100 बेड हॉस्पिटल के एनआईसीयू में 14 बच्चे भर्ती:औरैया में फायर एंड सेफ्टी की NOC नहीं, फायर सिलेंडर का ही सहारा
झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई दिल दहला देने वाली घटना के बाद अब औरैया के अस्पतालों में फायर सेफ्टी इंतजामों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। दैनिक भास्कर ने जब चिचोली स्थित 100 बेड हॉस्पिटल के मेडिकल कॉलेज में चल रहे एनआईसीयू की जांच की, तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। यहां पर न तो फायर एंड सेफ्टी की एनओसी थी और न ही आग बुझाने के लिए आवश्यक उपकरणों की उचित व्यवस्था। एनआईसीयू में 14 बच्चे भर्ती, सुरक्षा इंतजाम पर उठे सवाल एनआईसीयू में 14 बच्चे भर्ती थे, लेकिन यहां सिर्फ दो फायर सिलिंडर रखे गए थे, जो किसी भी आकस्मिक घटना के समय काम में लाए जा सकते हैं, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या इन सिलिंडरों को स्टाफ सही तरीके से चला पाएगा। अस्पताल में आग बुझाने के अन्य इंतजामों की स्थिति बेहद कमजोर दिखाई दी, क्योंकि फायर सिलिंडर के अलावा बिल्डिंग में और कोई अग्निशमन उपकरण मौजूद नहीं था। स्टाफ को मॉक ड्रिल का प्रशिक्षण देने की बात इस संबंध में अस्पताल के सीएमएस डॉ. अशोक कुमार ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए बताया कि अस्पताल की अन्य व्यवस्थाएं ठीक हैं, लेकिन फायर एंड सेफ्टी की एनओसी में कुछ कमियां हैं, जिन्हें जल्द ही पूरा कर शासन को भेजा जाएगा। साथ ही, स्टाफ को मॉक ड्रिल कराकर प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटा जा सके। झांसी हादसा और इसके बाद की स्थिति ज्ञात हो कि झांसी मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू यूनिट में शॉर्ट सर्किट के चलते भीषण आग लग गई थी, जिसमें 10 बच्चों की जलकर मौत हो गई थी। इस हादसे ने एक बार फिर प्रदेशभर में अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जबकि कई अन्य बच्चे वार्ड की खिड़की तोड़कर बाहर निकलने में कामयाब रहे थे। इस घटना के बाद अब औरैया जिले में अस्पतालों में अग्निशमन सुरक्षा के इंतजामात को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है, लेकिन यहां की स्थिति ने साबित कर दिया कि सुरक्षा के नाम पर यहां काफी सुधार की जरूरत है।
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