''परमात्मा से मिलने के लिए भोलापन जरूरी'':अमेठी में रामकथा का छठा दिन, शांतनु महाराज ने सुनाया केवट प्रसंग
अमेठी में तिलोई के आरबीएस इंटर कॉलेज परिसर में प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह द्वारा आयोजित नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा के छठवें दिन श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के जीवन के अमृतमयी प्रसंगों का श्रवण किया। कथा वाचक आचार्य शान्तनु जी महाराज ने इस दिन रघुवंश की माताओं के आदर्श चरित्र और केवट प्रसंग की गाथा सुनाई। माताओं के आदर्श चरित्र का वर्णन आचार्य शान्तनु जी महाराज ने मां कौशल्या, मां सुमित्रा, मां जानकी और उर्मिला के आदर्श चरित्र की व्याख्या करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा इन्हीं माताओं और बहनों के बलिदान के कारण संभव हुई है। उन्होंने बताया कि कैसे इन माताओं ने अपने पुत्रों और पतियों को धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया। केवट प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन कथा में केवट प्रसंग का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा कि परमात्मा से मिलन के लिए सरलता और भोलापन आवश्यक है। केवट ने भगवान श्रीराम के चरण धोकर उन्हें गंगा पार कराया और भगवान से कोई भेंट स्वीकार नहीं की। महाराज जी ने इसे भक्त और भगवान के प्रेम का अद्वितीय उदाहरण बताया। देखें कार्यक्रम की 4 तस्वीरें... विशिष्ट अतिथियों का हुआ स्वागत कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने कथा वाचक का फूल-मालाओं से सम्मान किया। आयोजक मयंकेश्वर शरण सिंह ने श्रीराम की प्रतिमा भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति इस मौके पर गोसाईगंज के विधायक अभय सिंह, राजेश्वर प्रताप सिंह, राकेश विक्रम सिंह, सत्येंद्र पांडेय, विवेक शुक्ला, कुंवर मृगांकेश्वर शरण सिंह, रानी उपासना सिंह, ब्लॉक प्रमुख अर्चना सिंह, एसडीएम अमित सिंह, तहसीलदार अभिषेक यादव समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। संगीतमयी कथा ने मोहा मन कथा के दौरान भक्तजन श्रीराम के भक्ति रस में डूबे नजर आए। श्रद्धालुओं ने कहा कि इस कथा ने उनके जीवन में नई ऊर्जा और आध्यात्मिक प्रेरणा का संचार किया है। आयोजकों ने बताया कि कथा के आगामी दिनों में और भी भावपूर्ण प्रसंग सुनाए जाएंगे।
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