आजमगढ़ में 501 में बिकी छठ पूजा की वेदियां:जिला प्रशासन की नाक के नीचे बन रहीं वेदियां , DM बोले शुल्क के बारे में नहीं है कोई जानकारी
आजमगढ़ जिले में छठ पूजा के त्योहार को लेकर नगर पालिका क्षेत्र में पूजा की वेदियां बिक रही हैं। गौरीशंकर घाट पर इन पूजा की वेदियों को जिला प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम 501 रूपए में बेंचा जा रहा है। जिले के नगर पालिका क्षेत्र में इन गौरीशंकर घाट, दलालघाट, कदम घाट, गोलाघाट, एकलव्य घाट, गौरीशंकर घाट पर छठ पर्व की पूजा होती है। पूरे जिले की बात की जाय तो पूरे जिले में 784 स्थानों को छठ पूजा के लिए चिन्हित किया गया है। एक-एक घाटों पर 200 से 300 वेदियां बनाई जा रही हैं। इसके साथ ही एक वेदियों पर 10 से 12 श्रद्धालु पूजन-अर्चन करते हैं। इससे छठ पूजा की वेदियों की गणित को समझा जा सकता है। इसके साथ ही इन वेदियों पर श्रद्धांलुओं के नाम की पर्ची लगाई जा रही है। यह सब तब हो रहा है जब कि जिले के आला अधिकारी छठ पूजा के इन घाटों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। बावजूद इन अधिकारियों की नजर इन वेदियों पर नहीं गई। जिले में तमसा नदी के किनारे घाटों पर छठ पूजा के दौरान वेदियों की बिक्री का यह कोई नया मामला नहीं है। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। बावजूद इसके इस पर न तो जिला प्रशासन की नजर पड़ती है और न ही नगर पालिका की। वेदियों का निर्माण कराने वाले लोगों का कहना है कि यहां पर घाटों की सफाई से लेकर लाइटिंग रंगाई-पुताई तक का काम कराया जाता है। जिसमें पैसे खर्च होते हैं। ऐसे में इन श्रद्धालुओं से पैसे लिए जाते हैं। एक दिन पूर्व शहर कोतवाली के गौरीशंकर घाट का निरीक्षण करने पहुंचे जिले के डीएम नवनीत सिंह चहल से जब पूजा की वेदियों के लिए 500 रूपया लिए जाने को लेकर सवाल हुआ तो डीएम साहब बोले की इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। उसी प्वाइंट ऑफ व्यू से विजिट किया जा रहा है। अधीनस्थों से जानकारी ले लेता हूं उसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि डीएम साहब अगले दिन भी अधिकारियों के साथ तमसा नदी के किनारे के घाटों का निरीक्षण किए पर घाटों की यह पूजा वेदियां लगातार बिकती रहीं। इससे साफ जाहिर होता है कि छठ पूजा के त्योहार को लेकर आजमगढ़ का जिला प्रशासन कितना गंभीर है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन घाटों पर जब सारी तैयारियां और व्यवस्थाएं यहां की समितियां और लोग करते हैं तो प्रशासन कौन सी तैयारी कर रहा है यह समझ से परे है। जिले में आजमगढ़ नगर पालिका के अंतर्गत 14 प्रमुख घाट हैं जहां पर छठ की पूजा होनी है। इन प्रमुख घाटों पर वेदियां लगातार बनाई जा रही हैं। इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखती हैं। इस दौरान वे पानी भी ग्रहण नहीं करते। तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को दिन में छठ प्रसाद बनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से पुत्र की लम्बी आयु के लिए की जाती है। अनूप ने खरीदी एक हजार में दो वेदियां दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए जिले के चौक के रहने वाले अनूप यादव ने बताया कि छठ पूजा के लिए हमने दो वेदियां खरीदी हैं। उसके लिए एक हजार रूपया दिया गया है। जिसकी रसीद भी हमें मिली है। इन खरीदी वेदियों पर अनूप यादव के परिजन छठ के दिन छठी मैय्या की पूजा और आरती करेंगे। दो वेदियां खरीदने पर कमेटी की तरफ से एक टिफिन भी उपहार में दी जा रही है। पहले से चला आ रहा है 500 रूपया जिले के गौरीशंकर घाट पर पूजा की वेदियों का निर्माण करवा रहे मुंशी निषाद का कहना है कि प्रति वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी जय मां भवानी की तरफ से छठ का त्योहार मनाया जा रहा है। इसके साथ ही प्रति वर्ष के हिसाब से इस वर्ष भी वेदियां बनवाई जा रही है। अभी वेदियों की पुताई का काम किया जा रहा है। मुंशी निषाद का कहना है कि 500 रूपया प्रति वेदी पहले से ही चली आ रही है। जो पहले से चला आ रहा है उतना ही शुल्क लिया जा रहा है। इसके साथ ही छठ पूजा की वेदी लेने वाले श्रद्धांलुओं को प्रसाद भरकर टिफिन भी दिया जा रहा है। मुंशी निषाद का कहना है कि एक बार हम लोगों ने अपना हाथ पीछे खींच लिया था तो भारी अव्यवस्था देखी गई थी।
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