6 तस्वीरों में देखें जौनपुर में छठ पूजा:व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को दिया अर्घ्य, घाटों पर उमड़ा जनसैलाब

भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन जौनपुर जिले में जबरदस्त धूमधाम से मनाया जा रहा है। श्रद्धालु, विशेषकर व्रति महिलाएं, सिर पर पूजा सामग्री और दउरा लेकर छठ पूजा घाटों की ओर रवाना हो रहे हैं। जहां एक ओर शहर से लेकर गांव तक घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है, वहीं दूसरी ओर लोक गीतों और भक्ति रस से वातावरण गूंज रहा है। "कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए..." जैसे लोकप्रिय गीतों की धुन पर भक्त थिरकते हुए अपने अनुष्ठान को पूरा कर रहे हैं। प्रमुख घाटों पर उमड़ा भक्तों का मेला जौनपुर जिले के प्रमुख छठ घाटों जैसे गोपी घाट, अचला घाट, बीबीपुर घाट और बेलाव घाट पर सुबह होते ही भक्तों का भारी जमावड़ा लग गया। घाटों पर भक्तों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया और अपने परिवार की सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना की। इन घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। विशेष पूजा सामग्री से सजाया गया अर्घ्य का थाल रात से ही व्रति महिलाएं अर्घ्य देने के लिए सामग्री तैयार करने में जुट गई थीं। थाल में फल, सुथनी, केले, अमरूद, नारियल, ठेकुआ और चिउड़े सहित अन्य चीजें सजाई गई थीं। इन सामग्रियों को 6, 12 या 24 की संख्या में व्यवस्थित किया गया, जो पूजा का हिस्सा बनीं। विशेष रूप से साठी के चावल, गुड़, और गाय के दूध से बनी खीर का सेवन व्रति महिलाओं ने बुधवार को खरना के दिन किया, जिसके बाद उन्होंने निर्जल व्रत की शुरुआत की। देखें 6 तस्वीरें... महिलाएं कर रही हैं सूर्य और षष्ठी की उपासना इस व्रत में मुख्य रूप से माता षष्ठी और भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। जहां सूर्य देव अपने भक्तों को वैभव और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं, वहीं माता षष्ठी पुत्रों की लंबी उम्र के लिए रक्षा करती हैं। इस उपासना से जहां महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है, वहीं यह व्रत संतान के संरक्षण और सुख-शांति का प्रतीक भी माना जाता है। छठ पूजा की तैयारी में जुटे स्थानीय लोग वहीं, स्थानीय प्रशासन और नगर निगम के द्वारा भी छठ पूजा के दौरान घाटों पर विशेष सफाई और सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पूरी रात जाग कर घाटों को साफ किया गया और साज-सज्जा की गई, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। सुबह होते ही श्रद्धालुओं का हुजूम घाटों पर जमा हो गया, और छठ पूजा का अद्भुत दृश्य दिखाई दिया।

Nov 8, 2024 - 10:25
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6 तस्वीरों में देखें जौनपुर में छठ पूजा:व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को दिया अर्घ्य, घाटों पर उमड़ा जनसैलाब
भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन जौनपुर जिले में जबरदस्त धूमधाम से मनाया जा रहा है। श्रद्धालु, विशेषकर व्रति महिलाएं, सिर पर पूजा सामग्री और दउरा लेकर छठ पूजा घाटों की ओर रवाना हो रहे हैं। जहां एक ओर शहर से लेकर गांव तक घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है, वहीं दूसरी ओर लोक गीतों और भक्ति रस से वातावरण गूंज रहा है। "कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए..." जैसे लोकप्रिय गीतों की धुन पर भक्त थिरकते हुए अपने अनुष्ठान को पूरा कर रहे हैं। प्रमुख घाटों पर उमड़ा भक्तों का मेला जौनपुर जिले के प्रमुख छठ घाटों जैसे गोपी घाट, अचला घाट, बीबीपुर घाट और बेलाव घाट पर सुबह होते ही भक्तों का भारी जमावड़ा लग गया। घाटों पर भक्तों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया और अपने परिवार की सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना की। इन घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। विशेष पूजा सामग्री से सजाया गया अर्घ्य का थाल रात से ही व्रति महिलाएं अर्घ्य देने के लिए सामग्री तैयार करने में जुट गई थीं। थाल में फल, सुथनी, केले, अमरूद, नारियल, ठेकुआ और चिउड़े सहित अन्य चीजें सजाई गई थीं। इन सामग्रियों को 6, 12 या 24 की संख्या में व्यवस्थित किया गया, जो पूजा का हिस्सा बनीं। विशेष रूप से साठी के चावल, गुड़, और गाय के दूध से बनी खीर का सेवन व्रति महिलाओं ने बुधवार को खरना के दिन किया, जिसके बाद उन्होंने निर्जल व्रत की शुरुआत की। देखें 6 तस्वीरें... महिलाएं कर रही हैं सूर्य और षष्ठी की उपासना इस व्रत में मुख्य रूप से माता षष्ठी और भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। जहां सूर्य देव अपने भक्तों को वैभव और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं, वहीं माता षष्ठी पुत्रों की लंबी उम्र के लिए रक्षा करती हैं। इस उपासना से जहां महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है, वहीं यह व्रत संतान के संरक्षण और सुख-शांति का प्रतीक भी माना जाता है। छठ पूजा की तैयारी में जुटे स्थानीय लोग वहीं, स्थानीय प्रशासन और नगर निगम के द्वारा भी छठ पूजा के दौरान घाटों पर विशेष सफाई और सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पूरी रात जाग कर घाटों को साफ किया गया और साज-सज्जा की गई, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। सुबह होते ही श्रद्धालुओं का हुजूम घाटों पर जमा हो गया, और छठ पूजा का अद्भुत दृश्य दिखाई दिया।

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