उत्तराखंड में अवैध असलहे रखने का बढ़ता हुआ मामला: NCRB रिपोर्ट से खुलासा

देहरादून:उत्तराखंड शांत पहाड़ों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भले ही जाना जाता हो, लेकिन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की ताज़ा रिपोर्ट 2023 में राज्य की एक और गंभीर तस्वीर सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड अवैध असलहा रखने के मामलों में हिमालयी राज्यों में पहले और पूरे देश में सातवें स्थान पर आ […] The post NCRB रिपोर्ट: उत्तराखंड अवैध असलहा रखने में पहाड़ी राज्यों में नंबर वन” first appeared on Vision 2020 News.

Oct 10, 2025 - 00:27
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उत्तराखंड में अवैध असलहे रखने का बढ़ता हुआ मामला: NCRB रिपोर्ट से खुलासा
देहरादून:उत्तराखंड शांत पहाड़ों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भले ही जाना जाता हो, लेकिन नेशनल क्र

उत्तराखंड में अवैध असलहे रखने का बढ़ता हुआ मामला: NCRB रिपोर्ट से खुलासा

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में अवैध असलहे रखने की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। नवीनतम NCRB रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थिति चिंताजनक है।

देहरादून: उत्तराखंड की खूबसूरत पहाड़ियों और प्राकृत सौंदर्य के लिए जाने जाने वाला यह राज्य अब अवैध असलहा रखने के मामलों में प्रमुखता हासिल कर चुका है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट 2023 के अनुसार, उत्तराखंड ने हिमालयी राज्यों में अवैध असलहा रखने के मामलों में पहले स्थान पर आ गया है और पूरे देश में इसका स्थान सातवां है।

इस वर्ष 2023 में उत्तराखंड में कुल 1767 लोगों के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें से 1184 मामले अवैध असलहा रखने के हैं। चार मामलों में वैध हथियार के साथ अपराध किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अब असलहे रखना सिर्फ सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि यह एक प्रकार का "शौक" और "स्टेटस सिंबल" बनता जा रहा है।

सोशल मीडिया पर असलहों का प्रदर्शन: ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार सबसे आगे

उत्तराखंड में असलहों के प्रति एक और नई और खतरनाक प्रवृत्ति उभरकर आ रही है, जो है सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन। खासकर ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जैसे क्षेत्रों में इस प्रकार का व्यवहार आम होता जा रहा है। लोग छोटी-छोटी बातों पर असलहों का प्रयोग करने लगे हैं, जो किसी को डराने या रौब दिखाने के लिए किया जा रहा है। पुलिस की सतर्कता के बावजूद, वर्ष 2023 में 1767 मुकदमे दर्ज हुए और सैकड़ों असलहे जब्त किए गए। लेकिन चिंता की बात यह है कि इनमें से अधिकांश अवैध हथियार आपराधिक घटनाओं में इस्तेमाल किए गए हैं, खासकर हत्या और जान से मारने की कोशिशों में।

अपराधों में वृद्धि और चार्जशीट की धीमी रफ्तार

NCRB रिपोर्ट में यह भी दिखाई देता है कि उत्तराखंड में हिंसक अपराध जैसे हत्या, लूट, और अपहरण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है:

  • 2021: 3162 मामले
  • 2022: 3923 मामले
  • 2023: 3570 मामले

हालांकि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2023 में पुलिस ने केवल 58% मामलों में ही चार्जशीट दाखिल की है, जिससे अन्य मामलों की जांच और न्याय में देरी की आशंका बनी हुई है।

तराई में अवैध असलहों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है

ऊधमसिंह नगर, जो पहले से ही अपराध के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है, वहां तराई के जंगलों में कई बार अवैध हथियारों की फैक्ट्रियां पकड़ी गई हैं। एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने ऐसे कारखानों का भंडाफोड़ किया है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी असलहों की तस्करी हो रही है, जिससे ये हथियार स्थानीय अपराधियों के हाथों पहुंच रहे हैं।

अन्य हिमालयी राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड का प्रदर्शन

राज्य शस्त्र अधिनियम के केस बरामद अवैध असलहे
उत्तराखंड 1764 1184
पश्चिम बंगाल 1349 1337
हिमाचल प्रदेश 24 04
मणिपुर 89 81
नागालैंड 74 73
अरुणाचल प्रदेश 15 10
मिजोरम 29 25
त्रिपुरा 06 05
मेघालय 09 06

(स्रोत: NCRB रिपोर्ट 2023)

पुलिस का सख्त संदेश: अपराधियों को नहीं मिलेगी कोई राहत

उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने स्पष्ट किया है कि राज्य में अवैध असलहों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो भी अपराधी होगा, उसे सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा।

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