PCS-J परीक्षाओं में गड़बड़ी मामले में आज सुनवाई:इलाहाबाद हाईकोर्ट आयोग से मांगा है जवाब, उत्तर पुस्तिकाएं बदले जाने पर कोर्ट सख्त

UPPSC की UP PCS-J 2022 मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी के मामले में चल रहे केस में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले की सुनवाई में पीसीएस जे मुख्य परीक्षा 2022 की उत्तर पुस्तिकाएं बदले जाने के मामले में हाईकोर्ट ने याची श्रवण पांडे के अधिवक्ता को नए सिरे से अर्जी तैयार कर दाखिल करने का आदेश दिया था। यह अर्जी दाखिल हो चुकी है। कोर्ट ने लोक सेवा आयोग की ओर से दाखिल हलफनामे पर जवाब दाखिल करने की मोहलत दी थी। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एस डी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ कर ही है। इससे पूर्व लोक सेवा आयोग द्वारा हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश के अनुपालन में हलफनामा दाखिल किया गया था। पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं आपस में अदला-बदली होने का मामला सामने आने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जिसके बाद आयोग ने कार्रवाई करते हुए परिणाम संशोधित कर दिया तथा दो चयनित अभ्यर्थियों को चयन सूची से बाहर करते हुए दो नए अभ्यर्थियों को चयन सूची में शामिल करने की संस्तुति कर दी। इसे गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और लोक सेवा आयोग से उसकी अधिकारिकता को लेकर सवाल उठाए हैं। तथा राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि आयोग की संस्तुति पर उसका क्या रुख है। इस मामले पर आयोग की ओर से दाखिल हलफनामे पर कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को अपना उत्तर दाखिल करने के लिए कहा है। मामले में अभ्यर्थी श्रवण पांडे ने मामले में CBI जांच और FIR दर्ज कराने की मांग की। इसपर कोर्ट ने अभ्यर्थी की ओर से प्रस्तुत संशोधन अर्जी पर जवाब देने को कहा है। इस अर्जी पर खास तौर पर सरकार से जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जब तक मामले की सुनवाई चल रही है। इस परीक्षा से संबंधित समस्त रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जाएं। श्रवण पांडे के अधिवक्ता ने कहा- यह बड़ा घोटाला है श्रवण पांडे का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कोर्ट के समक्ष आयोग की भूमिका पर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आयोग ने पहले 50 उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी की बात स्वीकार की थी। मगर अब यह संख्या बढ़ती जा रही है। उनमें से दो अभ्यर्थी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं, जबकि दो के चयन की स्वयं आयोग ने संस्तुति की है। कई अन्य अभ्यर्थी भी याचिका दाखिल करने की तैयारी में है। इससे जाहिर है कि यह संख्या आयोग द्वारा बताई जा रही संख्या से कहीं ज्यादा है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि यह बड़ा घोटाला है। आयोग ने पहले 7 लोगों का परिणाम कैंसिल करने के लिए कहा था। मगर बाद में छह की सूची जारी की और अंत में सिर्फ 2 अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति की। आयोग लगातार अपना स्टैंड बदल रहा है। 2 अन्य अभ्यर्थी भी पहुंचे कोर्ट सुनवाई के दौरान 2 अन्य अभ्यर्थियों की ओर से भी अधिवक्ताओं ने कोर्ट में मेंशन कर कहा कि वह भी याचिका दाखिल कर रहे हैं। इस पर कोर्ट का कहना था कि उनकी याचिका दाखिल होने के बाद उस पर विचार किया जाएगा। जबकि श्रवण पांडे के अलावा दो अन्य अभ्यार्थियों की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इससे पूर्व सुनवाई पर आयोग द्वारा खुद ही परिणाम संशोधित कर 2 अभ्यर्थियों को चयन से बाहर करने और दो को चयन में शामिल करने की संस्तुति पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने जानना चाहा था कि आयोग को यह शक्ति कहां से प्राप्त है? यदि ऐसा है तो इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। शुक्रवार को आयोग की ओर से हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया। हालांकि राज्य सरकार ने और समय की मांग की। जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 सितंबर को करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। 3 हजार अभ्यर्थियों ने दिया था मेंस एग्जाम 2 महीने पहले यह बात सामने आई कि UP PCS-J मेंस -2022 की एक नहीं, 50 कॉपियां बदली गई थीं। कॉपियों के कोडिंग में भी हेरफेर हुआ था। अभ्यर्थी श्रवण पांडे के हाईकोर्ट पहुंचने के बाद हुई जांच में खुलासा हुआ। इसके बाद यूपी लोकसेवा आयोग (UPPSC) ने समीक्षा अधिकारी समेत 5 अधिकारियों को दोषी करार देते हुए 3 को सस्पेंड कर दिया। पर्यवेक्षणीय अधिकारी उपसचिव सतीश चंद्र मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई, जबकि एक रिटायर्ड महिला अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से परमिशन मांगी गई। 3019 अभ्यर्थियों ने मेंस परीक्षा दी थी। अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि कॉपी पर उनकी हैंड राइटिंग नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने आयोग से जवाब-तलब किया था। जांच में पता चला कि 1 नहीं, बल्कि 25-25 कॉपियों के 2 बंडल बदले गए। इसके बाद आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने प्रदेश अनुभाग अधिकारी शिव शंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया। लोकसेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने कहा- मानवीय भूल के कारण कॉपियों के बंडल में गलत कोडिंग हो गई थी। आयोग ने इस पर सख्त कदम उठाया। दोषी अफसरों पर कार्रवाई की। भविष्य में ऐसी गलती न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे।

Nov 11, 2024 - 11:45
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PCS-J परीक्षाओं में गड़बड़ी मामले में आज सुनवाई:इलाहाबाद हाईकोर्ट आयोग से मांगा है जवाब, उत्तर पुस्तिकाएं बदले जाने पर कोर्ट सख्त
UPPSC की UP PCS-J 2022 मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी के मामले में चल रहे केस में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले की सुनवाई में पीसीएस जे मुख्य परीक्षा 2022 की उत्तर पुस्तिकाएं बदले जाने के मामले में हाईकोर्ट ने याची श्रवण पांडे के अधिवक्ता को नए सिरे से अर्जी तैयार कर दाखिल करने का आदेश दिया था। यह अर्जी दाखिल हो चुकी है। कोर्ट ने लोक सेवा आयोग की ओर से दाखिल हलफनामे पर जवाब दाखिल करने की मोहलत दी थी। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एस डी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ कर ही है। इससे पूर्व लोक सेवा आयोग द्वारा हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश के अनुपालन में हलफनामा दाखिल किया गया था। पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं आपस में अदला-बदली होने का मामला सामने आने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जिसके बाद आयोग ने कार्रवाई करते हुए परिणाम संशोधित कर दिया तथा दो चयनित अभ्यर्थियों को चयन सूची से बाहर करते हुए दो नए अभ्यर्थियों को चयन सूची में शामिल करने की संस्तुति कर दी। इसे गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और लोक सेवा आयोग से उसकी अधिकारिकता को लेकर सवाल उठाए हैं। तथा राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि आयोग की संस्तुति पर उसका क्या रुख है। इस मामले पर आयोग की ओर से दाखिल हलफनामे पर कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को अपना उत्तर दाखिल करने के लिए कहा है। मामले में अभ्यर्थी श्रवण पांडे ने मामले में CBI जांच और FIR दर्ज कराने की मांग की। इसपर कोर्ट ने अभ्यर्थी की ओर से प्रस्तुत संशोधन अर्जी पर जवाब देने को कहा है। इस अर्जी पर खास तौर पर सरकार से जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जब तक मामले की सुनवाई चल रही है। इस परीक्षा से संबंधित समस्त रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जाएं। श्रवण पांडे के अधिवक्ता ने कहा- यह बड़ा घोटाला है श्रवण पांडे का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कोर्ट के समक्ष आयोग की भूमिका पर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आयोग ने पहले 50 उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी की बात स्वीकार की थी। मगर अब यह संख्या बढ़ती जा रही है। उनमें से दो अभ्यर्थी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं, जबकि दो के चयन की स्वयं आयोग ने संस्तुति की है। कई अन्य अभ्यर्थी भी याचिका दाखिल करने की तैयारी में है। इससे जाहिर है कि यह संख्या आयोग द्वारा बताई जा रही संख्या से कहीं ज्यादा है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि यह बड़ा घोटाला है। आयोग ने पहले 7 लोगों का परिणाम कैंसिल करने के लिए कहा था। मगर बाद में छह की सूची जारी की और अंत में सिर्फ 2 अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति की। आयोग लगातार अपना स्टैंड बदल रहा है। 2 अन्य अभ्यर्थी भी पहुंचे कोर्ट सुनवाई के दौरान 2 अन्य अभ्यर्थियों की ओर से भी अधिवक्ताओं ने कोर्ट में मेंशन कर कहा कि वह भी याचिका दाखिल कर रहे हैं। इस पर कोर्ट का कहना था कि उनकी याचिका दाखिल होने के बाद उस पर विचार किया जाएगा। जबकि श्रवण पांडे के अलावा दो अन्य अभ्यार्थियों की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इससे पूर्व सुनवाई पर आयोग द्वारा खुद ही परिणाम संशोधित कर 2 अभ्यर्थियों को चयन से बाहर करने और दो को चयन में शामिल करने की संस्तुति पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने जानना चाहा था कि आयोग को यह शक्ति कहां से प्राप्त है? यदि ऐसा है तो इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। शुक्रवार को आयोग की ओर से हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया। हालांकि राज्य सरकार ने और समय की मांग की। जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 सितंबर को करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। 3 हजार अभ्यर्थियों ने दिया था मेंस एग्जाम 2 महीने पहले यह बात सामने आई कि UP PCS-J मेंस -2022 की एक नहीं, 50 कॉपियां बदली गई थीं। कॉपियों के कोडिंग में भी हेरफेर हुआ था। अभ्यर्थी श्रवण पांडे के हाईकोर्ट पहुंचने के बाद हुई जांच में खुलासा हुआ। इसके बाद यूपी लोकसेवा आयोग (UPPSC) ने समीक्षा अधिकारी समेत 5 अधिकारियों को दोषी करार देते हुए 3 को सस्पेंड कर दिया। पर्यवेक्षणीय अधिकारी उपसचिव सतीश चंद्र मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई, जबकि एक रिटायर्ड महिला अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से परमिशन मांगी गई। 3019 अभ्यर्थियों ने मेंस परीक्षा दी थी। अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि कॉपी पर उनकी हैंड राइटिंग नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने आयोग से जवाब-तलब किया था। जांच में पता चला कि 1 नहीं, बल्कि 25-25 कॉपियों के 2 बंडल बदले गए। इसके बाद आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने प्रदेश अनुभाग अधिकारी शिव शंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया। लोकसेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने कहा- मानवीय भूल के कारण कॉपियों के बंडल में गलत कोडिंग हो गई थी। आयोग ने इस पर सख्त कदम उठाया। दोषी अफसरों पर कार्रवाई की। भविष्य में ऐसी गलती न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे।

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