाई में अमेरिकी सीनेट में एक बिल पेश किया था, जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने और पाकिस्तान पर आतंकवाद प्रायोजित करने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा मदद रोकने की मांग की थी। ..................................... ट्रम्प प्रशासन में नियुक्तियों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... ट्रम्प सरकार में काश पटेल बन सकते हैं CIA चीफ:ट्रम्प के वफादारों में होती है गिनती; विवेक रामास्वामी को भी मिल सकती है जगह काश पटेल को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) चीफ की जिम्मेदारी मिल सकती है। वे इस पद के लिए शीर्ष दावेदार बताए जा रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प पहले ही पटेल को CIA चीफ बनाने का मन बना चुके हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... ट्रम्प प्रशासन में पूर्व विदेशमंत्री माइक पोम्पियो को जगह नहीं:निकी हेली भी शामिल नहीं, ट्रम्प के खिलाफ प्राइमरी चुनाव लड़ी थीं डोनाल्ड ट्रम्प अपने प्रशासन में पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और साउथ कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली को शामिल नहीं करेंगे। ट्रम्प ने कहा कि मुझे पिछली बार उनके साथ काम करके अच्छा लगा। मैं देश सेवा के लिए उनकी सराहना करता हूं और धन्यवाद देता हूं। पूरी खबर यहां पढ़ें...