दो बेटियों की शादी से पहले पिता का सुसाइड:कन्नौज में 5 दिसम्बर को आनी थी बारात, शाम को शादी का सामान खरीदकर लाए थे

कन्नौज जिले के एक गांव में रहने वाले किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। उनके घर में 2 बेटियों की शादी की तैयारियां चल रही थीं। सुबह जब उनका शव दिखा तो परिजन बेसुध हो गए। खुशियों वाले घर में मातम पसर गया। घटना छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के रंधीरपुर गांव की है। यहां के रहने वाले किसान बिनोद ने अपनी 2 बेटियों कल्पना और नेहा की शादी तय कर रखी थी। 5 दिसम्बर को दोनों की बारात आनी है। ऐसे में बिनोद अपनी पत्नी धनदेवी और 3 बेटों राजीव, पंकज व सचिन के साथ खरीदारी व तैयारियों में व्यस्त थे। घर में खुशियों का माहौल था। बीती शाम वह बाजार से द्वारचार के लिए बर्तन और अन्य सामान खरीदकर घर आए थे। बेटों व भाई के साथ बैठकर रात का खाना खाया और फिर सोने के लिए अपने कमरे में चले गए। गुरुवार सुबह 7 बजे तक जब वह कमरे से बाहर नहीं निकले तो उनके भाई और बेटों ने आवाज दी। अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा तोड़कर निकाला खिड़की से कमरे में झांककर देखा तो वह फांसी के फंदे पर लटके हुए थे। आनन-फानन में बेटों और भाइयों ने दरवाजा तोड़ा और अंदर पहुंचकर उन्हें फांसी से नीचे उतारा, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। पिता का शव देखकर उनके बेटे-बेटियां और पत्नी रो-रो कर बेसुध हो गए। कारण नहीं बता पाए परिजन बेटा राजीव ने बताया कि पिता ने फांसी क्यों लगाई, इसका कारण नहीं पता। वह खुशी-खुशी बेटियों की शादी की तैयारियों में लगे हुए थे। शाम को घर में सब कुछ ठीक-ठाक था, फिर पता नहीं क्यों उन्होंने ऐसा कदम उठाया। हालांकि मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस गांव पहुंच गई और शव कब्जे में लेकर घटना की पड़ताल शुरू कर दी।

Nov 28, 2024 - 11:50
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दो बेटियों की शादी से पहले पिता का सुसाइड:कन्नौज में 5 दिसम्बर को आनी थी बारात, शाम को शादी का सामान खरीदकर लाए थे
कन्नौज जिले के एक गांव में रहने वाले किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। उनके घर में 2 बेटियों की शादी की तैयारियां चल रही थीं। सुबह जब उनका शव दिखा तो परिजन बेसुध हो गए। खुशियों वाले घर में मातम पसर गया। घटना छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के रंधीरपुर गांव की है। यहां के रहने वाले किसान बिनोद ने अपनी 2 बेटियों कल्पना और नेहा की शादी तय कर रखी थी। 5 दिसम्बर को दोनों की बारात आनी है। ऐसे में बिनोद अपनी पत्नी धनदेवी और 3 बेटों राजीव, पंकज व सचिन के साथ खरीदारी व तैयारियों में व्यस्त थे। घर में खुशियों का माहौल था। बीती शाम वह बाजार से द्वारचार के लिए बर्तन और अन्य सामान खरीदकर घर आए थे। बेटों व भाई के साथ बैठकर रात का खाना खाया और फिर सोने के लिए अपने कमरे में चले गए। गुरुवार सुबह 7 बजे तक जब वह कमरे से बाहर नहीं निकले तो उनके भाई और बेटों ने आवाज दी। अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा तोड़कर निकाला खिड़की से कमरे में झांककर देखा तो वह फांसी के फंदे पर लटके हुए थे। आनन-फानन में बेटों और भाइयों ने दरवाजा तोड़ा और अंदर पहुंचकर उन्हें फांसी से नीचे उतारा, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। पिता का शव देखकर उनके बेटे-बेटियां और पत्नी रो-रो कर बेसुध हो गए। कारण नहीं बता पाए परिजन बेटा राजीव ने बताया कि पिता ने फांसी क्यों लगाई, इसका कारण नहीं पता। वह खुशी-खुशी बेटियों की शादी की तैयारियों में लगे हुए थे। शाम को घर में सब कुछ ठीक-ठाक था, फिर पता नहीं क्यों उन्होंने ऐसा कदम उठाया। हालांकि मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस गांव पहुंच गई और शव कब्जे में लेकर घटना की पड़ताल शुरू कर दी।

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