सीबीडीटी ने आयकर ऑडिट की तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 की
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2025 से बढ़ाकर अब 31 अक्टूबर 2025 कर दी है। रामनगर टैक्स बार के…

सीबीडीटी ने आयकर ऑडिट की तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 की
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कम शब्दों में कहें तो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर ऑडिट की अंतिम तिथि को 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दिया है। यह फैसला देशभर के टैक्स प्रोफेशनल्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट संगठनों के प्रयासों का परिणाम है।
सीबीडीटी का नया निर्णय
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब आयकर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी गई है। इस बदलाव से टैक्स प्रोफेशनल्स, विशेष रूप से चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं टैक्स बार एसोसिएशनों में राहत की लहर दौड़ गई है।
निर्णय की पृष्ठभूमि
रामनगर टैक्स बार के अध्यक्ष पूरन पाण्डेय ने बताया कि यह निर्णय उन सभी करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह बदलाव देश के विभिन्न टैक्स बार एसोसिएशनों और चार्टर्ड अकाउंटेंट संगठनों के लगातार प्रयासों का परिणाम है।
टैक्स प्रोफेशनल्स की आवाज़
इस निर्णय का स्वागत करते हुए, कई टैक्स प्रोफेशनल्स ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह अतिरिक्त समय सुनिश्चित करेगा कि करदाता अपने दस्तावेज़ सही ढंग से पूर्ण कर सकें और किसी भी प्रकार की त्रुटियों को सुधार सकें। इसकी वजह से करदाताओं को समय पर और सही जानकारी उपलब्ध कराने का भी अवसर मिलेगा।
आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया
इस साल करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में 31 अक्टूबर 2025 तक की मोहलत दी गई है। इससे पहले, कई करदाता समय की कमी के कारण विभिन्न प्रक्रिया में चूक कर जाते थे। नए समय सीमा के माध्यम से यह सुनिश्चित होगा कि सभी करदाता अपनी संबंधित दायित्वों को समय पर पूरा कर सकें।
टैक्स बार और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की चर्चा
रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि उनका प्रयास हमेशा से यह रहा है कि टैक्स प्रोफेशनल्स को उन्हें मिलने वाली सुविधाओं का पूरा लाभ मिले। यह निर्णय उनके प्रयासों का फल है।
निष्कर्ष
सीबीडीटी का यह निर्णय न केवल करदाताओं के लिए राहत प्रदान करता है, बल्कि यह देशभर के टैक्स प्रोफेशनल्स द्वारा किए गए प्रयासों का भी एक महत्वपूर्ण प्रमाण है। अब करदाताओं को अपने ऑडिट और रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए अधिक समय मिलेगा, जिससे उन्हें सही दस्तावेज प्रस्तुत करने का बेहतर अवसर मिलेगा। ये सभी पहलू एक स्वस्थ कर प्रणाली की दिशा में सकारात्मक कदम हैं।
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Team India Twoday - प्रिया शर्मा
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