भगवान के लिए रखा करवाचौथ का वृत:राधारमण लाल को देख तोड़ा वृत,12 साल से भगवान को मानती हैं अपना पति

करवाचौथ यानि वह पर्व जिस दिन पत्नी अपने पति की लंबी आयु के लिए दिन भर निर्जला यानि बिना पानी पिए वृत रखती हैं। प्यार और त्याग के इस पर्व पर भगवान राधा कृष्ण की नगरी वृंदावन में कई ऐसी महिला भक्त भी हैं जिन्होंने भगवान को ही अपना सब कुछ मान लिया है और उनके लिए वृत रखा। एसी ही एक बुजुर्ग महिला हैं जयपुर की रहने वाली ललिता शर्मा। जिन्होंने भगवान राधा रमण जी के लिए करवाचौथ वृत रखा। पहले जानते हैं ललिता शर्मा के बारे में वृंदावन के गोविंद देव मंदिर के पास रहने वाली यह बुजुर्ग महिला हैं ललिता शर्मा। 68 वर्षीय ललिता शर्मा जयपुर की रहने वाली है। वह यहां करीब 12 वर्ष से रहकर कृष्ण भक्ति कर रही हैं। वह भगवान राधा रमण लाल को ही अपना सब कुछ मानती हैं। ललिता शर्मा ने भगवान राधा रमण लाल को अपना पति मान लिया है। 1988 में हो गई थी पति की मौत 4 बेटी और एक बेटे की मां ललिता शर्मा के पति राधामोहन शर्मा का 8 अगस्त 1988 को कैंसर की बीमारी के कारण जयपुर में निधन हो गया। इसके बाद ललिता शर्मा ने बच्चों को पढ़ाया उनकी शादी की। ललिता शर्मा 8 वर्ष बेटे के पास बैंगलुरु में भी रहीं। लेकिन वहां का रहना,भाषा रास नहीं आया और वह कृष्ण भक्ति करने 2012 में वृंदावन आ गईं। 35 वर्षों से आ रहीं थीं वृंदावन ललिता शर्मा ने बताया वह 35 वर्षों से वृंदावन आ रही थीं। उन्होंने वासुदेव गोस्वामी से दीक्षा ली हुई थी। यहां वह भगवान राधा रमण लाल की आराधना करने लगीं। 2012 में जब वह वृंदावन आ गईं तो बस राधा रमण लाल की बनकर ही रह गई। पति की मृत्यु के बाद जब उनको उनकी कमी खली तो उन्होंने राधा रमण लाल को ही अपना पति मान लिया और करने लगीं उनकी भक्ति। करवाचौथ पर रखा वृत भगवान राधा रमण के लिए ललिता शर्मा ने करवाचौथ का वृत रखा। दिन भर ललिता ने सुहागिन महिलाओं की तरह पानी भी नहीं पिया। देर शाम जब चंदा निकला तो वह छत पर पहुंचीं और चंद्रमा को अर्घ्य दिया। इसके बाद भगवान राधा रमण लाल को भोग लगाया और फिर उनका चित्र देखकर खोला वृत। जिस रिश्ते की कमी खली वही रिश्ता बना लिया भगवान से 12 साल से भगवान राधारमण लाल के लिए करवाचौथ का वृत रख रहीं ललिता शर्मा ने बताया उनका भरा पूरा परिवार है बेटा बहुत ख्याल रखता है लेकिन जिस रिश्ते की उनके जीवन में कमी थी उसी रूप में उन्होंने भगवान को अपना लिया। वैसे भी कहा जाता है वृंदावन में पुरुष तो केवल भगवान कृष्ण ही हैं। शालिग्राम शिला से प्रगट हैं भगवान राधा रमण लाल वृंदावन के प्राचीन सप्त देवालयों में से एक राधा रमण मंदिर में विराजमान भगवान राधा रमण लाल को गोपाल भट्ट गोस्वामी जी ने शालिग्राम शिला से प्रगट किया था। 500 वर्ष प्राचीन राधा रमण मंदिर में भगवान की प्रतिमा त्रिभंग प्रतिमा है यानि तिरछे नैनों वाली। भगवान राधा रमण लाल के असंख्य भक्त हैं इन्हीं में से एक हैं ललिता शर्मा।

Oct 21, 2024 - 01:15
 48  501.8k
भगवान के लिए रखा करवाचौथ का वृत:राधारमण लाल को देख तोड़ा वृत,12 साल से भगवान को मानती हैं अपना पति
करवाचौथ यानि वह पर्व जिस दिन पत्नी अपने पति की लंबी आयु के लिए दिन भर निर्जला यानि बिना पानी पिए वृत रखती हैं। प्यार और त्याग के इस पर्व पर भगवान राधा कृष्ण की नगरी वृंदावन में कई ऐसी महिला भक्त भी हैं जिन्होंने भगवान को ही अपना सब कुछ मान लिया है और उनके लिए वृत रखा। एसी ही एक बुजुर्ग महिला हैं जयपुर की रहने वाली ललिता शर्मा। जिन्होंने भगवान राधा रमण जी के लिए करवाचौथ वृत रखा। पहले जानते हैं ललिता शर्मा के बारे में वृंदावन के गोविंद देव मंदिर के पास रहने वाली यह बुजुर्ग महिला हैं ललिता शर्मा। 68 वर्षीय ललिता शर्मा जयपुर की रहने वाली है। वह यहां करीब 12 वर्ष से रहकर कृष्ण भक्ति कर रही हैं। वह भगवान राधा रमण लाल को ही अपना सब कुछ मानती हैं। ललिता शर्मा ने भगवान राधा रमण लाल को अपना पति मान लिया है। 1988 में हो गई थी पति की मौत 4 बेटी और एक बेटे की मां ललिता शर्मा के पति राधामोहन शर्मा का 8 अगस्त 1988 को कैंसर की बीमारी के कारण जयपुर में निधन हो गया। इसके बाद ललिता शर्मा ने बच्चों को पढ़ाया उनकी शादी की। ललिता शर्मा 8 वर्ष बेटे के पास बैंगलुरु में भी रहीं। लेकिन वहां का रहना,भाषा रास नहीं आया और वह कृष्ण भक्ति करने 2012 में वृंदावन आ गईं। 35 वर्षों से आ रहीं थीं वृंदावन ललिता शर्मा ने बताया वह 35 वर्षों से वृंदावन आ रही थीं। उन्होंने वासुदेव गोस्वामी से दीक्षा ली हुई थी। यहां वह भगवान राधा रमण लाल की आराधना करने लगीं। 2012 में जब वह वृंदावन आ गईं तो बस राधा रमण लाल की बनकर ही रह गई। पति की मृत्यु के बाद जब उनको उनकी कमी खली तो उन्होंने राधा रमण लाल को ही अपना पति मान लिया और करने लगीं उनकी भक्ति। करवाचौथ पर रखा वृत भगवान राधा रमण के लिए ललिता शर्मा ने करवाचौथ का वृत रखा। दिन भर ललिता ने सुहागिन महिलाओं की तरह पानी भी नहीं पिया। देर शाम जब चंदा निकला तो वह छत पर पहुंचीं और चंद्रमा को अर्घ्य दिया। इसके बाद भगवान राधा रमण लाल को भोग लगाया और फिर उनका चित्र देखकर खोला वृत। जिस रिश्ते की कमी खली वही रिश्ता बना लिया भगवान से 12 साल से भगवान राधारमण लाल के लिए करवाचौथ का वृत रख रहीं ललिता शर्मा ने बताया उनका भरा पूरा परिवार है बेटा बहुत ख्याल रखता है लेकिन जिस रिश्ते की उनके जीवन में कमी थी उसी रूप में उन्होंने भगवान को अपना लिया। वैसे भी कहा जाता है वृंदावन में पुरुष तो केवल भगवान कृष्ण ही हैं। शालिग्राम शिला से प्रगट हैं भगवान राधा रमण लाल वृंदावन के प्राचीन सप्त देवालयों में से एक राधा रमण मंदिर में विराजमान भगवान राधा रमण लाल को गोपाल भट्ट गोस्वामी जी ने शालिग्राम शिला से प्रगट किया था। 500 वर्ष प्राचीन राधा रमण मंदिर में भगवान की प्रतिमा त्रिभंग प्रतिमा है यानि तिरछे नैनों वाली। भगवान राधा रमण लाल के असंख्य भक्त हैं इन्हीं में से एक हैं ललिता शर्मा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow