Navratri 2025: घट स्थापना से होगी नवरात्रि की शुरुआत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि!

Navratri 2025: इस साल शक्ति की साधना का पर्व 22 सितंबर से शुरू होगा। भक्त मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा 9 दिनों तक करेंगे। पहले दिन कलश स्थापना के साथ पूजन आरंभ होता है। इसकी शुभ विधि, मुहूर्त और महत्व जानना बेहद जरूरी है।Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व मां दुर्गा की […] The post Navratri 2025: नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना से, यहां पढ़ें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि! first appeared on Vision 2020 News.

Sep 17, 2025 - 18:27
 55  6384
Navratri 2025: घट स्थापना से होगी नवरात्रि की शुरुआत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि!
Navratri 2025: इस साल शक्ति की साधना का पर्व 22 सितंबर से शुरू होगा। भक्त मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा 9 दि

Navratri 2025: घट स्थापना से होगी नवरात्रि की शुरुआत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि!

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - India Twoday

कम शब्दों में कहें तो, यह साल नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रहा है। इस दौरान भक्त नौ रातों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करेंगे। पहले दिन कलश स्थापना के माध्यम से पूजा का आरम्भ किया जाएगा। इस प्रक्रिया की शुभ विधि, मुहूर्त और महत्व को जानना बेहद आवश्यक है।

नवरात्रि का महत्व

शारदीय नवरात्रि का यह पावन पर्व मां दुर्गा की आराधना का अनूठा अवसर है। इसे केवल शक्ति की साधना ही नहीं, बल्कि भावनाओं की गहराई से देखा जाता है। इस बार भी, पूरी देश में भक्तगण नवरात्रि की तैयारियों में जुटे हुए हैं। मां भगवती को घर-घर में आमंत्रित करने की तैयारी चल रही है, जिससे यह पर्व और भी उल्लास से भरा होगा।

नवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025, सोमवार को होगी। इस दिन विशेष रूप से कलश स्थापना की जा रही है। शास्त्रों के अनुसार, कलश स्थापना एक महत्वपूर्ण कार्य है, जो देवी की कृपा को प्राप्त करने का आधार बनता है।

कलश स्थापना की विधि

कलश स्थापना के लिए पहले आपको पवित्र स्थान का चयन करना होगा। फिर वहां एक सफेद कपड़ा बिछाएं और उसके बीच में एक मिट्टी या धातु का कलश रखें। कलश में गंगाजल डालें, और उसके ऊपर एक नींबू और कुछ जौ रखें। जौ के चारों ओर बर्तन के चारों कोनों पर चावल या गेहूं डालें। इसके बाद, देवी माँ की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें और दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद माता की आरती करें और भोग लगाएं।

पूजन का विधि-विधान

नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन माता शैलपुत्री, दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन माता चंद्रघंटा, चौथे दिन माता कुष्मांडा, पांचवे दिन माता स्कंदमाता, छठे दिन माता कात्यायनी, सातवें दिन माता कालरात्रि, आठवें दिन माता महागौरी और अंत में नवमीं को माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

नवरात्रि का आयोजन

इस पर्व के दौरान, भक्त रात्रि में जगराते रखते हैं और आधी रात तक भजन-कीर्तन करते हैं। सामूहिक हवन तथा धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं। इसके साथ ही, भक्तों का ध्यान साधना एवं ध्यान पर केंद्रित होता है।

निष्कर्ष

नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है जब हम हमारे भीतर की शक्तियों को पहचान सकते हैं और उन्हें जागृत कर सकते हैं। इस नवरात्रि, हम सभी को मां दुर्गा की कृपा से अपने अंदर की शक्ति को पहचानने और उसे विकसित करने का प्रयास करना चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए और अपडेट्स के लिए, हमारी वेबसाइट पर जाएं: India Twoday.

Team India Twoday, प्रियंका सिंह

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow