बरेली में सिंचाई के लिए कच्चे बांध का निर्माण शुरू:कई साल से यहां के किसान पक्के बांध के निर्माण की मांग कर रहे हैं
बरेली के शीशगढ़ ब्लॉक के गांव खमरिया के पास पश्चिमी वहगुल नदी पर कच्चे बांध का निर्माण किया जा रहा हैं। बांध लगभग बन चुका है। अब नदी की धार बांधने को किसानों ने नदी में बल्ली गाढ़ने का काम शुरू कर दिया है। बल्ली गाढ़ने के बाद किसान बल्लियो के बीच कूड़ा -कबाड़ फंसाकर नदी की धार रोकने का काम करेंगे। 165 गांवों को मिलेगा सिंचाई का फायदा बांध बनने के बाद रामपुर व बरेली जनपद के 165 गांवो के किसानों को फसल सिंचाई का लाभ मिलेगा। किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार ने बताया कि कार सेवा से बांध निर्माण का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। अब बस नदी की धार रोकने का काम रह गया है। जो सोमवार तक पूर्ण हो जाएगा। उसके बाद जलाशय में पानी भरना शुरू हो जाएगा। 15 नवम्वर तक जलाशय भरने की उम्मीद है। उसके बाद नहरों में पानी छोड़ने का काम किया जाएगा। अवैध खनन वालों से बांध को बचाने के लिए करना पड़ती है रखवाली पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार ने बताया कि पिछले कई साल से कच्चे बांध को अवैध खनन करने वालों से बचाने के लिए रात -दिन रखवाली करनी पड़ती है। यदि रखवाली नहीं की जाए तो यह लोग बांध को काटकर नदी का सारा पानी बहाकर खनन करते हैं। जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। कई बार यह लोग बांध को काट चुके हैं। किसान नेता को वर्षों से है पक्के बांध का इंतजार 75 वर्षीय किसान नेता पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार ने बताया कि उनका सपना है कि उनके जीवित रहते पक्के बांध का निर्माण हो जाता, जिसके निर्माण को शासन- प्रशासन से पिछले एक दशक से गुहार लगा रहे हैं।उन्होंने कहा अब तो लगता हैं कि पक्के बांध का निर्माण सपना बनकर ही रह जाएगा। बताया जा रहा है कि पक्का बांध दो दशक पूर्व धराशाई हो चुका है। अंग्रेजी शासन काल में बना पक्का रेगुलेटर बांध दो दशक पूर्व टूट चुका है। तभी से क्षेत्रीय किसान पक्के बांध निर्माण की मांग कर रहे हैं। मगर आज तक किसानों की मांग पर शासन-प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। पक्के बांध की उम्मीद में किसान पूर्व विधायक के संरक्षण में पिछले 16 वर्षों से कच्चे बांध का निर्माण कर 165 गांवों के किसानों की फसलों को सींचने का काम कर रहे हैं।
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