इटावा में सुबह से छाया रहा कोहरा:विजिबिलिटी कम रही, लाइट जलाकर गुजरे वाहन, मार्निंग वॉक वालों को हुई दिक्कत
नवंबर के अंतिम हफ्ते में इटावा का मौसम अचानक करवट बदलता नजर आ रहा है। गुरुवार सुबह शहर घने कोहरे और धुंध की चादर में लिपटा हुआ दिखाई दिया। सुबह-सवेरे सड़कों पर कोहरा इतना घना था कि वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। लोगों को अपनी दैनिक गतिविधियों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और मॉर्निंग वॉकर्स की संख्या में भी भारी कमी देखी गई। घरेलू और बाहरी गतिविधियों पर असर डालते हुए, कोहरे ने शहर में ठंड का असर बढ़ा दिया है। सुबह टहलने वाले बुजुर्गों और नियमित मॉर्निंग वॉकरों ने बताया कि बदलते मौसम के चलते हवा में नमी और प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। रतन सिंह यादव, जो प्रतिदिन मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं, कहते हैं, "यह मौसम की गंभीरता को दर्शाता है और स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। पास के राज्यों में पराली जलाने का धुआं भी इसका बड़ा कारण हो सकता है।" आगरा-कानपुर हाईवे पर भी वाहन चालकों को खासा सतर्क रहना पड़ रहा है। सुबह 50 मीटर से आगे की दृश्यता इतनी धुंधली हो गई कि वाहन चालकों को गति धीमी करनी पड़ी। ट्रैफिक पुलिस ने भी वाहन चालकों को कोहरे के दौरान सुरक्षित ड्राइविंग के लिए हिदायत दी है। बीमारियों का बढ़ता है खतरा विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में बदले मौसम और बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव इटावा में भी महसूस किया जा रहा है। पराली जलाने के कारण हवा में धुएं का स्तर बढ़ा है, जिससे कोहरे और धुंध की यह स्थिति उत्पन्न हुई है। वातावरण में बढ़ी नमी और तापमान में गिरावट के कारण यह समस्या और गहरा रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि लोग विशेष सावधानी बरतें और जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें।
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