नन्हीं परी केस में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी सरकार, CM का ऐलान, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को किया बरी

रैबार डेस्क:  2014 में हल्द्वानी में हुए पिथौरागढ़ की 7 साल का मासूम के साथ... The post नन्हीं परी केस में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी सरकार, CM ने दिए निर्देश, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को किया था बरी appeared first on Uttarakhand Raibar.

Sep 18, 2025 - 18:27
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नन्हीं परी केस में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी सरकार, CM का ऐलान, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को किया बरी
रैबार डेस्क:  2014 में हल्द्वानी में हुए पिथौरागढ़ की 7 साल का मासूम के साथ... The post नन्हीं परी केस में पुन

नन्हीं परी केस में सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी, सीएम ने दिए निर्देश

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कम शब्दों में कहें तो, 2014 में हल्द्वानी में हुई नन्हीं परी की हत्या मामले में राज्य सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया था, जिसके बाद पूरे राज्य में लोगों के आक्रोश की लहर दौड़ गई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए न्याय विभाग को उचित निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री का बयान: मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने न्याय विभाग को आदेश दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर एक मजबूत पैरवी प्रस्तुत करे। उन्होंने कहा कि "हम किसी भी कीमत पर इस मामले को मजबूती से लड़ेंगे और इसके लिए एक अनुभवी लीगल टीम की नियुक्ति की जाएगी।" उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार न्याय की इस महत्वपूर्ण लड़ाई में पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।

मामले का पृष्ठभूमि

पिथौरागढ़ की 7 साल की नन्हीं परी 2014 में शादी में शामिल होने हल्द्वानी आई थी। शादी के दौरान उसके साथ दुराचार हुआ और बाद में उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। 25 नवंबर 2014 को उसका शव गौला नदी के किनारे बरामद हुआ। यह घटना पूरे क्षेत्र में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं लेकर आई और लोगों को गंभीर आघात पहुंचाया। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक को अदालत ने बरी कर दिया, जबकि दूसरे को पांच वर्ष की सजा और तीसरे मुख्य अभियुक्त अख्तर अली को फांसी की सजा सुनाई गई थी।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

हालांकि, 10 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने अपर्याप्त सबूतों के आधार पर अख्तर अली को बरी कर दिया। इस निर्णय के बाद पिथौरागढ़ के नागरिकों में काफी आक्रोश देखने को मिला। वहां के नागरिकों ने नन्हीं परी को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरकर कैंडिल मार्च और प्रदर्शन किए।

सामाजिक प्रतिक्रियाएँ

इस फैसले के बाद स्थानीय समुदायों में गुस्से का माहौल है। लोग न सिर्फ सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने न्याय की मांग के लिए कई रैलियां और प्रदर्शन भी आयोजित किए हैं। नन्हीं परी की हत्या जैसी जघन्य घटनाएं समाज में भय और असुरक्षा का माहौल उत्पन्न करती हैं, जिसे नियंत्रित करने की ज़रूरत है।

क्या होगा आगे?

इस मामले में सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम निश्चित रूप से एक सकारात्मक संकेत हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नेता नन्हीं परी के मामले को विश्वास बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। छानबीन और संचालनों में तेजी लाने के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे जघन्य अपराधों के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकें।

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यह मामला न्याय प्रणाली की मजबूतियों और कमजोरियों पर भी एक प्रश्नचिन्ह उठाता है। लोग प्रशाशन की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि क्या वास्तव में उन्हें न्याय मिलेगा या फिर ऐसे मामलों में आरोपी को आसानी से बरी कर दिया जाएगा।

हम सरकार की उम्मीदों और उनके प्रयासों का स्वागत करते हैं, और हमें यह उम्मीद है कि नन्हीं परी को न्याय मिलेगा। इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को न्याय और सच्चाई की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ना चाहिए।

संपर्क: टीम इंडिया टुडे, शीतल शर्मा

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