BHU पेड़ कटाई मामले में वन-विभाग ने दर्ज कराया FIR:NGT मे टीम ने दाखिल की रिपोर्ट, विवि के कार्यशैली पर जांच कमेटी ने उठाए गंभीर सवाल
बीएचयू पेड़ कटाई मामले में पिछले दिनों वन विभाग एवं मंत्रालय के टीम द्वारा विश्वविद्यालय कैंपस का भ्रमण किया गया था। अब इस मामले में हाइकोर्ट अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा गठित समिति ने अपना रिपोर्ट दाखिल कर दिया है। जिसमें याचिकाकर्ता और हाइकोर्ट के अधिवक्ता द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए है। अब इस मामले में 11 नवंबर को एनजीटी सुनवाई करेगी। बीएचयू ने चंदन की लकड़ी बरामद करने की कोशिश नहीं की अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया - डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर और रीजनल ऑफिसर पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार लखनऊ की संयुक्त समिति ने 29 अक्टूबर को रिपोर्ट सौंप दी गई है। कमेटी ने रिपोर्ट में कहा है कि 7 चंदन के पेड़ों का विश्वविद्यालय से कटाई कर चोरी को लेकर एफआईआर कई सवाल खड़े करते है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने न तो लकड़ी के बरामद करने की कोशिश की और न ही चोर पकड़ने की दिशा में कोई सकारात्मक पहल की गई है। बीएचयू द्वारा कराए गए FIR पर भी खड़ा हुआ संदेह अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया - रिपोर्ट में यह भी सवाल खड़े किए गए है कि, बीएचयू प्रशासन की ओर से जो लंका (कमिश्नरेट वाराणसी) में दर्ज करवाए गए उसमें कीमती लकड़ी लिखा गया, चंदन की लकड़ी और उसके कीमत का भी कोई जिक्र नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया कि घटनास्थल में तमाम सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षाकर्मी और विश्वविद्यालय के सभी गेटों पर सुरक्षाकर्मी है तो चोरी की घटना संदेह पैदा करता है। पेड़ों की अवैध कटाई का जिक्र संयुक्त जांच कमेटी ने रिपोर्ट में 26 पेड़ों के कटाई अवैध पाया है. अवैध रुप से पेड़ कटवानें व अवैध अभिवहन को लेकर रजिस्ट्रार बीएचयू, प्रो. अरुण कुमार सिंह के विरुद्ध 23 अक्टूबर 2024 को नामजद वन अपराध संख्या 43/2024 (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज कराया गया है। वन विभाग ने एफआईआर में 12 पेड़ों का अवैध रुप से पेड़ों की कटाई करने का आरोप लगाया गया है। 26 अवैध पेड़ कटाई का आदेश नहीं लिया गया अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया - 7 चंदन के पेड़ों की अवैध कटाई में बीएचयू के पदाधिकारियों की संलिप्तता साबित हो चुकी है। संयुक्त जांच समिति ने रिपोर्ट को एनजीटी के समक्ष दायर कर दिया है। इसके अलावा कुल 26 वृक्षों की अवैध कटाई की गयी है। भारतरत्न पंडित महामना मदन मोहन मालवीय जी द्वारा दी गई विरासत और सुंदर पर्यावरण को संरक्षित करना हम सबका कर्तव्य है।
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