CDS बोले-देश का बड़ा हिस्सा सेना की उपलब्धियों से अनजान:इसे एजुकेशन में शामिल करेंगे; इंडियन हैरिटेज मिलिट्री फेस्टिवल में लॉन्च हुआ शौर्य गाथा प्रोजेक्ट
इंडियन मिलिट्री हैरिटेज फेस्टिवल का दूसरा एडिशन शुक्रवार को नई दिल्ली में शुरू हुआ। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा- देश का बड़ा हिस्सा भारतीय सेना की उपलब्धियों को नहीं जानता। इसलिए इसे एजुकेशन में भी जोड़ा जाएगा। इस फेस्टिवल का लक्ष्य भारतीय वायुसेना, नौसेना और आर्मी की उपलब्धियों को प्रमोट करना है। साथ ही यह युवाओं के बीच सेना को बतौर करियर बढ़ावा देने का काम भी कर रहा है। इसका पहला एडिशन पिछले साल 21-22 अक्टूबर को आयोजित हुआ था। शुक्रवार को फेस्टिवल के दौरान CDS ने शौर्य गाथा प्रोजेक्ट लॉन्च किया। इसका मकसद अगली पीढ़ी में नेशनल प्राइड यानी राष्ट्रीय गर्व की भावना बढ़ाना है। इस फेस्टिवल में रक्षा मंत्रालय, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) और इंडियन फोर्स के अलावा पर्यटन विभाग लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश सरकार और संस्कृति मंत्रालय के अलावा NCC कैडेट भी शामिल हुए हैं। क्या है शौर्य गाथा प्रोजेक्ट शौर्य गाथा प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) की पहल है। इसे DMA और यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (USI) के सेंटर फॉर मिलिट्री हिस्ट्री एंड कॉन्फ्लिक्ट स्टडीज ने साथ मिलकर शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट का मकसद भारतीय सेना के इतिहास और उपलब्धियों को टूरिजम और शिक्षा की मदद से प्रमोट करना है। शौर्य गाथा से बैटलफील्ड टूरिजम को बढ़ावा मिलेगा इस प्रोजेक्ट के जरिए बैटलफील्ड टूरिजम यानी बॉर्डर एरिया में टूरिजम को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इससे नए रोजगार पैदा होंगे। इसके तहत भारतीय सेना के अहम मिलिट्री लैंडमार्क की पहचान की जाएगी, उन्हें रीस्टोर किया जाएगा और फिर प्रमोट किया जाएगा। इसके बाद उन्हें स्मारक और म्यूजियम में रिजर्व किया जाएगा। भारतीय सेना के कई ऑपरेशन्स की चर्चा की गई शौर्य गाथा प्रोजेक्ट के तहत भारतीय सेना के कई ऑपरेशन्स की चर्चा की गई। इस दौरान बताया गया कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 16 दिसंबर 1971 को सीजफायर की घोषणा हुई थी। इस घोषणा के 15 दिनों तक भारतीय सेना के जवानों को ठीक से खाना-पानी तक नहीं मिला था। वे सर्दी से बचने के लिए घास ओढ़कर सोए थे। कई सैन्य किताबें रिलीज की गई इस दौरान कई किताबों को भी लारॅन्च किया गया है। इनमें रिटायर एयर मार्शल विक्रम सिंह की लिखी बिकॉज ऑफ दिस: ए हिस्ट्री ऑफ द इंडो-पाक एयर वॉर (दिसंबर 1971), वेलोर एंड ऑनर, वॉर वाउंडेड, डिसेबल्ड सोल्जर्स एंड कैडेट्स शामिल हैं। वहीं, CDS ने बताया कि सशस्त्र बलों के पराक्रम, इतिहास और विरासत के बारे में जागरूकता फैलाने के इरादे से अपनी सैन्य लाइब्रेरी को ई-लिंक करने जा रहे हैं। इससे लोगों के लिए जानकारी जुटाना और सैन्य गौरव गाथाओं को जानना आसान हो जाएगा। DRDO ने आत्मनिर्भर भारत सफर की प्रदर्शनी लगाई फेस्टिवल में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (DRDO) ने अपने कई मेड इन इंडिया रिसर्च हथियारों की तस्वीरें और रिसर्च पेपर्स की प्रदर्शनी लगाई है। DRDO ने के बनाए हथियारों को भारतीय सेना में शामिल किया जा रहा है। --------------------------------- भारतीय सेना से जुड़ी ये खबरें भी पढ़े... कश्मीर में 36 घंटे में 3 एनकाउंटर:श्रीनगर में उस घर को उड़ाया, जहां आतंकी छुपे थे। कश्मीर में 4 नवंबर को 36 घंटे चले एनकाउंटर में 3 आतंकी ढ़ेर हुए थे। इनमें 4 जवान घायल हो गए थे और 3 आतंकी मारे गए थे।श्रीनगर के खान्यार में एक घर में 2 से 3 आतंकी छिपे थे। सेना ने घर को बम से उड़ा दिया था। पूरी खबर पढ़े... जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 2 आतंकी गिरफ्तार, 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 21अक्टूबर को सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद की गई थी। सेना के अधिकारियों ने बताया था कि ये दोनों जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स नाम के संगठन से जुड़े हाइब्रिड आंतकी थे। पूरी खबर पढ़े...
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