पाकिस्तान के राष्ट्रपति प्लेन से उतरते वक्त गिरे:पैर की हड्डी टूटी, इलाज के बाद प्लास्टर चढ़ाया; 1 महीने तक चल नहीं पाएंगे
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी बुधवार को दुबई में एक हादसे का शिकार हो गए। पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट द डॉन के मुताबिक दुबई एयरपोर्ट पर प्लेन से उतरते समय उनका पैर फिसल गया और वे गिर गए। उनके पैर की हड्डी टूट गई है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। जरदारी को गिरने के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उनके पैर की जांच करने के बाद उनके पैर पर प्लास्टर चढ़ा दिया। यह प्लास्टर चार सप्ताह तक रहेगा। हादसे के बाद राष्ट्रपति जरदारी को घर भेज दिया गया है और उन्हें पूरी तरह आराम करने की सलाह दी गई है। पिछले साल मार्च में उन्होंने UAE में आंख की सर्जरी करवाई थी 69 साल के जरदारी हाल के कुछ साल में कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते रहे हैं। इससे पहले 2022 में उन्हें चेस्ट इन्फेक्शन की वजह से एक सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। इसी साल कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी वे अस्पताल में भर्ती रहे थे। आसिफ अली जरदारी ने इसी साल फरवरी में इमरान खान की पार्टी के कैंडिडेट महमूद खान अचकजई को हराकर पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में कुर्सी संभाली थी। जरदारी साल 2008 में भी राष्ट्रपति बने थे। वो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो के पति हैं। घोटालों से भी पुराना नाता जरदारी को पाकिस्तान में मिस्टर 10% कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे बेनजीर के प्रधानमंत्री रहने के दौरान किसी भी प्रोजेक्ट या सरकार से लोन की इजाजत दिलवाने के बदले 10% कमीशन की मांग करते थे। जरदारी को फर्जी बैंक अकाउंट के जरिए पाकिस्तान से बाहर पैसे भेजने के एक मामले में नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) गिरफ्तार भी किया था। आसिफ अली जरदारी अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति हैं। 1988 में एक प्लेन क्रैश में पाकिस्तान के तत्कालीन तानाशाह जनरल जिया-उल-हक की मौत हो गई। इसके बाद बेनजीर की पार्टी ने आम चुनावों में जीत हासिल की और भुट्टो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। जरदारी ज्यादातर बेनजीर सरकार से दूर ही रहते थे। हालांकि, इस दौरान सरकार से जुड़े कई मामलों में जरदारी पर घोटाले के आरोप लगने लगे। पाकिस्तान के पूर्व केयरटेकर PM गुलाम मुस्तफा जटोई ने जरदारी ने उनके खिलाफ घोटालों की जांच शुरू की थी। बेनजीर की सरकार गिरने के बाद उनके देश छोड़ने पर भी पाबंदी लगा दी गयी थी। इसके बाद जरदारी के ऊपर भ्रष्टाचार, किडनैपिंग, बैंक फ्रॉड और हत्या की साजिश जैसे कई आरोप लगे। उन्हें 1997 से 2004 तक जेल में रखा गया। नवंबर 2004 में उन्हें जमानत मिल गई। हालांकि, हत्या के मुकदमे की सुनवाई में शामिल न होने के बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
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