लखनऊ में 'जमघट' पर्व की धूम:पतंगबाजी के शौकीनों ने पेच लड़ाना शुरू किया; आसमान में रंग-बिरंगे पतंगों की लड़ाई

लखनऊ में पतंगबाजी का पर्व 'जमघट' धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही लोग छत और खाली मैदान पर पहुंच गए हैं। पतंगबाजी के शौकीनों ने पतंग उड़ानी शुरू कर दी है। आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें नजर आ रही हैं। शहर में चारों ओर 'जमघट' की रौनक देखने को मिल रही है। लखनऊ के हुसैनगंज, अमीनाबाद, मौलवी गंज, वजीरगंज, चौक, नक्खास, चौपटिया और ठाकुर गंज में लोग सुबह से ही छतों पर पहुंचे और पतंगबाजी करना शुरू कर दिया है। आसमान में लाल, काली, नीली, पीली और नेताओं की तस्वीर वाली पतंगें लहरा रही हैं। बच्चे, जवान और बुजुर्ग सब लोग मिलकर पतंगबाजी कर रहे हैं। चारों तरफ से 'वो काटा', 'ढील दे', 'गद्दा मार', 'पट कर' जैसे शब्द गूंज रहे हैं। देर रात तक पतंग के शौकीनों ने खरीदारी की और सुबह होते ही पतंगबाजी चालू हो गई। जानकारी के लिए बता दें कि लखनऊ में पतंगबाजी का इतिहास 250 साल से ज्यादा पुराना है। नवाब आसिफ-उद-दौला के जमाने से पतंगबाजी परवान चढ़ी, जो अब तक जारी है।

Nov 2, 2024 - 11:05
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लखनऊ में 'जमघट' पर्व की धूम:पतंगबाजी के शौकीनों ने पेच लड़ाना शुरू किया; आसमान में रंग-बिरंगे पतंगों की लड़ाई
लखनऊ में पतंगबाजी का पर्व 'जमघट' धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही लोग छत और खाली मैदान पर पहुंच गए हैं। पतंगबाजी के शौकीनों ने पतंग उड़ानी शुरू कर दी है। आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें नजर आ रही हैं। शहर में चारों ओर 'जमघट' की रौनक देखने को मिल रही है। लखनऊ के हुसैनगंज, अमीनाबाद, मौलवी गंज, वजीरगंज, चौक, नक्खास, चौपटिया और ठाकुर गंज में लोग सुबह से ही छतों पर पहुंचे और पतंगबाजी करना शुरू कर दिया है। आसमान में लाल, काली, नीली, पीली और नेताओं की तस्वीर वाली पतंगें लहरा रही हैं। बच्चे, जवान और बुजुर्ग सब लोग मिलकर पतंगबाजी कर रहे हैं। चारों तरफ से 'वो काटा', 'ढील दे', 'गद्दा मार', 'पट कर' जैसे शब्द गूंज रहे हैं। देर रात तक पतंग के शौकीनों ने खरीदारी की और सुबह होते ही पतंगबाजी चालू हो गई। जानकारी के लिए बता दें कि लखनऊ में पतंगबाजी का इतिहास 250 साल से ज्यादा पुराना है। नवाब आसिफ-उद-दौला के जमाने से पतंगबाजी परवान चढ़ी, जो अब तक जारी है।

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