ED का MUDA के 6 अधिकारी-कर्मचारियों को नोटिस:बेंगलुरु दफ्तर में दस्तावेजों के साथ पूछताछ के लिए बुलाया; सिद्धारमैया बोले- इस्तीफा नहीं दूंगा
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया से जुड़े मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) स्कैम मामले में ED ने अथॉरिटी के 6 अधिकारी-कर्मचारियों को नोटिस भेजा। शुक्रवार को उन्हें तलब किया गया और दस्तावेजों के साथ ED के बेंगलुरु दफ्तर में अलग-अलग तारीखों पर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इधर, सिद्धारमैया ने उन पर लगे स्कैम के आरोपों को इनकार किया। उनका कहा कि मुझे राजनीतिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी नेताओं का समर्थन है, इसलिए वे CM पद से इस्तीफा नहीं देंगे। सिद्धारमैया पर क्या-क्या आरोप लगे हैं 1 अक्टूबर को MUDA सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बी. एम. के लौटाए 14 प्लॉट वापस लेने को तैयार हो गई थी। पार्वती ने लेटर लिखकर प्लॉट लौटाने की बात कही थी। इसके बाद MUDA ने कहा था कि वे इसे वापस लेने से पहले कानूनी सलाह लेंगे, क्योंकि मामला जांच के दायरे में है। वहीं, CM सिद्धारमैया ने पत्नी के जमीन लौटाने के फैसले पर हैरानी जताई थी। उन्होंने कहा था कि मेरे खिलाफ चल रहे राजनीतिक षड्यंत्र से आहत होकर मेरी पत्नी ने प्लॉट वापस करने का फैसला लिया। सिद्धारमैया ने कहा था कि पत्नी के इस फैसले से मैं हैरान हूं। मेरी पत्नी ने मेरी चार दशक लंबी राजनीति में कभी हस्तक्षेप नहीं किया। वह मेरे खिलाफ नफरत की राजनीति का शिकार हुई है और मेंटल टॉर्चर झेल रही है। सिद्धारमैया का ED के मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करने पर सवाल सिद्धारमैया ने कहा था कि ED ने किस आधार पर केस दर्ज किया है। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा नहीं है, क्योंकि हमें जमीन के बदले जमीन मुआवजे के तौर पर दी गई थीं। सिद्धारमैया ने कहा था कि उनके खिलाफ बदले की राजनीति हुई है। दरअसल, ED ने 30 सितंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इससे पहले मैसूरु लोकायुक्त ने 27 सितंबर को सभी के खिलाफ केस दर्ज किया था। लोकायुक्त ने 1 अक्टूबर से मामले की जांच शुरू कर दी है। CM की पत्नी बोलीं- राजनीतिक परिवारों की महिलाओं को विवाद में न घसीटें 30 सितंबर को ED के केस दर्ज करने के कुछ घंटों बाद CM सिद्धारमैया की पत्नी बीएन पार्वती ने MUDA को मुआवजे में मिली जमीन लौटाने की पेशकश की थी। बीएन पार्वती ने MUDA कमिश्नर को लेटर लिखा, जिसे CM कार्यालय ने देर रात शेयर किया। पार्वती ने लेटर में लिखा- मुझे कसाबा होबली के केसारे गांव में मेरे 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन के बदले मैसूर में विजयनगर के तीसरे और चौथे फेज में 14 वैकल्पिक प्लॉट आवंटित किए गए थे। मैं सेल डीड कैंसिल करके 14 साइटों को वापस करना चाहती हूं। मैंने यह फैसला उसी दिन लिया था जिस दिन आरोप लगे थे। मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और मीडिया से अपील करती हूं। कृपया राजनीतिक परिवारों की महिलाओं को विवाद में न घसीटें। उन्हें राजनीतिक विवादों में शामिल करके उनकी गरिमा और सम्मान को नुकसान न पहुंचाएं।' सिद्धारमैया ने कहा था- भाजपा सरकार में पत्नी को जमीन मिली आरोपों पर सिद्धारमैया ने कहा था - 2014 में जब मैं CM था तो पत्नी ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। मैंने पत्नी से कहा था कि जब तक मैं CM हूं तब तक मुआवजे के लिए आवेदन ना किया जाए। 2020-21 में जब भाजपा की सरकार थी, तब पत्नी को मुआवजे की जमीन आवंटित की गई। भाजपा सिर्फ मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने की कोशिश कर रही है। ............................................................. सिद्धारमैया से जुड़ी ये खबरें भी पढ़े... मैसूर लैंड स्कैम में लोकायुक्त करेगा सिद्धारमैया की जांच: स्पेशल कोर्ट ने कहा- 3 महीने में रिपोर्ट सौंपें, हाईकोर्ट ने कहा था- CM पर जांच बैठाना सही बेंगलुरु के स्पेशल कोर्ट ने 25 सितंबर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में कर्नाटक लोकायुक्त को जांच करने का आदेश दिया है। लोकायुक्त की मैसूरु जिला पुलिस को जांच की रिपोर्ट 3 महीने में सौंपनी होगी। पूरी खबर पढ़े... कर्नाटक हाईकोर्ट- जब तक सुनवाई जारी, सिद्धारमैया पर कार्रवाई नहीं:निचली अदालत को आदेश; गर्वनर ने जमीन घोटाले में केस चलाने की मंजूरी दी थी कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया की राज्यपाल थावरचंद गहलोत के खिलाफ दायर याचिका पर 19 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने कहा था - जब तक हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है, MUDA मामले में ट्रायल कोर्ट सिद्धारमैया पर कार्रवाई न करे। पूरी खबर पढ़े...
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