ईरान से दुल्हन लाया मुजफ्फरनगर का शुएब:सिविल इंजीनियर के रूप में कार्यरत, दावत-ए-वलीमा में एक हजार लोग शामिल

मुजफ्फरनगर के चरथावल के कुटेसरा गांव में सिविल इंजीनियर मोहम्मद शुएब और ईरान की फातिमा परवीन का निकाह चर्चा का विषय बन गया है। फातिमा परवीन जब ईरान से दुल्हन बनकर गांव पहुंचीं तो उन्हें देखने के लिए ग्रामीणों का तांता लग गया। दावत-ए-वलीमा में क्षेत्र के लोग भारी संख्या में शामिल हुए। शुएब और फातिमा की प्रेम कहानी गांव के मोहम्मद शुएब काफी समय से ईरान में सिविल इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। वहीं उनकी मुलाकात ईरान की युवती फातिमा परवीन से हुई। दोनों के बीच बातचीत से प्रेम पनपा और धीरे-धीरे रिश्ते की डोर मजबूत होती गई। परिजनों की सहमति मिलने पर 17 नवंबर को दोनों ने ईरान में निकाह कर लिया। वापसी पर स्वागत निकाह के बाद शुएब और फातिमा भारत लौटे तो गांव के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। गांव के एक मंडप में दावत-ए-वलीमा का आयोजन किया गया, जहां हजारों लोगों ने लजीज व्यंजनों का आनंद लिया और नवदंपती को आशीर्वाद दिया। खुशी का माहौल शुएब और फातिमा की शादी को लेकर गांव में खुशी का माहौल है। हाल ही में शुएब विदेशी दुल्हन को लेकर गांव पहुंचे तो परिजन और ग्रामीण उन्हें देखने के लिए उत्सुक थे। स्वदेश लौटने पर मुस्लिम रीति-रिवाज से नवदंपती का स्वागत किया गया और दावत-ए-वलीमा की रस्म पूरी की गई। यह कहानी सच्चे प्रेम की मिसाल है और इसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है। नवविवाहित दंपती को गांववालों ने ढेर सारी दुआएं और शुभकामनाएं दी हैं। गांव में मिले इस स्नेह से परिवार बेहद खुश है।

Nov 30, 2024 - 08:20
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ईरान से दुल्हन लाया मुजफ्फरनगर का शुएब:सिविल इंजीनियर के रूप में कार्यरत, दावत-ए-वलीमा में एक हजार लोग शामिल
मुजफ्फरनगर के चरथावल के कुटेसरा गांव में सिविल इंजीनियर मोहम्मद शुएब और ईरान की फातिमा परवीन का निकाह चर्चा का विषय बन गया है। फातिमा परवीन जब ईरान से दुल्हन बनकर गांव पहुंचीं तो उन्हें देखने के लिए ग्रामीणों का तांता लग गया। दावत-ए-वलीमा में क्षेत्र के लोग भारी संख्या में शामिल हुए। शुएब और फातिमा की प्रेम कहानी गांव के मोहम्मद शुएब काफी समय से ईरान में सिविल इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। वहीं उनकी मुलाकात ईरान की युवती फातिमा परवीन से हुई। दोनों के बीच बातचीत से प्रेम पनपा और धीरे-धीरे रिश्ते की डोर मजबूत होती गई। परिजनों की सहमति मिलने पर 17 नवंबर को दोनों ने ईरान में निकाह कर लिया। वापसी पर स्वागत निकाह के बाद शुएब और फातिमा भारत लौटे तो गांव के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। गांव के एक मंडप में दावत-ए-वलीमा का आयोजन किया गया, जहां हजारों लोगों ने लजीज व्यंजनों का आनंद लिया और नवदंपती को आशीर्वाद दिया। खुशी का माहौल शुएब और फातिमा की शादी को लेकर गांव में खुशी का माहौल है। हाल ही में शुएब विदेशी दुल्हन को लेकर गांव पहुंचे तो परिजन और ग्रामीण उन्हें देखने के लिए उत्सुक थे। स्वदेश लौटने पर मुस्लिम रीति-रिवाज से नवदंपती का स्वागत किया गया और दावत-ए-वलीमा की रस्म पूरी की गई। यह कहानी सच्चे प्रेम की मिसाल है और इसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है। नवविवाहित दंपती को गांववालों ने ढेर सारी दुआएं और शुभकामनाएं दी हैं। गांव में मिले इस स्नेह से परिवार बेहद खुश है।

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