आगरा की हवा में घुल रहा प्रदूषण का "जहर':ब्रहस्पतिवार को अब तक की सबसे दूषित शाम, AQI 329 पहुंचा, सुबह से शाम तक रहा स्मॉग

आगरा में ब्रहस्पतिवार को सबसे दूषित शाम रही। AQI 329 पर पहुंच गया। जोकि बहुत खराब स्थिति में है। दिनभर स्मॉग छाया रहा। धूप धुंधली सी छाई रही। चिकित्सकों ने बुजुर्गों और बच्चों को बेवजह घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। साथ ही कुछ दिन के लिए सुबह-शाम की वॉक बंद करने को भी कहा है। ब्रहस्पतिवार को सुबह से ही प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्थिति में रहा। DEI में कैमिस्ट्री विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर व पर्यावरणविद डा. रंजीत कुमार का कहना है कि इस मौसम में हर साल प्रदूषण बढ़ जाता है। तापमान कम होने के कारण प्रदूषण डिस्पर्सन नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से स्मॉग में तब्दील हो रहा है। धूल के कण भारी मात्रा में वातावरण में घुल रहे हैं। वाहनों से निकलने वाले धुंए से वातावरण में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ रही है। सड़कों के गड्‌ढे नहीं भरे गए हैं। ऐसे में वाहनों के पहियों से धूल उड़कर हवा में धुल रही है। कार्बन मोनो ऑक्साइड हाई होने की वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। आंखों में जलन होती है। मुंह-नाक के माध्यम से सूक्ष्म कण गले में पहुंचने पर चिपक जाते हैं। जो समय के साथ मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। SN मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक डा. गजेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि आस्थमा के मरीजों को ज्यादा परेशानी हो रही है। OPD में मरीजों की संख्या बढ़ी है। फेफड़ों से जुड़ी बीमारी वाले मरीजों को दिक्कत होती है। गर्म पानी की भाप लें। सुबह-शाम बाहर घूमने से बचें। वॉक पर न निकलें। धूल की वजह से खांसी हो जाती है। जो आसानी नहीं रुकती। ब्रहस्पतिवार को स्थिति समय AQI सुबह 7.23 बजे 313 सुबह 10.45 बजे 320 सुबह 10.58 बजे 321 दोपहर 11.41 बजे 322 दोपहर 12.52 बजे 325 दोपहर 1.51 बजे 326 दोपहर 3.42 बजे 327 शाम 4.45 बजे 328 शाम 5.29 बजे 329 कैसे करें बचाव

Nov 7, 2024 - 18:40
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आगरा की हवा में घुल रहा प्रदूषण का "जहर':ब्रहस्पतिवार को अब तक की सबसे दूषित शाम, AQI 329 पहुंचा, सुबह से शाम तक रहा स्मॉग
आगरा में ब्रहस्पतिवार को सबसे दूषित शाम रही। AQI 329 पर पहुंच गया। जोकि बहुत खराब स्थिति में है। दिनभर स्मॉग छाया रहा। धूप धुंधली सी छाई रही। चिकित्सकों ने बुजुर्गों और बच्चों को बेवजह घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। साथ ही कुछ दिन के लिए सुबह-शाम की वॉक बंद करने को भी कहा है। ब्रहस्पतिवार को सुबह से ही प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्थिति में रहा। DEI में कैमिस्ट्री विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर व पर्यावरणविद डा. रंजीत कुमार का कहना है कि इस मौसम में हर साल प्रदूषण बढ़ जाता है। तापमान कम होने के कारण प्रदूषण डिस्पर्सन नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से स्मॉग में तब्दील हो रहा है। धूल के कण भारी मात्रा में वातावरण में घुल रहे हैं। वाहनों से निकलने वाले धुंए से वातावरण में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ रही है। सड़कों के गड्‌ढे नहीं भरे गए हैं। ऐसे में वाहनों के पहियों से धूल उड़कर हवा में धुल रही है। कार्बन मोनो ऑक्साइड हाई होने की वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। आंखों में जलन होती है। मुंह-नाक के माध्यम से सूक्ष्म कण गले में पहुंचने पर चिपक जाते हैं। जो समय के साथ मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। SN मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक डा. गजेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि आस्थमा के मरीजों को ज्यादा परेशानी हो रही है। OPD में मरीजों की संख्या बढ़ी है। फेफड़ों से जुड़ी बीमारी वाले मरीजों को दिक्कत होती है। गर्म पानी की भाप लें। सुबह-शाम बाहर घूमने से बचें। वॉक पर न निकलें। धूल की वजह से खांसी हो जाती है। जो आसानी नहीं रुकती। ब्रहस्पतिवार को स्थिति समय AQI सुबह 7.23 बजे 313 सुबह 10.45 बजे 320 सुबह 10.58 बजे 321 दोपहर 11.41 बजे 322 दोपहर 12.52 बजे 325 दोपहर 1.51 बजे 326 दोपहर 3.42 बजे 327 शाम 4.45 बजे 328 शाम 5.29 बजे 329 कैसे करें बचाव

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