OTT कंटेंट से हो रहा संस्कारों का हनन:मेरठ सांसद अरुण गोविल ने उठाया सवाल, कहा सरकार इस पर सख्ती बरते

मेरठ के सांसद अरुण गोविल ने OTT पर दिखाए जा रहे कंटेंट पर सवाल उठाया है। सदन में बोलते हुए सांसद अरुण गोविल ने कहा कि आज के समय में ओटीटी पर जो दिखाया जा रहा है वो संस्कारों का हनन है। उन्होंने कहा कि क्या भारत सरकार के पास ऐसा कोई कानून है जो इस अश्लील कंटेंट पर रोक लगाने का काम करे। उनके सवाल पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब भी दिया। सबसे पहले अरुण गोविल ने जो कहा वो पढ़िए.. अरुण गोविल ने कहा कि OTT पर जो कंटेंट दिखाया जा रहा है वो संस्कारों का हनन है। उसमें संस्कारों का हनन हो रहा है। ओटीटी प्लेटफार्म पर जो दिखाया जा रहा है उससे हमारे समाज का भी हनन हो रहा है। वर्तमान में मौजूदा तंत्र के पास इसे रोकने के लिए क्या कानून है। कहा कि वर्तमान कानून जो भी है वो इसे रोकने के लिए ज्यादा प्रभावी नहीं है। क्या मुझे ये बताएंगे कि इस गलत कंटेंट को रोकने और इसे सख्त बनाने का सरकार के पास क्या प्रस्ताव है? अब अश्विनी वैष्णव का जवाब पढ़िए मेरठ-हापुड़ सांसद अरुण गोविल के इस सवाल पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये बेहद गंभीर और जरुरी विषय है। इस पर चर्चा जरूर होना चाहिए। कहा कि पहले इस तरह की सामग्री जो भी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती थी उसके लिए एडिटोरियल चैक का कांसेप्ट होता था। लेकिन अब समय के साथ एडिटोरियल चैक खत्म हो चुका है। अब इस प्रकार की सामग्री को प्रकाशन से पहले चैक ही नहीं किया जाता। क्या प्रकाशित हो रहा है, जो छप रहा है वो समाज पर क्या असर डालेगा ध्यान नहीं दिया जाता? कहा कि आज सोशल मीडिया फ्रीडम ऑफ प्रेस का बहुत बड़ा माध्यम है। ये एक अनकंट्रोल एक्सप्रेशन भी है। जिसमें काफी वल्गर कंटेंट भी आता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास कानून है, लेकिन वर्तमान कानू को और ज्यादा सख्त बनाने की जरूरत है जिस पर अवश्य काम करना चाहिए।

Nov 27, 2024 - 19:25
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OTT कंटेंट से हो रहा संस्कारों का हनन:मेरठ सांसद अरुण गोविल ने उठाया सवाल, कहा सरकार इस पर सख्ती बरते
मेरठ के सांसद अरुण गोविल ने OTT पर दिखाए जा रहे कंटेंट पर सवाल उठाया है। सदन में बोलते हुए सांसद अरुण गोविल ने कहा कि आज के समय में ओटीटी पर जो दिखाया जा रहा है वो संस्कारों का हनन है। उन्होंने कहा कि क्या भारत सरकार के पास ऐसा कोई कानून है जो इस अश्लील कंटेंट पर रोक लगाने का काम करे। उनके सवाल पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब भी दिया। सबसे पहले अरुण गोविल ने जो कहा वो पढ़िए.. अरुण गोविल ने कहा कि OTT पर जो कंटेंट दिखाया जा रहा है वो संस्कारों का हनन है। उसमें संस्कारों का हनन हो रहा है। ओटीटी प्लेटफार्म पर जो दिखाया जा रहा है उससे हमारे समाज का भी हनन हो रहा है। वर्तमान में मौजूदा तंत्र के पास इसे रोकने के लिए क्या कानून है। कहा कि वर्तमान कानून जो भी है वो इसे रोकने के लिए ज्यादा प्रभावी नहीं है। क्या मुझे ये बताएंगे कि इस गलत कंटेंट को रोकने और इसे सख्त बनाने का सरकार के पास क्या प्रस्ताव है? अब अश्विनी वैष्णव का जवाब पढ़िए मेरठ-हापुड़ सांसद अरुण गोविल के इस सवाल पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये बेहद गंभीर और जरुरी विषय है। इस पर चर्चा जरूर होना चाहिए। कहा कि पहले इस तरह की सामग्री जो भी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती थी उसके लिए एडिटोरियल चैक का कांसेप्ट होता था। लेकिन अब समय के साथ एडिटोरियल चैक खत्म हो चुका है। अब इस प्रकार की सामग्री को प्रकाशन से पहले चैक ही नहीं किया जाता। क्या प्रकाशित हो रहा है, जो छप रहा है वो समाज पर क्या असर डालेगा ध्यान नहीं दिया जाता? कहा कि आज सोशल मीडिया फ्रीडम ऑफ प्रेस का बहुत बड़ा माध्यम है। ये एक अनकंट्रोल एक्सप्रेशन भी है। जिसमें काफी वल्गर कंटेंट भी आता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास कानून है, लेकिन वर्तमान कानू को और ज्यादा सख्त बनाने की जरूरत है जिस पर अवश्य काम करना चाहिए।

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