अब PDA नहीं करेगा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई:इलाहाबाद हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद बैकफुट पर आया प्राधिकरण, अलोपीबाग का मामला

अलोपीबाग क्षेत्र की निवासी सोनिया सिंह उर्फ डाली सिंह व कई अन्य के आवास ध्वस्तीकरण कार्यवाही नोटिस प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने वापस ले ली है। प्राधिकरण के अधिवक्ता अवधेश नारायण दुबे ने यह जानकारी सोनिया सिंह व 7 अन्य की याचिका की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की एकलपीठ के समक्ष दी। कोर्ट ने उन्हें ध्वस्तीकरण आदेश वापस लेने का हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 21 नवंबर नियत की है। यह था पूरा मामला याचिका पर अधिवक्ता मनीषा चतुर्वेदी ने बहस की। इनका कहना है कि याचीगण पिछले चार दशक से मकान बनाकर निवास कर रही है। यह जमीन कैंटोनमेंट बोर्ड की है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण को इस पर कार्रवाई करने का क्षेत्राधिकार नहीं है। उसने अवैध नोटिस जारी की है। याचिका में ध्वस्तीकरण कार्यवाही को रद्द किए जाने की मांग की गई है। PDA की कार्रवाई से 20 परिवार प्रभावित होंगे। जिनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। साथ ही याचियों के दावे को तय किए बगैर PDA ने अवैध कार्यवाही शुरू कर दी है। याचिका में ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की भी मांग की गई है।

Nov 9, 2024 - 06:40
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अब PDA नहीं करेगा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई:इलाहाबाद हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद बैकफुट पर आया प्राधिकरण, अलोपीबाग का मामला
अलोपीबाग क्षेत्र की निवासी सोनिया सिंह उर्फ डाली सिंह व कई अन्य के आवास ध्वस्तीकरण कार्यवाही नोटिस प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने वापस ले ली है। प्राधिकरण के अधिवक्ता अवधेश नारायण दुबे ने यह जानकारी सोनिया सिंह व 7 अन्य की याचिका की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की एकलपीठ के समक्ष दी। कोर्ट ने उन्हें ध्वस्तीकरण आदेश वापस लेने का हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 21 नवंबर नियत की है। यह था पूरा मामला याचिका पर अधिवक्ता मनीषा चतुर्वेदी ने बहस की। इनका कहना है कि याचीगण पिछले चार दशक से मकान बनाकर निवास कर रही है। यह जमीन कैंटोनमेंट बोर्ड की है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण को इस पर कार्रवाई करने का क्षेत्राधिकार नहीं है। उसने अवैध नोटिस जारी की है। याचिका में ध्वस्तीकरण कार्यवाही को रद्द किए जाने की मांग की गई है। PDA की कार्रवाई से 20 परिवार प्रभावित होंगे। जिनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। साथ ही याचियों के दावे को तय किए बगैर PDA ने अवैध कार्यवाही शुरू कर दी है। याचिका में ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की भी मांग की गई है।

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