UKSSSC पेपर लीक कांड: न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा की निगरानी में होगी गहन जांच

देहरादून: उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में नकल की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने इस मामले की जांच न्यायिक निगरानी में कराने का फैसला किया है। इसके लिए उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल के पूर्व न्यायाधीश, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा को जांच का …

Sep 26, 2025 - 09:27
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UKSSSC पेपर लीक कांड: न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा की निगरानी में होगी गहन जांच
देहरादून: उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्ष

UKSSSC पेपर लीक कांड: न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा की निगरानी में होगी गहन जांच

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में UKSSSC द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में नकल की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने न्यायिक निगरानी में जांच करने का निर्णय लिया है।

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने हाल ही में स्नातक स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा में नकल की शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने जांच का निर्णय लिया है। इसके लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा को जांच का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, जिन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे जांच प्रक्रिया की निगरानी करें ताकि यह निष्पक्ष और पारदर्शी हो सके।

जांच प्रक्रिया का विवरण

गृह सचिव शैलेश बगौली द्वारा जारी किए गए कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा विशेष अन्वेषण दल (SIT) द्वारा की जा रही जांच की निगरानी करेंगे। उन्हें प्रदेश के विभिन्न जिलों के दौरे का अधिकार दिया गया है, ताकि वे शिकायतों का संज्ञान ले सकें और SIT को मार्गदर्शन प्रदान कर सकें। न्यायमूर्ति वर्मा यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच प्रक्रिया तथ्यात्मक रूप से सही हो और इसे किसी भी प्रकार के दबाव से मुक्त रखा जाए।

SIT का गठन

राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय SIT का गठन किया है। इस दल की अध्यक्षता देहरादून की पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जया बलूनी करेंगी। यह संवेदनशील टीम पूरे उत्तराखंड में नकल से संबंधित प्रकरणों की गहन जांच करेगी और मामलों की व्हीकल प्लानिंग बनाकर दोषियों की पहचान करेगी।

नकल प्रकोप पर प्रतिबंध

इस कदम का उद्देश्य न केवल नकल की घटनाओं को रोकना है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए एक प्रबल प्रणाली विकसित करना भी है। इस मामले की गहराई से जांच करने का निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि छात्रों और अभ्यर्थियों के प्रति जो जन मानस में विश्वास अपनी अंतिम स्थिति पर पहुंच चुका है, उसे पुनः स्थापित किया जा सके।

फिर भी, यह केवल एक शुरुआत है, और हमें उम्मीद है कि जांच के निष्कर्ष जल्द ही सामने आएंगे ताकि सभी को उचित न्याय मिल सके। हम सभी अभ्यर्थियों से अनुरोध करते हैं कि वे संयम बनाए रखें और सत्य की प्रतीक्षा करें।

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इस चौंकाने वाले मामले की जानकारी लेते हुए, हम आशा करते हैं कि यह प्रक्रिया सभी के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी हो। इस जटिल मामले को लेकर राज्य की सरकार से भी अधिक सतर्कता और गंभीरता की अपेक्षा की जाती है।

टीम इंडिया टुडे: प्रिया शर्मा

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