गुजरात से आजमगढ़ पहुंची 829 मैट्रिक टन खाद की रेक:जिले में लगातार चल रहा था खाद का संकट, प्रशासन की छापेमारी में तीन दर्जन से अधिक दुकानें सील
आजमगढ़ जिले में विगत दिनों से चल रहा खाद का संकट समाप्त होता दिख रहा है। नेशनल फर्टिलाइजर कंपनी की डीएपी की रैक गुजरात के जिला कच्छ के मुद्रा बंदरगाह से आजमगढ़ पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपनी नई योजना के अंतर्गत 13 नवंबर को साधन सहकारी समितियो पर डीएपी उपलब्ध कराने हेतु प्राइवेट उर्वरक कंपनियों के माध्यम से प्राप्त उर्वरक की रैक से 30% उर्वरक की मात्रा को साधन सहकारी समितियो के लिए आवंटित करने का निर्देश दिया था। जिसे 24 नवंबर को बढ़ाकर 50% कर दिया गया है। अब निजी क्षेत्र की प्राइवेट उर्वरक कंपनियों के माध्यम से प्राप्त डीएपी की रैक से 50% डीएपी साधन सहकारी समितियो के लिए आवंटित की जाएगी। इसी क्रम में जनपद के किसानों के लिए उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (NFL) कंपनी की डीएपी की 829 मेट्रिक टन की एक रेक आजमगढ़ भेजी गई थी जो देर शाम पहुंच गई। इस रेक में 318 मैट्रिक टन डीएपी जनपद आजमगढ़ के साधन सहकारी समितियो को सीधे भेजा जाएगा तथा 511 टन डीएपी जनपद आजमगढ़ के निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को किसानों के मध्य वितरण हेतु भेजा जाएगा। रैक पॉइंट से सीधे साधन सहकारी समितियो पर एवं निजी फुटकर बिक्री केंद्रों पर डीएपी खाद भेजा जाए। जिससे किसानों को डीएपी खाद सीधे, सुगमता एवं सरलता से प्राप्त हो सके। टोकन सिस्टम से होगी बिक्री जिले के डीएम नवनीत सिंह चहल ने निर्देश दिया है कि यदि कहीं भी किसी भी उर्वरक की बिक्री प्रतिष्ठान पर भीड़ की स्थिति उत्पन्न होती है तो टोकन सिस्टम के माध्यम से उर्वरक नियमानुसार वितरण सुनिश्चित किया जाए।खाद निर्धारित दर पर प्वाइंट ऑफ सेल मशीन (POS) से ही बिक्री होनी चाहिए। किसी भी प्रकार की समस्या के लिए किसान सहकारी समितियों के अधिकारी के मोबाइल नंबर 8922052042/8527436613 तथा जिला कृषि अधिकारी कार्यालय के मोबाइल नंबर 9450753720/9453072429/7839882455 पर संपर्क कर अपनी परेशानी का निस्तारण आसानी से करा सकते हैं। तीन दर्जन से अधिक लाइसेंस निलंबित जिले में खाद को लेकर चल रहे संकट के बीच खाद विक्रेताओं द्वारा निर्धारित दर से अधिक की बिक्री मिलने की शिकायतों पर जिले के कृषि अधिकारी ने डीएम के निर्देश पर खाद की दुकानों पर छापेमारी भी की। विगत तीन महीने चली छापेमारी में अब तक तीन दर्जन से अधिक खाद की दुकानों के लाइसेंस को निलंबित किया जा चुका है।
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