सेनेटरी इंस्पेक्टर लगवा रहे थे फर्जी GIO TAGGING अटेंडेंस:वाराणसी नगर निगम में भ्रष्टाचार उजागर, 06 का रोका वेतन, सामने आया वसूली का वीडियो

प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान में भी घोटाला हो रहा है। वाराणसी में सफाई अभियान को लेकर नगर निगम में बड़े पैमाने पर चल रहे भ्रष्टाचार का खेल सामने आया है। संविदा पर तैनात सफाईकर्मी जिओ टैगिंग अटेंडेंस के बाद गायब हो जाते थे। क्षेत्र में सफाई कार्य नहीं हो रहा था लेकिन इनकी तनख्वाह पूरी बन रही थी। भ्रष्टाचार में लिप्त सेनेटरी इंस्पेक्टर इस खेल में शामिल थे और सुपरवाइजर, सफाई कर्मी से इसके एवज में मोटी रकम वसूल रहे थे। पब्लिक की शिकायत और सफाईकर्मी से रिश्वतखोरी का वीडियो सामने आने के बाद राडार पर आए 06 सेनेटरी इंस्पेक्टर का वेतन रोक दिया गया है। शिकायत पर जांच में खुली पोल शिवपुर, लेढूपुर , मीरापुर बसही, बिरदोपुर, हनुमान फाटक, पितरकुंडा, मदनपुरा, दशाश्वमेध और जलालीपुरा के लोगों ने अपने इलाके में सफाई नहीं होने को लेकर नगर निगम में शिकायत दर्ज कराई थी। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने उन इलाकों में ड्यूटी पर तैनात सफाई कर्मचारियों का अटेंडेंस चेक कराया। जिओ टैगिंग हाजिरी लगी थी लेकिन संबंधित क्षेत्र में सफाई नहीं हुई थी। पार्षदों ने भी पब्लिक से मिल रही शिकायत को लेकर रोष जताया। जांच हुई तो पता चला कि जिओ टैगिंग की आड़ में वसूली का खेल चल रहा था। संविदा पर तैनात सफाईकर्मी हाजिरी लगाने के बाद गायब हो जाते और बदले में अपनी सैलरी में से एक फिक्स रकम सेनेटरी इंस्पेक्टर तक पहुंचाते थे। नोटिस जारी, तीन दिन में देना होगा जवाब नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने 06 सेनेटरी इंस्पेक्टर का वेतन रोकने का आदेश देते हुए तीन दिन में जवाब मांगा है। नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाने, कार्य में लापरवाही पर अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। दो महिला समेत चार सेनेटरी इंस्पेक्टर पकड़े गए जिओ टैगिंग की आड़ में दस्तूरी (नगर निगम में सफाई कर्मचारियों से वसूली को कोड भाषा में दस्तूरी कहते है) करने वाले 06 सेनेटरी इंस्पेक्टर की कलई खुली है। दशाश्वमेध जोन के सेनेटरी इंस्पेक्टर अवनीश दुबे, वरुणापार जोन के विन्यानन्द द्विवेदी, राकेश भार्गव, सारनाथ के पंकज श्रीवास्तव, आदमपुर जोन की अपर्णा वाजपेयी और भेलूपुर जोन की अर्चना विश्वकर्मा फर्जी जिओ टैगिंग अटेंडेंस के मामले में पकड़े गए हैं। 27 सौ से अधिक संविदा पर तैनात सफाईकर्मी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नगर निगम ने 100 वार्ड में स्वच्छता अभियान के तहत साफ- सफाई के लिए 25 सौ से अधिक सफाई कर्मचारी संविदा पर तैनात किए हैं। सेनेटरी इंस्पेक्टर की सम्बंधित ड्यूटी क्षेत्र में इनकी मौजूदगी से लेकर अटेंडेंस तक लगाने की जिम्मेदारी है। एक सफाईकर्मी की 15 हजार तक मासिक सैलरी बनती है। जो सफ़ाई कर्मी दस्तूरी देने से इनकार करता है उससे आरोप लगाकर कार्य से हटा दिया जाता है। वसूली करते सुपरवाइजर का वीडियो वायरल लोढ़ान वार्ड नम्बर 20 में तैनात नगर निगम के सुपरवाइजर विश्वजीत पटेल का मोनू मौर्य नाम के एक सफाईकर्मी से वसूली करते का वीडियो वायरल हुआ है। नगर आयुक्त तक वीडियो पहुंचा तो उन्होंने इसकी जांच की जिम्मेदारी अपर नगर आयुक्त को सौंप दी है।

Nov 27, 2024 - 02:15
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सेनेटरी इंस्पेक्टर लगवा रहे थे फर्जी GIO TAGGING अटेंडेंस:वाराणसी नगर निगम में भ्रष्टाचार उजागर, 06 का रोका वेतन, सामने आया वसूली का वीडियो
प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान में भी घोटाला हो रहा है। वाराणसी में सफाई अभियान को लेकर नगर निगम में बड़े पैमाने पर चल रहे भ्रष्टाचार का खेल सामने आया है। संविदा पर तैनात सफाईकर्मी जिओ टैगिंग अटेंडेंस के बाद गायब हो जाते थे। क्षेत्र में सफाई कार्य नहीं हो रहा था लेकिन इनकी तनख्वाह पूरी बन रही थी। भ्रष्टाचार में लिप्त सेनेटरी इंस्पेक्टर इस खेल में शामिल थे और सुपरवाइजर, सफाई कर्मी से इसके एवज में मोटी रकम वसूल रहे थे। पब्लिक की शिकायत और सफाईकर्मी से रिश्वतखोरी का वीडियो सामने आने के बाद राडार पर आए 06 सेनेटरी इंस्पेक्टर का वेतन रोक दिया गया है। शिकायत पर जांच में खुली पोल शिवपुर, लेढूपुर , मीरापुर बसही, बिरदोपुर, हनुमान फाटक, पितरकुंडा, मदनपुरा, दशाश्वमेध और जलालीपुरा के लोगों ने अपने इलाके में सफाई नहीं होने को लेकर नगर निगम में शिकायत दर्ज कराई थी। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने उन इलाकों में ड्यूटी पर तैनात सफाई कर्मचारियों का अटेंडेंस चेक कराया। जिओ टैगिंग हाजिरी लगी थी लेकिन संबंधित क्षेत्र में सफाई नहीं हुई थी। पार्षदों ने भी पब्लिक से मिल रही शिकायत को लेकर रोष जताया। जांच हुई तो पता चला कि जिओ टैगिंग की आड़ में वसूली का खेल चल रहा था। संविदा पर तैनात सफाईकर्मी हाजिरी लगाने के बाद गायब हो जाते और बदले में अपनी सैलरी में से एक फिक्स रकम सेनेटरी इंस्पेक्टर तक पहुंचाते थे। नोटिस जारी, तीन दिन में देना होगा जवाब नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने 06 सेनेटरी इंस्पेक्टर का वेतन रोकने का आदेश देते हुए तीन दिन में जवाब मांगा है। नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाने, कार्य में लापरवाही पर अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। दो महिला समेत चार सेनेटरी इंस्पेक्टर पकड़े गए जिओ टैगिंग की आड़ में दस्तूरी (नगर निगम में सफाई कर्मचारियों से वसूली को कोड भाषा में दस्तूरी कहते है) करने वाले 06 सेनेटरी इंस्पेक्टर की कलई खुली है। दशाश्वमेध जोन के सेनेटरी इंस्पेक्टर अवनीश दुबे, वरुणापार जोन के विन्यानन्द द्विवेदी, राकेश भार्गव, सारनाथ के पंकज श्रीवास्तव, आदमपुर जोन की अपर्णा वाजपेयी और भेलूपुर जोन की अर्चना विश्वकर्मा फर्जी जिओ टैगिंग अटेंडेंस के मामले में पकड़े गए हैं। 27 सौ से अधिक संविदा पर तैनात सफाईकर्मी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नगर निगम ने 100 वार्ड में स्वच्छता अभियान के तहत साफ- सफाई के लिए 25 सौ से अधिक सफाई कर्मचारी संविदा पर तैनात किए हैं। सेनेटरी इंस्पेक्टर की सम्बंधित ड्यूटी क्षेत्र में इनकी मौजूदगी से लेकर अटेंडेंस तक लगाने की जिम्मेदारी है। एक सफाईकर्मी की 15 हजार तक मासिक सैलरी बनती है। जो सफ़ाई कर्मी दस्तूरी देने से इनकार करता है उससे आरोप लगाकर कार्य से हटा दिया जाता है। वसूली करते सुपरवाइजर का वीडियो वायरल लोढ़ान वार्ड नम्बर 20 में तैनात नगर निगम के सुपरवाइजर विश्वजीत पटेल का मोनू मौर्य नाम के एक सफाईकर्मी से वसूली करते का वीडियो वायरल हुआ है। नगर आयुक्त तक वीडियो पहुंचा तो उन्होंने इसकी जांच की जिम्मेदारी अपर नगर आयुक्त को सौंप दी है।

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