हरियाणा सरकार में ऐसी सबसे बड़ी घोषणा: चीफ सेक्रेटरी बन सकते हैं जोशी, PMO एंट्री के लिए मोदी की गुड लिस्ट में शामिल; जानें विस्तार सिटीर्पोर्ट - Indiatwoday
हरियाणा सरकार में जल्द प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की एंट्री होगी। हरियाणा कैडर के 1989 बैच के IAS ऑफिसर विवेश जोशी को प्रदेश का चीफ सेक्रेटरी (CS) बनाया जा सकता है। विवेक जोशी केंद्र में वित्त मंत्रालय में सेक्रेटरी रह चुके हैं। अब वह कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सेक्रेटरी की जिम्मेदारी देख रहे हैं। सबसे अहम बात यह है कि जोशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में आते हैं। वह राज्य के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के अलावा कई प्रमुख पदों पर रह चुके हैं। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद अफसरशाही में भी बदलाव होगा। मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पदों पर नई नियुक्तियां पहले से ही तय मानी जा रही हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में नए चेहरों को एंट्री मिलेगी। 1988 बैच के IAS अधिकारी टीवीएसएन प्रसाद 31 अक्टूबर को चीफ सेक्रेटरी के पद से रिटायर हो जाएंगे। एक लॉबी उन्हें एक्सटेंशन दिलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उन्हें सेवा विस्तार की उम्मीद कम है। हरियाणा सरकार के साथ कर चुके हैं काम विवेक जोशी ने हरियाणा सरकार के साथ निगरानी और समन्वय के प्रमुख सचिव, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के CEO के रूप में भी काम किया है। 2014-2017 के दौरान, उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया है। इस दौरान वह सार्वजनिक खरीद नीति तैयार करने में सरकार को सलाह देना का काम किया करते थे। उन्होंने भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (2010-2014) में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया है। ये IAS अफसर भी रेस में टीवीएसएन प्रसाद के रिटायर होने के बाद विवेक जोशी सबसे सीनियर अधिकारी हैं। वे मुख्य सचिव बनने के लिए हरियाणा में वापस नहीं लौटने का विकल्प चुनते हैं तो 1990 बैच के 6 अधिकारियों में से किसी एक को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। इनमें सबसे सीनियर सुधीर राजपाल और डॉ. सुमिता मिश्रा हैं। इनके बाद अंकुर गुप्ता का नाम आता है, जो 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें मुख्य सचिव की जिम्मेदारी मिलना मुश्किल है। इसके अलावा 1990 बैच के ही अनुराग रस्तोगी, आनंद मोहन शरण और राजा शेखर वुंडरू मुख्य सचिव बनने की दौड़ में हैं। चुनाव में भीतरघात करने वाले अधिकारी रडार पर विधानसभा चुनाव के दौरान नायब सैनी कह चुके है कि वह चुनावी मोड में होने के कारण संदिग्ध आचरण वाले प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं कर सके। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में कुछ अधिकारियों द्वारा भीतरघात करने की शिकायत भी उनके पास पहुंची थी। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अब कार्रवाई की जा सकती है। लंबे समय से एक ही जिले में बैठे डीसी-एसपी समेत अन्य प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का तबादला किया जा सकता है।
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