"भारतीय संविधान सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा दस्तावेज":प्रयागराज में श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय के संविधान दिवस के व्याख्यान में बोले प्रो. शिवहर्ष सिंह
श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय फाफामऊ में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विशेष व्याख्यान का आयोजन राजनीतिक विज्ञान विभाग ने किया। मुख्य अतिथि प्रो. शिवहर्ष सिंह अध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभाग ईश्वर शरण महाविद्यालय प्रयागराज थे। इस मौके पर स्वतंत्रता आंदोलन एवं संविधान निर्माण करने वाली संविधान सभा के सदस्यों एवं संविधान में निहित आदर्शों का स्मरण किया गया। साथ ही संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया। प्रो. शिवहर्ष सिंह ने कहा कि “संविधान राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान सृजित समस्त आदर्शों का निचोड़ है। यही कारण है कि भारतीय संविधान अनवरत विकासमान है जबकि भारत के साथ ही स्वतंत्र हुए बहुत सारे देशों के संविधान अब तक कई बार बदल चुके हैं। यह संविधान की ही शक्ति है कि नागरिकों के अधिकार एवं स्वतंत्रताएं महत्वपूर्ण रूप से सुरक्षित हैं लेकिन हमें इसके लिए सदैव सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के उपभोग के लिए नागरिकों में सामर्थ्य और भावना होनी चाहिए। सतत जागरूकता स्वतंत्रता की कीमत है। भारतीय संविधान की उद्देशिका सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा दस्तावेज है।” यह भी रहे उपस्थित मुख्य अतिथि का स्वागत प्राचार्या प्रो. शिवा मित्तल ने किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. संघ सेन सिंह ने किया। अन्त में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. हिमांशु ने किया। इस अवसर पर डॉ. वेद प्रकाश उपाध्याय, डॉ. दीप्ति कुमार, प्रो. के.एन. सिंह, डॉ. मनीष यादव, डॉ. अभिमन्यु सिंह, डॉ. विनय सांगुरी, डॉ. मनीषा त्रिपाठी, डॉ रमेश सिंह, डॉ. अजय यादव, डॉ. झरना मालवीय, डॉ. अरविंद यादव, डॉ. समीर सिंह, डॉ. विष्णु पांडेय सहित बड़ी संख्या में शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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