6 तस्वीरों में देखिए बलिया की छठ पूजा:पानी में खड़े होकर व्रतियों ने सूर्य को दिया पहला अर्घ्य, किन्नरों ने भी किया पूजन

बलिया। आस्था के महापर्व छठ पर गुरुवार की शाम बलिया के शहरी और ग्रामीण इलाकों में विभिन्न छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। व्रती महिलाओं और पुरुषों ने अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित कर अपने संकल्प को पूरा किया। दोपहर बाद से ही व्रतधारियों ने दऊरा और सूप में पूजन सामग्री सजाई और मंगल गीत गाते हुए छठ घाटों की ओर प्रस्थान करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते घाटों पर व्रती और श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालु घाट पर पानी में खड़े होकर सूर्य के डूबने का इंतजार करते रहे और छठ मइया से मनोकामनाएं की। किन्नरों ने भी निभाई परंपरा, रखा निर्जला व्रत छठ महापर्व पर महिला-पुरुषों के साथ किन्नरों ने भी उत्साह से निर्जला व्रत रखते हुए विधि-विधान से छठ मइया की पूजा की। यूपी की स्वीप आईकॉन और किन्नर समाज की प्रतिनिधि अनुष्का चौबे ने बताया कि वह पिछले 18 वर्षों से इस व्रत को करती आ रही हैं और इसे आगे भी निभाएंगी। उन्होंने कहा, "हमारे यजमान ही हमारे पुत्र-पुत्री हैं, और उनके कल्याण व समृद्धि के लिए यह व्रत रखते हैं।" छठ गीतों से गूंजा शहर और गांव बलिया के छठ घाटों से लेकर शहर के चौक-चौराहों तक छठ गीतों की गूंज रही। नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई और प्रकाश की विशेष व्यवस्था की गई थी। दोपहर तीन बजे से ही श्रद्धालुओं का घाटों पर आना शुरू हो गया, और शाम होते-होते घाट पूरी तरह भर गए। अस्त होते सूरज को पहला अर्घ्य अर्पित करने के बाद, व्रती सुबह के अर्घ्य के लिए घर लौट गए। कई श्रद्धालुओं ने अपने घरों के दरवाजों और छतों पर कृत्रिम जलाशय और वेदी बनाकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। संतान की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए घर पर ही छठ मइया का पूजन किया। देखें फोटो...

Nov 7, 2024 - 18:20
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6 तस्वीरों में देखिए बलिया की छठ पूजा:पानी में खड़े होकर व्रतियों ने सूर्य को दिया पहला अर्घ्य, किन्नरों ने भी किया पूजन
बलिया। आस्था के महापर्व छठ पर गुरुवार की शाम बलिया के शहरी और ग्रामीण इलाकों में विभिन्न छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। व्रती महिलाओं और पुरुषों ने अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित कर अपने संकल्प को पूरा किया। दोपहर बाद से ही व्रतधारियों ने दऊरा और सूप में पूजन सामग्री सजाई और मंगल गीत गाते हुए छठ घाटों की ओर प्रस्थान करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते घाटों पर व्रती और श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालु घाट पर पानी में खड़े होकर सूर्य के डूबने का इंतजार करते रहे और छठ मइया से मनोकामनाएं की। किन्नरों ने भी निभाई परंपरा, रखा निर्जला व्रत छठ महापर्व पर महिला-पुरुषों के साथ किन्नरों ने भी उत्साह से निर्जला व्रत रखते हुए विधि-विधान से छठ मइया की पूजा की। यूपी की स्वीप आईकॉन और किन्नर समाज की प्रतिनिधि अनुष्का चौबे ने बताया कि वह पिछले 18 वर्षों से इस व्रत को करती आ रही हैं और इसे आगे भी निभाएंगी। उन्होंने कहा, "हमारे यजमान ही हमारे पुत्र-पुत्री हैं, और उनके कल्याण व समृद्धि के लिए यह व्रत रखते हैं।" छठ गीतों से गूंजा शहर और गांव बलिया के छठ घाटों से लेकर शहर के चौक-चौराहों तक छठ गीतों की गूंज रही। नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई और प्रकाश की विशेष व्यवस्था की गई थी। दोपहर तीन बजे से ही श्रद्धालुओं का घाटों पर आना शुरू हो गया, और शाम होते-होते घाट पूरी तरह भर गए। अस्त होते सूरज को पहला अर्घ्य अर्पित करने के बाद, व्रती सुबह के अर्घ्य के लिए घर लौट गए। कई श्रद्धालुओं ने अपने घरों के दरवाजों और छतों पर कृत्रिम जलाशय और वेदी बनाकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। संतान की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए घर पर ही छठ मइया का पूजन किया। देखें फोटो...

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