संभल हिंसा...पोस्टमार्टम में किसी के जिस्म से नहीं मिली बुलेट:मरने वाले चारों युवकों को सीने में गोली लगी और पीठ से पार हो गई

संभल हिंसा में मरने वाले चारों युवकों को सीने में गोली लगी थी। पोस्टमार्टम में चारों के शरीर से कोई बुलेट रिकवर नहीं हुई है।गोली सीने को चीरते हुए पीठ से पार हो गई। बुलेट रिकवर नहीं होने की वजह से ये ठीक-ठीक कहना मुश्किल है कि मृतकों को लगी गोली किस गन से चली थी। सबसे पहले जानिए कैसे पता चलता है गोली किस वेपन से चली कंडीशन-1 अगर किसी डेडबॉडी से पोस्टमार्टम के दौरान बुलेट रिकवर होती है तो फॉरेंसिक टीम बैलिस्टिक जांच से ये बता सकती है कि बुलेट किस बोर की है। ऐसे केसेज में पुलिस रिकवर बुलेट, पोस्टमार्टम् रिपोर्ट और डेडबॉडी की फोटोज को फॉरेंसिक लैब भेजती है। ऐसे केसेज में फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट शतप्रतिशत सही मानी जाती है। रिकवर बुलेट से उसके बोर का पता लगाने के लिए फॉरिेंसिक लैब में एकदम सटीक व्यवस्थाएं हैं। कंडीशन-2 यदि पोस्टमार्टम में बॉडी से बुलेट रिकवर नहीं होती है तो गोली के एंटर और एग्जिट प्वाइंट्स के हॉल से ये अनुमान लगाया जा सकता है कि बुलेट किस बोर की रही होगी। इसके लिए बॉडी में बुलेट की एंट्री और एग्जिट प्वाइंटस के फोटोग्राफ को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ फॉरेंसिक लैब भेजा जाता है। लेकिन इस केस में बुलेट के बोर को लेकर सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है, ये अनुमान पूरी तरह सही हो ये जरूरी नहीं है। कंडीशन-3 घटनास्थल पर अगर कोई खोखा मिला हो तो उससे उसके बोर का ठीक-ठीक पता चल जाता है। यदि पुलिस कोई वेपन भी रिकवर करती है तो फॉरेंसिक लैब से बैलिस्टिक जांच में ये ठीक-ठीक पता चल सकता है कि रिवकर खोखा और रिकवर वेपन आपस में कनेक्टेड हैं या नहीं। मतलब ये बताया जा सकता है कि रिकवर खोखे वाली गोली उस रिकवर वेपन से चली है अथवा नहीं। बैलिस्टिक जांच में दोनों का ठीक-ठीक मिलान संभव है। सवाल-संभल केस में कैसे पता चलेगा किस गन से चली गोली ? जवाब- संभल हिंसा में मरने वाले चारों युवकों की बॉडी से बुलेट रिकवर नहीं हुई है। हालांकि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने बुलेट के एंट्री-एग्जिट प्वाइंट्स के सुराख के आधार पर दावा किया है कि ये 9mm बुलेट यानी पुलिस बोर का सुराख नहीं है। लेकिन डॉक्टरों के अनुमान की कानूनी महत्ता तभी साबित होगी जब इस पर फॉरेंसिक लैब अपनी राय देगी। मुमकिन है कि विवेचना के दौरान पुलिस डेडबॉडी में बुने बुलेट के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स होल की तस्वीरों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ फॉरेंसिक लैब में स्टडी के लिए भेजे। हालांकि ऐसे मामलों में फॉरेंसिक राय भी 100 प्रतिशत ही हो ये जरूरी नहीं है। लेकिन फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से एक अनुमान लगाया जा सकता है कि गोली कितने बोर की रही होगी। मृतक-अयान (20 साल) निवासी -मोहल्ला कोट गर्वी, मौलवी साहब वाली मस्जिद,कोतवाली संभल। पोस्टमार्टम रिपोर्ट- लिवर से घुसी गोली पीठ से पार निकली अयान को घायल अवस्था में रविवार को मुरादाबाद जिला अस्पताल लाया गया था। कुछ देर इलाज के बाद उसे टीएमयू रेफर कर दिया गया था। TMU अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। सोमवार को मुरादाबाद में डॉक्टर्स के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि अयान को गोली लिवर से एंटर हुई और सीने से होते हुए पीठ से पार निकल गई। इससे ऐसा लगता है कि वो गोली लगते समय किसी ऊंचे स्थान पर रहा होगा। उसके जिस्म से कोई बुलेट बरामद नहीं हुई है। इससे ये कहना मुश्किल है कि उसे किस बोर की गोली लगी। उसके घुटने और कोहनी पर घिसट के निशान भी मिले हैं। ये एंटी मार्टम इंजरी हैं, इसका मतलब है कि ये चोट उसे मरने से पहले लगी हैं। संभवत: भगदड़ में उसे ये चोट लगी हों। नाम-बिलाल (25 साल) निवासी- हयातनगर,सरायतरीन, संभल पोस्टमार्टम रिपोर्ट- सीने से घुसी गोली सीना चीरते हुए पीठ से बाहर निकली। बिलाल का पोस्टमार्टम रविवार को ही हो गया था। इसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि बिलाल को सीने से गोली घुसी और सीना चीरते हुए पीठ से बाहर निकल गई। उसके शरीर में भी कोई बुलेट नहीं मिली है। बिलाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में घुटने, कोहनी और चेहरे पर भी एंटी मार्टम इंजरी हैं। ये चोटें भगदड़ में गिरने से हो सकती हैं। बुलेट नहीं मिलने से ये कहना मुश्किल है कि बिलाल को किस बोर की गोली लगी थी। लेकिन डॉक्टर शरीर में बने सुराख से इसके 315 बोर का होने का अनुमान लगा रहे हैं। डॉक्टर्स का ये जरूर कहना है कि ये पुलिस बोर 9 mm जैसा सुराख तो हरगिज नहीं है। नईम (30 साल) निवासी-कोट गर्बी, संभ​​​​​​​ल पोस्टमार्टम रिपोर्ट- नईम की पोस्टमार्टम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि उसे भी सीने में गोली लगी और पीठ से बाहर निकल गई। लेकिन उसके शरीर में भी कोई बुलेट फंसी नहीं मिली है। उसके दाहिने हाथ, घुटने और कोहनी में इंजरी है। माथे पर भी चोट है। ये सभी एंटी मार्टम इंजरी हैं। ये भी भगदड़ में गिरने से लगी चोटें हो सकती हैं। नाम- कैफ (20 साल) निवासी - तुर्तीपुरा इलहा, संभल पोस्टमार्टम रिपोर्ट- कैफ को भी सीने में गोली लगी है। लेकिन बुलेट यहां भी नहीं मिली है। सीने में घुसी गोली पीठ से बाहर निकल गई। एंटी मार्टम इंजरी में हाथ, पैर और घुटनों पर घिसट के निशान हैं। यहां भी डॉक्टर्स गोली के सुराख को 9mm से भिन्न होने की बात कह रहे हैं। यदि बुलेट मिलती तो बैलिस्टिक जांच की मदद से ठीक-ठीक पता चलता कि रिकवर बुलेट किस गन से चली थी। लेकिन यहां बुलेट रिकवर नहीं होने की वजह से ये ठीक-ठीक पता लगाने के लिए फॉरेंसिक जांच और डॉक्टर्स की सलाह विवेचना में ली जाएगी।

Nov 26, 2024 - 09:50
 0  4.5k
संभल हिंसा...पोस्टमार्टम में किसी के जिस्म से नहीं मिली बुलेट:मरने वाले चारों युवकों को सीने में गोली लगी और पीठ से पार हो गई
संभल हिंसा में मरने वाले चारों युवकों को सीने में गोली लगी थी। पोस्टमार्टम में चारों के शरीर से कोई बुलेट रिकवर नहीं हुई है।गोली सीने को चीरते हुए पीठ से पार हो गई। बुलेट रिकवर नहीं होने की वजह से ये ठीक-ठीक कहना मुश्किल है कि मृतकों को लगी गोली किस गन से चली थी। सबसे पहले जानिए कैसे पता चलता है गोली किस वेपन से चली कंडीशन-1 अगर किसी डेडबॉडी से पोस्टमार्टम के दौरान बुलेट रिकवर होती है तो फॉरेंसिक टीम बैलिस्टिक जांच से ये बता सकती है कि बुलेट किस बोर की है। ऐसे केसेज में पुलिस रिकवर बुलेट, पोस्टमार्टम् रिपोर्ट और डेडबॉडी की फोटोज को फॉरेंसिक लैब भेजती है। ऐसे केसेज में फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट शतप्रतिशत सही मानी जाती है। रिकवर बुलेट से उसके बोर का पता लगाने के लिए फॉरिेंसिक लैब में एकदम सटीक व्यवस्थाएं हैं। कंडीशन-2 यदि पोस्टमार्टम में बॉडी से बुलेट रिकवर नहीं होती है तो गोली के एंटर और एग्जिट प्वाइंट्स के हॉल से ये अनुमान लगाया जा सकता है कि बुलेट किस बोर की रही होगी। इसके लिए बॉडी में बुलेट की एंट्री और एग्जिट प्वाइंटस के फोटोग्राफ को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ फॉरेंसिक लैब भेजा जाता है। लेकिन इस केस में बुलेट के बोर को लेकर सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है, ये अनुमान पूरी तरह सही हो ये जरूरी नहीं है। कंडीशन-3 घटनास्थल पर अगर कोई खोखा मिला हो तो उससे उसके बोर का ठीक-ठीक पता चल जाता है। यदि पुलिस कोई वेपन भी रिकवर करती है तो फॉरेंसिक लैब से बैलिस्टिक जांच में ये ठीक-ठीक पता चल सकता है कि रिवकर खोखा और रिकवर वेपन आपस में कनेक्टेड हैं या नहीं। मतलब ये बताया जा सकता है कि रिकवर खोखे वाली गोली उस रिकवर वेपन से चली है अथवा नहीं। बैलिस्टिक जांच में दोनों का ठीक-ठीक मिलान संभव है। सवाल-संभल केस में कैसे पता चलेगा किस गन से चली गोली ? जवाब- संभल हिंसा में मरने वाले चारों युवकों की बॉडी से बुलेट रिकवर नहीं हुई है। हालांकि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने बुलेट के एंट्री-एग्जिट प्वाइंट्स के सुराख के आधार पर दावा किया है कि ये 9mm बुलेट यानी पुलिस बोर का सुराख नहीं है। लेकिन डॉक्टरों के अनुमान की कानूनी महत्ता तभी साबित होगी जब इस पर फॉरेंसिक लैब अपनी राय देगी। मुमकिन है कि विवेचना के दौरान पुलिस डेडबॉडी में बुने बुलेट के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स होल की तस्वीरों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ फॉरेंसिक लैब में स्टडी के लिए भेजे। हालांकि ऐसे मामलों में फॉरेंसिक राय भी 100 प्रतिशत ही हो ये जरूरी नहीं है। लेकिन फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से एक अनुमान लगाया जा सकता है कि गोली कितने बोर की रही होगी। मृतक-अयान (20 साल) निवासी -मोहल्ला कोट गर्वी, मौलवी साहब वाली मस्जिद,कोतवाली संभल। पोस्टमार्टम रिपोर्ट- लिवर से घुसी गोली पीठ से पार निकली अयान को घायल अवस्था में रविवार को मुरादाबाद जिला अस्पताल लाया गया था। कुछ देर इलाज के बाद उसे टीएमयू रेफर कर दिया गया था। TMU अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। सोमवार को मुरादाबाद में डॉक्टर्स के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि अयान को गोली लिवर से एंटर हुई और सीने से होते हुए पीठ से पार निकल गई। इससे ऐसा लगता है कि वो गोली लगते समय किसी ऊंचे स्थान पर रहा होगा। उसके जिस्म से कोई बुलेट बरामद नहीं हुई है। इससे ये कहना मुश्किल है कि उसे किस बोर की गोली लगी। उसके घुटने और कोहनी पर घिसट के निशान भी मिले हैं। ये एंटी मार्टम इंजरी हैं, इसका मतलब है कि ये चोट उसे मरने से पहले लगी हैं। संभवत: भगदड़ में उसे ये चोट लगी हों। नाम-बिलाल (25 साल) निवासी- हयातनगर,सरायतरीन, संभल पोस्टमार्टम रिपोर्ट- सीने से घुसी गोली सीना चीरते हुए पीठ से बाहर निकली। बिलाल का पोस्टमार्टम रविवार को ही हो गया था। इसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि बिलाल को सीने से गोली घुसी और सीना चीरते हुए पीठ से बाहर निकल गई। उसके शरीर में भी कोई बुलेट नहीं मिली है। बिलाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में घुटने, कोहनी और चेहरे पर भी एंटी मार्टम इंजरी हैं। ये चोटें भगदड़ में गिरने से हो सकती हैं। बुलेट नहीं मिलने से ये कहना मुश्किल है कि बिलाल को किस बोर की गोली लगी थी। लेकिन डॉक्टर शरीर में बने सुराख से इसके 315 बोर का होने का अनुमान लगा रहे हैं। डॉक्टर्स का ये जरूर कहना है कि ये पुलिस बोर 9 mm जैसा सुराख तो हरगिज नहीं है। नईम (30 साल) निवासी-कोट गर्बी, संभ​​​​​​​ल पोस्टमार्टम रिपोर्ट- नईम की पोस्टमार्टम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि उसे भी सीने में गोली लगी और पीठ से बाहर निकल गई। लेकिन उसके शरीर में भी कोई बुलेट फंसी नहीं मिली है। उसके दाहिने हाथ, घुटने और कोहनी में इंजरी है। माथे पर भी चोट है। ये सभी एंटी मार्टम इंजरी हैं। ये भी भगदड़ में गिरने से लगी चोटें हो सकती हैं। नाम- कैफ (20 साल) निवासी - तुर्तीपुरा इलहा, संभल पोस्टमार्टम रिपोर्ट- कैफ को भी सीने में गोली लगी है। लेकिन बुलेट यहां भी नहीं मिली है। सीने में घुसी गोली पीठ से बाहर निकल गई। एंटी मार्टम इंजरी में हाथ, पैर और घुटनों पर घिसट के निशान हैं। यहां भी डॉक्टर्स गोली के सुराख को 9mm से भिन्न होने की बात कह रहे हैं। यदि बुलेट मिलती तो बैलिस्टिक जांच की मदद से ठीक-ठीक पता चलता कि रिकवर बुलेट किस गन से चली थी। लेकिन यहां बुलेट रिकवर नहीं होने की वजह से ये ठीक-ठीक पता लगाने के लिए फॉरेंसिक जांच और डॉक्टर्स की सलाह विवेचना में ली जाएगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow