इटावा में आपराधिक प्रवृत्ति के वकीलों पर बार काउंसिल सख्त:बार काउंसिल यूपी ने प्रदेश भर में आपराधिक प्रवृत्ति के अधिवक्ताओं के मुकदमों का मांगा विवरण

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अब आपराधिक प्रवृत्ति वाले अधिवक्ताओं पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। काउंसिल ने प्रदेश भर में जिला जज, डीएम, एसएसपी और जिला बार एसोसिएशन से ऐसे वकीलों की सूची मांगी है, जिनके खिलाफ एक से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस संबंध में सभी को 10 दिनों के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है। बार काउंसिल ने 29 सितंबर को हुई सामान्य बैठक में निर्णय लिया कि आपराधिक प्रवृत्ति वाले वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में इटावा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह गौर ने जिले के अधिवक्ताओं को पत्र भेजा है। उन्होंने सभी वकीलों से उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का विवरण मांगा है। 1400 अधिवक्ताओं में से 900 का ही COP जारी इटावा जिला बार में करीब 1400 अधिवक्ता पंजीकृत हैं, जिनमें से 900 का सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस (COP) जारी हो चुका है। इनमें लगभग 50 महिला अधिवक्ता भी शामिल हैं। अब तक किसी भी अधिवक्ता ने अपने ऊपर दर्ज मामलों का विवरण उपलब्ध नहीं कराया है। काउंसिल का सख्त रुख बार काउंसिल ने प्रदेश के सभी जिला बार एसोसिएशन से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि ऐसे वकीलों की जानकारी जल्द से जल्द काउंसिल को भेजी जाए। काउंसिल ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अधिवक्ता के खिलाफ गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति की पुष्टि होने पर उनकी सदस्यता पर कार्रवाई की जाएगी। कार्यवाही का उद्देश्य बार काउंसिल के इस कदम का उद्देश्य वकालत के पेशे की गरिमा बनाए रखना और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले तत्वों को बाहर करना है। काउंसिल का कहना है कि वकीलों की आपराधिक गतिविधियों के कारण न्यायिक व्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। अब देखना होगा कि इटावा समेत पूरे प्रदेश में वकीलों से मांगी गई यह जानकारी समय पर काउंसिल को उपलब्ध कराई जाती है या नहीं।

Nov 30, 2024 - 07:20
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इटावा में आपराधिक प्रवृत्ति के वकीलों पर बार काउंसिल सख्त:बार काउंसिल यूपी ने प्रदेश भर में आपराधिक प्रवृत्ति के अधिवक्ताओं के मुकदमों का मांगा विवरण
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अब आपराधिक प्रवृत्ति वाले अधिवक्ताओं पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। काउंसिल ने प्रदेश भर में जिला जज, डीएम, एसएसपी और जिला बार एसोसिएशन से ऐसे वकीलों की सूची मांगी है, जिनके खिलाफ एक से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस संबंध में सभी को 10 दिनों के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है। बार काउंसिल ने 29 सितंबर को हुई सामान्य बैठक में निर्णय लिया कि आपराधिक प्रवृत्ति वाले वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में इटावा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह गौर ने जिले के अधिवक्ताओं को पत्र भेजा है। उन्होंने सभी वकीलों से उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का विवरण मांगा है। 1400 अधिवक्ताओं में से 900 का ही COP जारी इटावा जिला बार में करीब 1400 अधिवक्ता पंजीकृत हैं, जिनमें से 900 का सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस (COP) जारी हो चुका है। इनमें लगभग 50 महिला अधिवक्ता भी शामिल हैं। अब तक किसी भी अधिवक्ता ने अपने ऊपर दर्ज मामलों का विवरण उपलब्ध नहीं कराया है। काउंसिल का सख्त रुख बार काउंसिल ने प्रदेश के सभी जिला बार एसोसिएशन से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि ऐसे वकीलों की जानकारी जल्द से जल्द काउंसिल को भेजी जाए। काउंसिल ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अधिवक्ता के खिलाफ गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति की पुष्टि होने पर उनकी सदस्यता पर कार्रवाई की जाएगी। कार्यवाही का उद्देश्य बार काउंसिल के इस कदम का उद्देश्य वकालत के पेशे की गरिमा बनाए रखना और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले तत्वों को बाहर करना है। काउंसिल का कहना है कि वकीलों की आपराधिक गतिविधियों के कारण न्यायिक व्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। अब देखना होगा कि इटावा समेत पूरे प्रदेश में वकीलों से मांगी गई यह जानकारी समय पर काउंसिल को उपलब्ध कराई जाती है या नहीं।

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