लखनऊ में श्रमिक भर्ती में पहुंचे इंजीनियर आकाश की कहानी:बोले- इजराइल जाने से सुधरेगी परिवार की हालत, पिता को आराम देना चाहता हूं
सरकारी नौकरी करना चाहता था। पिताजी दिहाड़ी मजदूर थे, परिवार में सबसे बड़ा था। इसलिए उनके साथ मिलकर कमाई में लग गया। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद छोटा-मोटा काम धंधा शुरू कर दिया। साथ में पढ़ाई भी जारी रखी। इस दौरान पहले ITI और फिर पॉलिटेक्निक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। पर सरकारी नौकरी नहीं मिली। प्राइवेट नौकरी में किसी तरीके से 15 से 20 हजार की तनख्वाह मिलती है। इसी से घर का खर्च चलता है। एक बहन की शादी हो गई, बाकी एक बहन की शादी होनी है। छोटा भाई भी पढ़ाई कर रहा है। ऐसे में, मैं यह चाहता हूं यदि इजराइल चला जाऊं तो अच्छी सैलरी मिलने लगेगी। पूरे घर की आमदनी बढ़ जाएगी। अब पिताजी को आराम भी देना चाहता हूं। इसी मकसद से उनको घर पर ही रहने की बात कही है। ये कहानी है सहारनपुर के आकाश कुमार की। लखनऊ के ITI अलीगंज में चल रहे इजराइल भर्ती स्किल टेस्ट के दौरान वो कैंपस पहुंचे और अपनी कहानी बयां की। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 54वें एपिसोड में इजराइल जाने के लिए सहारनपुर से पहुंचे आकाश कुमार से खास बातचीत... उम्मीद है इजराइल जाने का मिलेगा मौका आजमगढ़ के रहने वाले अजय मिश्रा कहते हैं कि 12वीं तक की पढ़ाई की। महीने की कमाई 10 से 12 हजार ही होती थी। मुंबई भी गए पर बहुत कमाई में इजाफा नहीं हुआ। ऐसे में आमदनी बढ़ाने के लिए इजराइल जाने का मन बनाया। स्किल टेस्ट देकर उम्मीद है क्वालीफाई कर लेंगे और इजराइल जाने का मौका मिलेगा।
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