CJM वाराणसी ने 41 लाख के लुटेरे को जेल भेजा:CM-OSD और सोशल मीडिया प्रभारी का फर्जी आईकार्ड मिला, जल्द रिमांड पर लेगी पुलिस
वाराणसी के सारनाथ थाने के रुद्रा अपार्टमेंट में सीएम का फर्जी OSD बनकर 41 लाख की लूट में शामिल धर्मेंद्र कुमार चौबे उर्फ पिंटू को CJM ने जेल भेज दिया। उसको पुलिस ने मुंबई में उसकी ससुराल से गिरफ्तार किया था और ट्रांजिट रिमांड पर वाराणसी लाया गया। पुलिस ने सारनाथ थाने में औपचारिकताएं पूरी करने और प्रारंभिक पूछताछ की, जिसमें कई अहम जानकारी हाथ लगी। आरोपी धर्मेंद्र के पास सीएम ओएसडी का नकली आईडी कार्ड बरामद हुआ। उसकी पर्स से सीएम सोशल मीडिया सेल प्रभारी का भी फर्जी आईकार्ड मिला। सारनाथ थाना पुलिस ने केस में फर्जी दस्तावेजों की धारांए बढ़ाई हैं छीतमपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार चौबे उर्फ पिंटू को सीजेएम कोर्ट में पेश किया। जहां से जज ने मामले की जानकारी के बाद इसे गंभीर बताया, सुनवाई के बाद आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। लूटकांड का मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता अभी अंडरग्राउंड है, जिसकी तलाश जारी है। पहले आपको बताते हैं घटनाक्रम... इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता ने 7 नवंबर को रुद्रा अपार्टमेंट पर छापा मारकर 40 लाख रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया। उनके साथ सिविल ड्रेस में एक युवक धर्मेंद्र चौबे भी था, जिसने गार्ड से खुद को CM योगी का OSD बताया। अपार्टमेंट में शहर के बड़े कारोबारी जुआ खेल रहे थे, सभी को डरा-धमकाकर रकम वसूली। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने जुए की फड़ पर रखे 40-41 लाख रुपए दो बैग में भर लिए। एक CCTV भी सामने आया है, इसमें दिख रहा है कि इंस्पेक्टर लिफ्ट से उतर रहे हैं, उनके साथ का युवक हाथ में दो बैग पकड़े हुए है। CCTV वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता को पहले लाइन हाजिर, फिर सस्पेंड कर दिया। डीसीपी वरूणा चंद्रकांत मीना ने जांच एडीसीपी को दी, जिसमें पूरा मामला साफ हो गया। एसओ सारनाथ विवेक त्रिपाठी ने तहरीर देकर अपनी ओर से सूचनाओं को आधार बनाकर केस दर्ज किया कराया। बता दें कि इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता का विवादों से पुराना नाता है। वाराणसी में तैनाती के दौरान चेतगंज और चोलापुर थानाध्यक्ष रहते हुए अफसरों ने उन्हें शिकायतों और लापरवाही पर हटाया था लेकिन फिर जुगाड़ से मलाईदार कुर्सी पा गया। सारनाथ एसओ ने दर्ज कराई थी एफआईआर सारनाथ के रुद्रा हाइट्स में जुआ पकड़ने के दौरान छापेमारी करके 41 लाख रुपये लूटने वाले तत्कालीन इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता के खिलाफ वादी नहीं मिलने पर एसओ सारनाथ ने इंस्पेक्टर के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसी बीच लखनऊ के अफसरों से सेटिंग कर उसने बनारस से तबादला करा लिया था। सारनाथ एसओ ने पूर्व एसएचओ के साथ सीएम के फर्जी ओएसडी बनकर गए धर्मेंद्र चौबे, रुद्रा हाइट्स के मालिक समेत अन्य अज्ञात पर केस दर्ज किया। एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद इंस्पेक्टर और धर्मेंद्र चौबे अंडरग्राउंड हो गए हैं।
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