तेलंगाना CM ने हरियाणा कांग्रेस पर सवाल खड़े किए:बोले-लोकल फैक्टर पर वोट मांगे, तभी जाट वर्सेज नॉन जाट हुआ और पार्टी चुनाव हारी

हरियाणा में कांग्रेस की हार का मुद्दा अब पार्टी के ही सीनियर नेताओं को बुरी तरीके से अखर रहा है। इसको लेकर अब तेलंगाना के कांग्रेसी CM रेवंत रेड्‌डी का बयान सामने आया है। उन्होंने यहां के लोकल नेताओं के चुनाव लड़ने के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं। रेड्‌डी ने कहा सोनिया गांधी या राहुल गांधी की जगह हरियाणा के नेताओं ने लोकल फैक्टर पर वोट मांगे, जिस वजह से जाट वर्सेज नॉन जाट जैसे मुद्दे बन गए। उन्होंने हरियाणा के नेताओं को नसीहत भी दी कि लोकल फैक्टर पर चुनाव लड़ने में पसंद-नापसंद स्ट्रॉन्ग रहती है। उन्होंने एक निजी न्यूज संस्थान के दौरान इस पर खुलकर अपनी बात कही। बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस ने पूरा चुनाव पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा की अगुआई में लड़ा। नेशनल लेवल पर भी कांग्रेस हाईकमान ने सांसद कुमारी सैलजा, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव जैसे नेताओं को नजरअंदाज किया। जिस वजह से अच्छे माहौल के बावजूद कांग्रेस चुनाव हार गई और BJP ने हरियाणा के इतिहास में जीत की हैट्रिक लगाकर तीसरी बार सरकार बना ली। हालांकि हरियाणा कांग्रेस कैंपेन, गुटबाजी, भीतरघात समेत तमाम कारणों को नकारकर EVM को हार के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने पहले चुनाव आयोग से शिकायत की। वहां से आरोप गलत करार दिए जाने पर कांग्रेस हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। वहीं राहुल गांधी ने हार के बाद पहली समीक्षा मीटिंग में कहा था कि यहां नेताओं के हित पार्टी से ऊपर हो गए, जिसकी वजह से अच्छे माहौल के बावजूद पार्टी जीत नहीं पाई। कांग्रेस हाईकमान की बनाई कमेटी में भी हारे उम्मीदवारों ने गुटबाजी और भीतरघात को जिम्मेदार ठहराया था। रेवंत रेड्‌डी की कहीं 5 अहम बातें,,, 1. हरियाणा को स्टडी किया, तेलंगाना में सोनिया के नाम पर वोट मांगे तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी ने कहा- हरियाणा को कंपेयर करके बोलने वाला हूं। बाकी का मैंने ज्यादा स्टडी नहीं किया है। तेलंगाना में हम लोगों ने मेहनत की। हमने सोनिया गांधी के नाम पर हार्डवर्क किया। हमने सोनिया गांधी के नाम पर वोट मांगा। 60 साल के बाद उन्होंने तेलंगाना को एक शब्द दिया कि मैं आपके सपनों को पूरा करूंगी। उन्होंने अपना कमिटमेंट निभाया है। 2. हरियाणा में जाट वर्सेज नॉन जाट का परसेप्शन क्रिएट हुआ मैं मेहनत कर रहा हूं, मैं सिपाही हूं लेकिन मेरी नेता सोनिया गांधी हैं। वोट देना है तो सोनिया गांधी को वोट दो। हरियाणा में परसेप्शन क्रिएट करने वाला काम हुआ। यहां चर्चा हो गई जाट वर्सेज नॉन जाट या और भी अलग-अलग। 3. राहुल गांधी के नाम पर वोट क्यों नहीं मांगे अगर राहुल गांधी के नाम पर वोट मांगते। उन्होंने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर और मणिपुर से मुंबई तक पदयात्रा की। अगर हरियाणा जीते तो राहुल गांधी इस देश के नेता बनेंगे। देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। अगर यह नारा लेकर हरियाणा में चुनाव लड़ते तो ये सब माहौल नहीं बनता। हरियाणा में लोकल फैक्टर पर चुनाव लड़ने की कोशिश की गई। मगर, लोकल फैक्टर में पसंद और नापसंद स्ट्रॉन्ग रहती है। 4. भाजपा सरपंच-सोसाइटी चुनाव भी मोदी के नाम पर लड़ती है उन्होंने पूछा कि क्यों सरपंच इलेक्शन में भी BJP वाले नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगते हैं। सरपंच से मोदी को क्या लेना-देना है। सोसाइटी के चुनाव में भी वह कहते हैं कि मोदी को वोट दो। इसका पूरा मतलब यह है कि लोकल फैक्टर से उबरने के लिए आपको एक ब्रांड की जरूरत है। 5. देश में 2 ही परिवार, परसेप्शन क्रिएट करना चाहिए था इस देश में दो ही परिवार हैं, मोदी परिवार वर्सेज गांधी परिवार। मोदी जी का संघ परिवार और दूसरा महात्मा गांधी का परिवार। अगर यह परसेप्शन क्रिएट किया जाता तो लोग अपने आप फैसला करते। ********************** ये खबर भी पढ़ें.. हरियाणा में कांग्रेस क्यों हारी: चुनाव प्रचार में नौकरी बांटने वालों का क्या हुआ, बैल्टवाइज रिजल्ट क्या रहा, सवाल-जवाब पढ़िए कांग्रेस के माहौल के दावे के बीच BJP सबको चौंकाते हुए 48 सीटें जीतकर बहुमत में आ गई। BJP की जीत ऐतिहासिक रही क्योंकि हरियाणा में आज तक कोई पार्टी जीत की हैट्रिक यानी लगातार 3 बार सत्ता में नहीं आ पाई (पूरी खबर पढ़ें)

Nov 26, 2024 - 05:30
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तेलंगाना CM ने हरियाणा कांग्रेस पर सवाल खड़े किए:बोले-लोकल फैक्टर पर वोट मांगे, तभी जाट वर्सेज नॉन जाट हुआ और पार्टी चुनाव हारी
हरियाणा में कांग्रेस की हार का मुद्दा अब पार्टी के ही सीनियर नेताओं को बुरी तरीके से अखर रहा है। इसको लेकर अब तेलंगाना के कांग्रेसी CM रेवंत रेड्‌डी का बयान सामने आया है। उन्होंने यहां के लोकल नेताओं के चुनाव लड़ने के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं। रेड्‌डी ने कहा सोनिया गांधी या राहुल गांधी की जगह हरियाणा के नेताओं ने लोकल फैक्टर पर वोट मांगे, जिस वजह से जाट वर्सेज नॉन जाट जैसे मुद्दे बन गए। उन्होंने हरियाणा के नेताओं को नसीहत भी दी कि लोकल फैक्टर पर चुनाव लड़ने में पसंद-नापसंद स्ट्रॉन्ग रहती है। उन्होंने एक निजी न्यूज संस्थान के दौरान इस पर खुलकर अपनी बात कही। बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस ने पूरा चुनाव पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा की अगुआई में लड़ा। नेशनल लेवल पर भी कांग्रेस हाईकमान ने सांसद कुमारी सैलजा, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव जैसे नेताओं को नजरअंदाज किया। जिस वजह से अच्छे माहौल के बावजूद कांग्रेस चुनाव हार गई और BJP ने हरियाणा के इतिहास में जीत की हैट्रिक लगाकर तीसरी बार सरकार बना ली। हालांकि हरियाणा कांग्रेस कैंपेन, गुटबाजी, भीतरघात समेत तमाम कारणों को नकारकर EVM को हार के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने पहले चुनाव आयोग से शिकायत की। वहां से आरोप गलत करार दिए जाने पर कांग्रेस हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। वहीं राहुल गांधी ने हार के बाद पहली समीक्षा मीटिंग में कहा था कि यहां नेताओं के हित पार्टी से ऊपर हो गए, जिसकी वजह से अच्छे माहौल के बावजूद पार्टी जीत नहीं पाई। कांग्रेस हाईकमान की बनाई कमेटी में भी हारे उम्मीदवारों ने गुटबाजी और भीतरघात को जिम्मेदार ठहराया था। रेवंत रेड्‌डी की कहीं 5 अहम बातें,,, 1. हरियाणा को स्टडी किया, तेलंगाना में सोनिया के नाम पर वोट मांगे तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी ने कहा- हरियाणा को कंपेयर करके बोलने वाला हूं। बाकी का मैंने ज्यादा स्टडी नहीं किया है। तेलंगाना में हम लोगों ने मेहनत की। हमने सोनिया गांधी के नाम पर हार्डवर्क किया। हमने सोनिया गांधी के नाम पर वोट मांगा। 60 साल के बाद उन्होंने तेलंगाना को एक शब्द दिया कि मैं आपके सपनों को पूरा करूंगी। उन्होंने अपना कमिटमेंट निभाया है। 2. हरियाणा में जाट वर्सेज नॉन जाट का परसेप्शन क्रिएट हुआ मैं मेहनत कर रहा हूं, मैं सिपाही हूं लेकिन मेरी नेता सोनिया गांधी हैं। वोट देना है तो सोनिया गांधी को वोट दो। हरियाणा में परसेप्शन क्रिएट करने वाला काम हुआ। यहां चर्चा हो गई जाट वर्सेज नॉन जाट या और भी अलग-अलग। 3. राहुल गांधी के नाम पर वोट क्यों नहीं मांगे अगर राहुल गांधी के नाम पर वोट मांगते। उन्होंने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर और मणिपुर से मुंबई तक पदयात्रा की। अगर हरियाणा जीते तो राहुल गांधी इस देश के नेता बनेंगे। देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। अगर यह नारा लेकर हरियाणा में चुनाव लड़ते तो ये सब माहौल नहीं बनता। हरियाणा में लोकल फैक्टर पर चुनाव लड़ने की कोशिश की गई। मगर, लोकल फैक्टर में पसंद और नापसंद स्ट्रॉन्ग रहती है। 4. भाजपा सरपंच-सोसाइटी चुनाव भी मोदी के नाम पर लड़ती है उन्होंने पूछा कि क्यों सरपंच इलेक्शन में भी BJP वाले नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगते हैं। सरपंच से मोदी को क्या लेना-देना है। सोसाइटी के चुनाव में भी वह कहते हैं कि मोदी को वोट दो। इसका पूरा मतलब यह है कि लोकल फैक्टर से उबरने के लिए आपको एक ब्रांड की जरूरत है। 5. देश में 2 ही परिवार, परसेप्शन क्रिएट करना चाहिए था इस देश में दो ही परिवार हैं, मोदी परिवार वर्सेज गांधी परिवार। मोदी जी का संघ परिवार और दूसरा महात्मा गांधी का परिवार। अगर यह परसेप्शन क्रिएट किया जाता तो लोग अपने आप फैसला करते। ********************** ये खबर भी पढ़ें.. हरियाणा में कांग्रेस क्यों हारी: चुनाव प्रचार में नौकरी बांटने वालों का क्या हुआ, बैल्टवाइज रिजल्ट क्या रहा, सवाल-जवाब पढ़िए कांग्रेस के माहौल के दावे के बीच BJP सबको चौंकाते हुए 48 सीटें जीतकर बहुमत में आ गई। BJP की जीत ऐतिहासिक रही क्योंकि हरियाणा में आज तक कोई पार्टी जीत की हैट्रिक यानी लगातार 3 बार सत्ता में नहीं आ पाई (पूरी खबर पढ़ें)

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