संभल : हाईकोर्ट में होगी बहस, 2 दिन 3 याचिकाएं:दो याचिकाओं में कहा-पुलिस बबर्रता, अफसरों पर एफआईआर हो, हिंदू पक्ष ने कहा हमें जरूर सुनें
यूपी के संभल जिले में मंदिर-मस्जिद के सर्वे के विवाद में छिड़ी हिंसा राजनीतिक रंग लेने के साथ ही कानूनी पहलुओं को लेकर बहस का विषय बन गई है। देश दुनिया के जानकार इसे लेकर वीडियो, फोटो शेयर कर अपनी कहानी कह रहे हैं। इस पर राजनीति तो गरमाई ही है साथ ही कानूनी पहलुओं, बिंदुओं को लेकर कई पक्ष अपनी दलीलें पेंश कर रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में देश को हिला देने वाली इस हिंसा को लेकर दो दिनों में तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं। दो जनहित याचिकाओं में अलग मांगें हैं तो तीसरी याचिका यानि कैविएट में अलग मांग है। हाईकोर्ट में इस सरगर्म मुद्दे को लेकर याचिकाओं के दाखिल होने से मामला और चर्चा का विषय बन गया है। एक याचिका में एसआईटी जांच या फिर सीबीआई जांच की मांग हुई है। इसके अलावा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की गई है। एक याचिका में तो सीधे तौर पर पुलिस, प्रशासिक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की मांग है। कहा गया है कि गोली चलाने का आदेश देने वाले अफसरों पर एफआईआर का आदेश करें। इसी प्रकार मांग की गई है कि संभल में पुलिस बर्बर रुख अपनाया। पुलिस की गोली से मौतें हुईं। इसकी जांच एसआईटी करे। तीसरी याचिका हिंदू पक्ष ने दाखिल की। उनका कहन है कि मुस्लिम पक्ष की किसी भी याचिका की सुनवाई से पहले उन्हें यानि हिंदू पक्षों को सुना जाए तब कोई आदेश पारित हो। आइये अब आपको बताते हैं याचिकाओं में क्या है संभल हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल हुई। संभल जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा मामले में जिलाधिकारी, एसपी, एएसपी, सीओ, कमांडेन्ट पीएसी व एसएचओ कोतवाली के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी करने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका हज़रत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ वेलफेयर एसोसिएशन महाराष्ट्र सचिव मोहम्मद यूसुफ के द्वारा दाखिल की गई है। याची अधिवक्ता सहर नकवी का कहना है कि संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान विरोध में आई भीड़ पर एक पुलिस वर्दीधारी ने कहा सब लोग गोली चलाओ, इसके बाद अंधाधुंध गोली चलाते पुलिस को देखा गया। जिसमें पांच लोगों की मौत हो चुकी है। यह हादसा नहीं हत्या है। इसलिए दोषी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच की जाए। संभल हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल यह दूसरी याचिका है। इससे पहले हुई याचिका में क्या कहा गया इससे पहले संभल हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में एक जनिहित याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि संभल में पुलिस ने बर्बरता की है। याचिका में फायरिंग और बर्बरता में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की भी मांग की गई है। साथ ही सम्भल डीएम, एसपी, मुरादाबाद कमिश्नर के साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सर्वे से लेकर हुई हिंसा की पूरी घटना की विस्तृत जांच सीबीआई से कराई जाए। वाराणसी के समाजसेवी डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह और अधिवक्ता विनीत विक्रम ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल की है। हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट में दाखिल की कैविएट यूपी के संभल में हुई हिंसा के मामलें में अब हिंदू पक्ष की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल की गई है। संभल की शाही जामा मस्जिद में एडवोकेट कमीशन के सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष ने कैविएट दाखिल कर दी। इस केस के वादी मुकदमा हरिशंकर जैन और पार्थ यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल कैविएट दाखिल कर अपनी बात रखी है। हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से मांग की है कि अगर मुस्लिम पक्ष कोई भी याचिका दाखिल करता है तो बिना हिंदू पक्ष को सुने कोई भी आदेश न पारित किया जाए। कैविएट संभल के सिविल जज के 19 नवंबर के सर्वे आदेश से जुड़े मुकदमे को लेकर दाखिल की गई है। इस मामले में मुस्लिम पक्ष भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में जल्द ही सिविल जज के फैसले के खिलाफ अपनी अर्जी दाखिल कर सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संभल मामले में मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाने को कहा है।
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