78 दिन में नहीं हो पाया नाम में संशोधन:बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट के लिए भटक रहा युवक, आवेदकों को इधर से उधर घुमाया जा रहा
बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने में आवेदकों का पसीना छूट रहा है। स्कूल में बच्चों के एडमिशन के लिए बर्थ सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है। इसके लिए पेरेंट नगर निगम में इधर से उधर भटक रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं केके नगर निवासी राहुल सक्सेना। इनके बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट तो बना हुआ है लेकिन उसका नाम गलत हो गया था। इसी के संशोधन के लिए उन्होंने 4 सितंबर को फार्म भरकर नाम संशोधन के लिए आवेदन किया था। तब से वे लगभग 15 बार नगर निगम के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन हर बार उन्हें एक कमरे से दूसरे कमरे में भेज दिया जाता है। मगर, बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट के नाम में अब तक संशोधन नहीं हो सका है। प्राइवेट जॉब करने वाले राहुल सक्सेना के लिए हर दिन नगर निगम में आना संभव नहीं है। उधर, स्कूल से लगातार बर्थ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने या किसी प्रकार के संशोधन के लिए आवेदकों के परेशान होने का यह पहला मामला नहीं है। यहां हर दूसरा आवेदक राहुल की तरह से ही परेशान है। एडमिशन प्रोसेस चल रहा है इन दिनों स्कूलाें में नर्सरी और प्री-नर्सरी के लिए एडमिशन प्रोसेस चल रहा है। बच्चों के एडमिशन फार्म के साथ ही बर्थ सर्टिफिकेट जमा करने पड़ रहे हैं। यही वजह है कि इन दिनों बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने वालों की ज्यादा भीड़ है। हरीपर्वत जोन की स्थिति मंथ बर्थ सर्टिफिकेट बने जनवरी 3,972 फरवरी 3,285 मार्च 3,159 अप्रैल 2,121 मई 2,058 जून 1,387 जुलाई 1,608 अगस्त 2,198 सितंबर 1,316 अक्टूबर 3,767 नवंबर (18 नवंबर तक) 1,068 कुल लंबित प्रकरण
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