CJI बोले- सरकार के प्रमुख से मिलना डील होना नहीं:वे न्यायपालिका के लिए बजट देते हैं, अगर पत्रों पर निर्भर रहेंगे तो काम नहीं होगा
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि सरकार के प्रमुख जब हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से मिलते हैं तो इन मुलाकातों में राजनीतिक परिपक्वता होती है। मुंबई के एक कार्यक्रम CJI ने कहा- हम राज्य या केंद्र सरकार के मुखिया से मिलते हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि कोई डील हो गई। चीफ जस्टिस ने ये भी कहा कि हमें राज्य के सीएम के साथ बातचीत करनी होती है, क्योंकि वे न्यायपालिका के लिए बजट देते हैं। यदि मुलाकात न करके केवल लेटर्स पर निर्भर रहें तो काम नहीं होगा। ये मीटिंग पॉलिटिकल मैच्योरिटी का एक साइन है। मेरे करियर में ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी CM ने कभी भी मुलाकात के दौरान किसी लंबित केस के बारे में कुछ कहा हो। CJI ने कहा- कोर्ट और सरकार के बीच का एडमिनिस्ट्रेटिव रिलेशन, ज्यूडिशियरी के काम से अलग है। CM या चीफ जस्टिस त्योहारों या शोक में एक-दूसरे से मिलते हैं। यह हमारे काम पर कोई असर नहीं डालता। CJI की स्पीच की 3 बातें.... 1. जजों को सोचने का समय नहीं 2. कोलेजियम की जिम्मेदारी राज्य-केंद्र और ज्यूडिशियरी में बंटी 3. सोशल मीडिया से पूरी दुनिया की न्यायपालिका में बदलाव आया --------------------------------- CJI से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... वकालत से पहले CJI चंद्रचूड़ ऑल इंडिया रेडियो अनाउंसर थे, आकाशवाणी का ऑडिशन दिया था चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ हिंदी और अंग्रेजी भाषा में बतौर रेडियो अनाउंसर काम कर चुके है। ऑल इंडिया रेडियो को हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वे 1975 में मुंबई से दिल्ली चले गए थे। तब उन्होंने आकाशवाणी के लिए ऑडिशन दिया था। पूरी खबर पढ़ें...
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