15 एकड़ जमीन गुरूद्वारा के नाम करने की सजा जेल:शाहजहांपुर में 103 साल के बुजुर्ग पिता पर बेटे ने दर्ज कराई FIR

शाहजहांपुर की जेल में बंद 103 वर्षीय गुरमीत सिंह की व्यथा ने सभी को भावुक कर दिया। बंडा थाना क्षेत्र के बसंतापुर निवासी गुरमीत सिंह पर उनके बेटों ने आईपीसी की धारा 452 के तहत फर्जी एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्हें करीब दो महीने पहले जेल भेजा गया था। आज सहयोग संस्था के पदाधिकारियों ने जेल अधीक्षक मिजाजी लाल के साथ उनकी मुलाकात की, जिसमें बुजुर्ग बंदी ने अपनी कहानी बयां की। 15 एकड़ जमीन दान करने पर बेटे हुए नाराज गुरमीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी 15 एकड़ जमीन गुरुद्वारे के नाम कर दी थी, जिससे उनके बेटे नाराज हो गए। नाराजगी के चलते बेटों ने फर्जी आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करा दी। गुरमीत सिंह ने यह भी कहा कि जेल में बंद होने के बाद से कोई भी रिश्तेदार या बेटा उनसे मिलने नहीं आया। ठंड में बढ़ी परेशानियां, जेल अधीक्षक ने दिया ध्यान गर्मी के दौरान जेल में बंदी को अधिक वस्त्र या कंबल की आवश्यकता नहीं थी। लेकिन जैसे ही ठंड बढ़ी, उनकी परेशानियां भी बढ़ गईं। जब यह मामला जेल अधीक्षक मिजाजी लाल के संज्ञान में आया, तो उन्होंने सहयोग संस्था से संपर्क किया। संस्था ने तुरंत बुजुर्ग बंदी को रोजमर्रा की जरूरी चीजें मुहैया कराईं। सहयोग संस्था ने दिया पैरवी का भरोसा सहयोग संस्था के पदाधिकारियों ने बुजुर्ग बंदी से बातचीत की और उनकी स्थिति को समझा। उन्होंने जेल से रिहाई के बाद उनके रहने और खाने-पीने का इंतजाम करने का भरोसा दिया। साथ ही कानूनी पैरवी कर उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू करने का भी आश्वासन दिया। जेल अधीक्षक का बयान जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने कहा, "बंदी ने बताया कि जमीन दान करने के बाद बेटे नाराज होकर फर्जी मुकदमे में फंसा दिया। सहयोग संस्था उनके लिए कानूनी मदद कर रही है। बुजुर्ग की हर संभव मदद की जाएगी।"

Nov 19, 2024 - 20:50
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15 एकड़ जमीन गुरूद्वारा के नाम करने की सजा जेल:शाहजहांपुर में 103 साल के बुजुर्ग पिता पर बेटे ने दर्ज कराई FIR
शाहजहांपुर की जेल में बंद 103 वर्षीय गुरमीत सिंह की व्यथा ने सभी को भावुक कर दिया। बंडा थाना क्षेत्र के बसंतापुर निवासी गुरमीत सिंह पर उनके बेटों ने आईपीसी की धारा 452 के तहत फर्जी एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्हें करीब दो महीने पहले जेल भेजा गया था। आज सहयोग संस्था के पदाधिकारियों ने जेल अधीक्षक मिजाजी लाल के साथ उनकी मुलाकात की, जिसमें बुजुर्ग बंदी ने अपनी कहानी बयां की। 15 एकड़ जमीन दान करने पर बेटे हुए नाराज गुरमीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी 15 एकड़ जमीन गुरुद्वारे के नाम कर दी थी, जिससे उनके बेटे नाराज हो गए। नाराजगी के चलते बेटों ने फर्जी आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करा दी। गुरमीत सिंह ने यह भी कहा कि जेल में बंद होने के बाद से कोई भी रिश्तेदार या बेटा उनसे मिलने नहीं आया। ठंड में बढ़ी परेशानियां, जेल अधीक्षक ने दिया ध्यान गर्मी के दौरान जेल में बंदी को अधिक वस्त्र या कंबल की आवश्यकता नहीं थी। लेकिन जैसे ही ठंड बढ़ी, उनकी परेशानियां भी बढ़ गईं। जब यह मामला जेल अधीक्षक मिजाजी लाल के संज्ञान में आया, तो उन्होंने सहयोग संस्था से संपर्क किया। संस्था ने तुरंत बुजुर्ग बंदी को रोजमर्रा की जरूरी चीजें मुहैया कराईं। सहयोग संस्था ने दिया पैरवी का भरोसा सहयोग संस्था के पदाधिकारियों ने बुजुर्ग बंदी से बातचीत की और उनकी स्थिति को समझा। उन्होंने जेल से रिहाई के बाद उनके रहने और खाने-पीने का इंतजाम करने का भरोसा दिया। साथ ही कानूनी पैरवी कर उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू करने का भी आश्वासन दिया। जेल अधीक्षक का बयान जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने कहा, "बंदी ने बताया कि जमीन दान करने के बाद बेटे नाराज होकर फर्जी मुकदमे में फंसा दिया। सहयोग संस्था उनके लिए कानूनी मदद कर रही है। बुजुर्ग की हर संभव मदद की जाएगी।"

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