अगले हफ्ते से होगी सर्दियों की शुरुआत:उत्तर पश्चिमी हवाएं गंगा के मैदानी भागों में दिखाएंगी असर; 10 से 12 किमी की रफ्तार से चलेंगी

कानपुर समेत उत्तर प्रदेश में सर्दी अगले हफ्ते से अपना असर दिखा सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले हफ्ते से धीरे-धीरे उत्तर पश्चिमी हवाओं की गति बढ़ेगी और 10 से 12 किमी तक रफ्तार पहुंच सकती है। ये उत्तर पश्चिमी हवाएं गंगा के मैदानी भागों में अपना असर दिखाएंगी इससे रात और सुबह की सर्दी बढ़ सकती है। सुबह और रात को कोहरा छा सकता है। हल्के बादल छाए रहेंगे और धूप का असर कम रहेगा। न्यूनतम तापमान में हो रही गिरावट मौसम विभाग के मुताबिक न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। ये 17.6 डिग्री तक पहुंच गया है। हालांकि अधिकतम तापमान अब भी सामान्य से 5 डिग्री अधिक बना हुआ है। शनिवार को अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसमें 2.3 डिग्री की बढ़ोत्तरी हुई। नवंबर माह में सामान्य से अधिक तापमान मौसम विशेषज्ञ डा. एसएन सुनील पांडेय के मुताबिक नवंबर माह में अब भी तापमान ज्यादा बने हुए हैं। एक हफ्ता बीत चुका है और सर्दी का अहसास तक नहीं है। ला नीना की स्थितियां न बनने से सर्दी पर ब्रेक लग गया है। मौसम विज्ञानी इस बात से भी चिंतित हैं कि अभी तक ला नीना क्यों नहीं बन पाया है। ऐसा ही रहा तो आगे पड़ने वाली सर्दी भी प्रभावित हो सकती है। इससे चरम दिवसों की संख्या बढ़ सकती है। इस कारण से अधिक बने हुए हैं तापमान ला नीना की स्थितियां उदासीन यानी न्यूट्रल बनी हैं। इस कारण अधिकतम तापमान में जो गिरावट दर्ज की जानी थी, वह नहीं हो पाई। न्यूनतम पारा सामान्य से अधिक चल रहा है। ज्यादा तो दूर गुलाबी सर्दी का अहसास भी नहीं हो रहा है। अधिकतम तापमान अप्रत्याशित रूप से 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यह सब पूर्वानुमान के विपरीत है। अक्तूबर में दिन का औसत तापमान सामान्य से अधिक रहा। ऐसी ही स्थितियां नवंबर में भी बन रही हैं। उत्तर-पूर्वी हवाओं का दबाव खत्म नहीं हो रहा, इसलिए उत्तर-पश्चिमी हवाएं नहीं चल पा रहीं। बंगाल की खाड़ी में हल्के चक्रवात अभी भी बनने से पूर्वी हवाएं हावी हैं। इससे तापमान घटने के बजाए बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। जलवायु परिवर्तन का दिख रहा असर मौसम विशेषज्ञ डॉ. पांडेय के मुताबिक अब तक IMD ने जाड़े का पूर्वानुमान जारी नहीं किया है। जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक स्तर पर मौसम में बदलाव है। ला नीना अब तक न्यूट्रल स्थिति में बना है जिसे एक माह पहले बदल जाना चाहिए था। हवा शांत, दिन का पारा गिरा हवा की दिशा और गति रविवार को सुबह भी को शांत है। परिणाम स्वरूप सर्दी का अहसास नहीं हो सका। दिन का तापमान 31.4 डिग्री पहुंच गया। 8 नवंबर को भी इतना ही पारा था। रात का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहा। अंतर कम हो जाने से मामूली सर्दी बढ़ी है। मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि हल्के बादल दिन में छाए रहे जिससे पारा गिरा है।

Nov 10, 2024 - 09:45
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अगले हफ्ते से होगी सर्दियों की शुरुआत:उत्तर पश्चिमी हवाएं गंगा के मैदानी भागों में दिखाएंगी असर; 10 से 12 किमी की रफ्तार से चलेंगी
कानपुर समेत उत्तर प्रदेश में सर्दी अगले हफ्ते से अपना असर दिखा सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले हफ्ते से धीरे-धीरे उत्तर पश्चिमी हवाओं की गति बढ़ेगी और 10 से 12 किमी तक रफ्तार पहुंच सकती है। ये उत्तर पश्चिमी हवाएं गंगा के मैदानी भागों में अपना असर दिखाएंगी इससे रात और सुबह की सर्दी बढ़ सकती है। सुबह और रात को कोहरा छा सकता है। हल्के बादल छाए रहेंगे और धूप का असर कम रहेगा। न्यूनतम तापमान में हो रही गिरावट मौसम विभाग के मुताबिक न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। ये 17.6 डिग्री तक पहुंच गया है। हालांकि अधिकतम तापमान अब भी सामान्य से 5 डिग्री अधिक बना हुआ है। शनिवार को अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसमें 2.3 डिग्री की बढ़ोत्तरी हुई। नवंबर माह में सामान्य से अधिक तापमान मौसम विशेषज्ञ डा. एसएन सुनील पांडेय के मुताबिक नवंबर माह में अब भी तापमान ज्यादा बने हुए हैं। एक हफ्ता बीत चुका है और सर्दी का अहसास तक नहीं है। ला नीना की स्थितियां न बनने से सर्दी पर ब्रेक लग गया है। मौसम विज्ञानी इस बात से भी चिंतित हैं कि अभी तक ला नीना क्यों नहीं बन पाया है। ऐसा ही रहा तो आगे पड़ने वाली सर्दी भी प्रभावित हो सकती है। इससे चरम दिवसों की संख्या बढ़ सकती है। इस कारण से अधिक बने हुए हैं तापमान ला नीना की स्थितियां उदासीन यानी न्यूट्रल बनी हैं। इस कारण अधिकतम तापमान में जो गिरावट दर्ज की जानी थी, वह नहीं हो पाई। न्यूनतम पारा सामान्य से अधिक चल रहा है। ज्यादा तो दूर गुलाबी सर्दी का अहसास भी नहीं हो रहा है। अधिकतम तापमान अप्रत्याशित रूप से 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यह सब पूर्वानुमान के विपरीत है। अक्तूबर में दिन का औसत तापमान सामान्य से अधिक रहा। ऐसी ही स्थितियां नवंबर में भी बन रही हैं। उत्तर-पूर्वी हवाओं का दबाव खत्म नहीं हो रहा, इसलिए उत्तर-पश्चिमी हवाएं नहीं चल पा रहीं। बंगाल की खाड़ी में हल्के चक्रवात अभी भी बनने से पूर्वी हवाएं हावी हैं। इससे तापमान घटने के बजाए बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। जलवायु परिवर्तन का दिख रहा असर मौसम विशेषज्ञ डॉ. पांडेय के मुताबिक अब तक IMD ने जाड़े का पूर्वानुमान जारी नहीं किया है। जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक स्तर पर मौसम में बदलाव है। ला नीना अब तक न्यूट्रल स्थिति में बना है जिसे एक माह पहले बदल जाना चाहिए था। हवा शांत, दिन का पारा गिरा हवा की दिशा और गति रविवार को सुबह भी को शांत है। परिणाम स्वरूप सर्दी का अहसास नहीं हो सका। दिन का तापमान 31.4 डिग्री पहुंच गया। 8 नवंबर को भी इतना ही पारा था। रात का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहा। अंतर कम हो जाने से मामूली सर्दी बढ़ी है। मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि हल्के बादल दिन में छाए रहे जिससे पारा गिरा है।

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