KKC लिटफेस्ट का दूसरा दिन पहुंचे कई दिग्गज:दिनेश शर्मा के साथ उत्तराखंड के पूर्व सीएम निशंक भी पहुंचे, मुजफ्फर अली की सजी महफिल
श्री जय नारायण मिश्र पीजी कॉलेज (KKC) के लिट फेस्ट के दूसरे दिन कई दिग्गज पहुंचे। सुबह के सत्र में पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा पहुंचे। उनके साथ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी पहुंचे। वहीं, समापन सत्र के मेहमान उमराव जान फेम फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली थे। उनसे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. विनोद चन्द्र ने बातचीत की। इस दौरान मुजफ्फर अली ने अपने दिल में लखनऊ के लोगों के लिए कुछ करने की अपनी हसरत का इजहार करते हुए कहा कि लखनऊ के लोगों की तरक्की ही उनके जीवन का मकसद है। लखनऊ उनकी रग रग में बसा है। KKC से रहा विशेष लगाव दिनेश शर्मा ने कहा कि आज उन्हे विद्यालय के उत्सव स्थल को देखकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय से उनका विशेष लगाव रहा है। यहीं के शिक्षकों की लिखी पुस्तको उन्होंने प्राथमिकता से पढ़ा। यहां पर पढ़ने वाले भी अव्वल हुआ करते थे और पढ़ाने वाले भी अव्वल होते थे। उन्होंने कहा कि आज महाविद्यालय की इमेज एक ऊंचाई की तरफ जाते दिख रही है। उन्होंने छात्र छात्राओं को भी संदेश दिया कि कभी अहंकार अपने अंदर ना लाएं। कभी किसी मूर्ख व्यक्ति से मित्रता ना करें और ना ही कभी किसी मित्र को मूर्ख बनाएं। उन्होंने कहा कि उन्हे ज्ञान के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं है। हमारे देश में ही चारों ओर उच्च कोटि की शिक्षा का वातावरण बन रहा है। आज हमारे देश के युवा जो हमारे उच्च कोटि के संस्थानों से पढ़कर निकल रहे हैं उनसे पूरे विश्व विश्व में देश का मान बढा है। और हमारे कई युवा वैश्विक संगठनों का नेतृत्व भी कर रहे हैं। देहरादून के पास है लेखक ग्राम रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि KKC लिटफेस्ट में आना किसी विद्वत जनों की सभा में आने से कम नहीं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में उन्होंने देहरादून एयरपोर्ट के पास एक लेखक ग्राम बनवाया है। जिसमें देश में लेखनी से जुड़ा कोई भी व्यक्ति आकर रह सकता है। अपना रचनाकर्म कर सकता है। उसे वहां पर अनेकों सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि उनका यह प्रयास लेखनी की धार को और मजबूत करने के लिए किया गया है। क्योंकि उन्होंने महसूस किया है कि जब-जब लेखनी की धार कमजोर हुई है, तलवार की धार तेज हुई है। क्रांतियां और रक्तपात बढ़े है। इसलिए लेखनी को मजबूत बनाए रखना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश से प्रतिवर्ष 8 लाख बच्चे बाहर जाते हैं, लगभग 3 लाख करोड रुपए देश से बाहर चले जाते हैं। लेकिन वह कहना चाहते हैं कि आज यहां के बच्चों को बाहर जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि पूरी दुनिया में भारत के पढे हुए छात्र छाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से पूर्ण ज्ञान लेकर उसे नवाचार के सहयोग से हम आगे बढ़ा सकते हैं। उम्मीद बहुत जल्द LU को मिलेगा केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर विनोद चंद्र ने कहा कि हम सभी शिक्षक समूह प्रो.दिनेश शर्मा के आभारी हैं, क्योंकि उन्ही की वजह से महाविद्यालय के शिक्षकों को प्रोफेसर पदनाम लगाने का अवसर मिल सका। उन्होंने कहा कि उन्हे आशा है कि शीघ्र ही प्रो दिनेश शर्मा के प्रयासों से लखनऊ विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त होगा। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता, महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष वी एन मिश्र ने की। उन्होंने कहा कि लखनऊ की अदब और तहजीब में केवल सांप्रदायिक सौहार्द ही नहीं भाषाई सौहार्द भी देखने को मिलता है। यहां पर अवधि और उर्दू का संगम विश्व को मानवता का संदेश देने वाला है। डॉ.हिमांशु वाजपेई ने ऐसी ही ना जाने कितने किस्से सुना कर लोगों को खिलखिलाया और गुदगुदाया। ये रहे मौजूद लिट फेस्ट के समापन के अवसर पर प्रो अनिल त्रिपाठी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो.पायल गुप्ता ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय, मंत्री प्रबंधक, श्रीजी शुक्ला, सहायक प्रबंधक विनायक शर्मा, माधव लखवानी और प्रो.विजय राज मौजूद रहे।
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