तहसील की हवालात में रख दिए शासकीय दस्तावेज:कानपुर की घाटमपुर तहसील में जब बकायेदार को हवालात में बंद किया तब खुला मामला;अब नाजिर पर कार्रवाई की तैयारी
कानपुर की घाटमपुर तहसील में चौकाने वाली घटना हुई। तहसील की हवालात को शासकीय दस्तावेजों का रिकार्ड रूम बना दिया गया। इतना ही नहीं तहसील कर्मियों ने उन्हीं महत्वपूर्ण दस्तावेजों के बीच एक बकायदार को लाकर बंद कर दिया। मामला खुला तो पूरी तहसील में हड़कम्प मच गया। तहसीलदार ने तत्काल सारे दस्तावेज हवालात से हटवाए। तहसीलदार के मुताबिक जिस नाजिर के पास यह दस्तावेज है उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को लिखा गया है। सन 2018 के मई माह से घाटमपुर तहसील की नई बिल्डिंग में शासकीय कार्य संचालित हो रहे हैं। यहीं एक कोने में बकायेदारों की हवालात स्थित है। जिसका साल में एक या दो बार ही बकायेदारों को बंद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तहसीलकर्मियों की नजर इस हवालात पर पड़ी तो उन लोगों ने दस्तावेजों का ढेर उसी में इकट्ठा करना शुरू कर दिया। 8.83 लाख के बकायदार को पकड़कर हवालात में कर दिया बंद हवालात में सरकारी दस्तावेज इकट्ठा हो रहे थे और इधर तहसीलकर्मियों ने सोमवार को 8.83 लाख के बकायदार सलहौली गांव घाटमपुर निवासी अमित सिंह कुशवाहा को बकायदारी न जमा करने पर पकड़ा और हवालात में डाल दिया। अमित की जहानाबाद रोड पर रिक्शा कम्पनी है। जिसमें एक मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई थी। मजदूर की पत्नी ने लेबर कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया। कोर्ट ने अमित को 8.83 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। अमित ने मजदूर की पत्नी को यह धनराशि नहीं दी तो उसके खिलाफ तहसील से कार्रवाई की गई। तहसीलदार बोले होगी कार्रवाई इस मामले में घाटमपुर तहसीलदार लक्ष्मीनारायण बाजपेई ने बताया कि तहसील का नाजिर मोहित बनौतिया बिना सूचना के करीब एक माह से लापता है। उसी के अभिलेख हवालात में बंद थे। अभिलेख हटवा दिए गए हैं।नाजिर के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र लिखा गया है।
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