UKSSSC पेपर लीक: युवाओं का प्रदर्शन, सीबीआई जांच की मांग में सड़कों पर उतरे हजारों लोग
रैबार डेस्क: उत्तराखंड में रविवार को अझीनस्थ सेवा चयन आयोग का पेपर लीक होने के... The post UKSSSC पेपर लीक के विरोध में सड़कों पर उतरा युवाओं का हुजूम, सीबीआई जांच की मांग उठाई appeared first on Uttarakhand Raibar.
UKSSSC पेपर लीक पर युवाओं का विरोध, सीबीआई जांच की मांग उठाई
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी के पेपर लीक मामले ने एक बार फिर बेरोजगार युवाओं के बीच आक्रोश को जन्म दिया है। हजारों युवाओं ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया।
बेरोजगार संघ का आह्वान
रविवार को उत्तराखंड की अझीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) का पेपर लीक होने के बाद, बेरोजगार संघ के आह्वान पर राज्यभर के हजारों युवा परेड ग्राउंड में जुटे। धारा 163 लागू होने के बावजूद, युवाओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और भर्ती घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग की। यह बात ध्यान देने वाली है कि युवाओं का यह प्रदर्शन स्वाभिमान मोर्चा और उत्तराखंड कांग्रेस (यूकेडी) के समर्थन से हुआ।
क्या हुआ परीक्षा के दौरान?
रविवार सुबह, यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा 445 केंद्रों पर आयोजित की गई, लेकिन बेरोजगार संघ का दावा है कि परीक्षा शुरू होने के लगभग आधे घंटे बाद, 11:35 बजे पेपर का एक सेट लीक हो गया। संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने इस संबंध में पत्रकारों से बहस करते हुए कहा कि हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से पेपर लीक की घटना हुई, जिससे पेपर की गोपनीयता भंग हुई। उन्होंने कहा कि लीक हुए पेपर और परीक्षा में उपस्थित अभ्यर्थियों के पेपर की जांच किए जाने पर कई समान प्रश्न पाए गए हैं।
प्रदर्शन की वजह
युवाओं ने परेड मैदान में “पेपर चोर, गद्दी छोड़” जैसे नारे लगाते हुए सरकार के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया। हालांकि, शुरू में सचिवालय की ओर कूच करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन बाद में संघ के नेताओं ने युवाओं को शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठने का सुझाव दिया। इस पर यूकेएसएससी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि प्रशासन का यह कदम केवल युवाओं को डराने का प्रयास है, जो कि लोकतंत्र के खिलाफ है।
पुलिस कार्रवाई
बेरोजगार संघ द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद, देहरादून SSP अजय सिंह और UKSSSC के अध्यक्ष जीएस मार्तोलिया ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की। SSP ने कहा कि जांच में किसी संगठित गैंग की संलिप्तता नहीं पाई गई है, बल्कि एक व्यक्ति ने पेपर के कुछ पन्नों की फोटो भेजी है। लीक हुआ पेपर सबसे पहले टिहरी में तैनात एक महिला प्रोफेसर सुमन देवी के पास पहुंचा, जिसे सरकारी कर्मचारी खालिद ने व्हाट्सएप पर भेजा। इस मामले में पुलिस ने सुमन, और खालिद समेत पांच आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
निष्कर्ष
यह घटना केवल बेरोजगार युवाओं का आक्रोश दिखाने का माध्यम नहीं है, बल्कि भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की आवश्यकता को भी उजागर करती है। युवाओं की मांग है कि इस मामले की सीबीआई द्वारा निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
स्वतंत्रता, न्याय और पारदर्शिता के लिए युवाओं का यह संघर्ष सभी के लिए प्रेरणादायक है। ऐसे में सरकार को तुरंत प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
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सादर, टीम इंडिया टुडे - स्नेहा
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