लखनऊ संगीत कला को निखारने की पहल:दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन; ग्वालियर घराने की गायन विद्या पर प्रस्तुति

लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित संगीत कमल संस्थान ने युवा संगीत कलाकारों की प्रतिभा को निखारने के लिए एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का शुरुवात माता सरस्वती की पूजा और दीप प्रज्वलन से हुई । मुख्य अतिथि के रूप में संस्कार भारती के काशी प्रांत के अध्यक्ष दीपक शर्मा और पंडित जयंत खोत मौजूद थे। कार्यशाला का पहला दिन ग्वालियर घराने की गायन विद्या कार्यक्रम की शुरुआत में संगीत कमल संस्थान के विद्यार्थियों ने गणेश वंदना की शास्त्रीय प्रस्तुति दी। पहले दिन ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध कलाकार पंडित जयंत खोत ने राग भोपाली, राग यमन और अन्य रागों में गायन की तकनीक सिखाई। उन्होंने विशेष रूप से तराना, अष्टपदी और टप ख्याल जैसे गीतों का प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में अष्टपदी गायन का प्रशिक्षण दिया गया संगीत कमल संस्थान के अध्यक्ष राहुल अवस्थी ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य संगीत के छात्रों को उच्च स्तर की गायन क्षमता देना था। कार्यशाला में ग्वालियर घराने की बंदिशों जैसे ख्याल टपख्याल और अष्टपदी गायन का गहन प्रशिक्षण दिया गया। संगीत में संगत और विद्यार्थियों का योगदान कार्यशाला में हारमोनियम पर श्रवण यादव और तबला पर डॉ. हर्षित मिश्रा ने शानदार संगत दी, जिसने सभी को प्रभावित किया। संस्थान के विद्यार्थियों में अभिषेक त्रिपाठी, राहुल चौधरी, हर्षित मिश्रा, नेहा रावत और अक्षय अवस्थी ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया।

Nov 25, 2024 - 07:25
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लखनऊ संगीत कला को निखारने की पहल:दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन; ग्वालियर घराने की गायन विद्या पर प्रस्तुति
लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित संगीत कमल संस्थान ने युवा संगीत कलाकारों की प्रतिभा को निखारने के लिए एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का शुरुवात माता सरस्वती की पूजा और दीप प्रज्वलन से हुई । मुख्य अतिथि के रूप में संस्कार भारती के काशी प्रांत के अध्यक्ष दीपक शर्मा और पंडित जयंत खोत मौजूद थे। कार्यशाला का पहला दिन ग्वालियर घराने की गायन विद्या कार्यक्रम की शुरुआत में संगीत कमल संस्थान के विद्यार्थियों ने गणेश वंदना की शास्त्रीय प्रस्तुति दी। पहले दिन ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध कलाकार पंडित जयंत खोत ने राग भोपाली, राग यमन और अन्य रागों में गायन की तकनीक सिखाई। उन्होंने विशेष रूप से तराना, अष्टपदी और टप ख्याल जैसे गीतों का प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में अष्टपदी गायन का प्रशिक्षण दिया गया संगीत कमल संस्थान के अध्यक्ष राहुल अवस्थी ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य संगीत के छात्रों को उच्च स्तर की गायन क्षमता देना था। कार्यशाला में ग्वालियर घराने की बंदिशों जैसे ख्याल टपख्याल और अष्टपदी गायन का गहन प्रशिक्षण दिया गया। संगीत में संगत और विद्यार्थियों का योगदान कार्यशाला में हारमोनियम पर श्रवण यादव और तबला पर डॉ. हर्षित मिश्रा ने शानदार संगत दी, जिसने सभी को प्रभावित किया। संस्थान के विद्यार्थियों में अभिषेक त्रिपाठी, राहुल चौधरी, हर्षित मिश्रा, नेहा रावत और अक्षय अवस्थी ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया।

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