उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड समाप्त, राज्यपाल ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक को दी मंजूरी

उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड होगा समाप्त, राज्यपाल ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक को दी मंजूरी देहरादून। उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड अब इतिहास बनने जा रहा है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह…

Oct 7, 2025 - 00:27
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उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड समाप्त, राज्यपाल ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक को दी मंजूरी
उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड होगा समाप्त, राज्यपाल ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक को दी मंजूरी देहराद

उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड का होगा समापन, नया अध्याय शुरू

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड को समाप्त करने का फैसला लिया गया है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, 2025 को मंजूरी देकर यह कदम उठाया है। अब प्रदेश के सभी मदरसों को उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त करनी होगी।

राज्यपाल की मंजूरी का महत्व

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का यह निर्णय राज्य की शिक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। इस विधेयक के मंजूर होने के बाद मदरसों की वैधता को नए सिरे से परिभाषित किया जाएगा। इसके तहत केवल वे मदरसे मान्यता प्राप्त होंगे जो उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण के मानदंडों को पूरा करेंगे। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि सभी शिक्षा संस्थान एक समान मानकों के अनुसार कार्य करें।

विधेयक की मुख्य बातें

इस नई अधिनियम के तहत, मदरसों को अब अपनी पंजीकरण प्रणाली में बदलाव करना होगा। सभी मदरसों को नियमानुसार सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना होगा और साथ ही शिक्षा के सभी पहलुओं का पालन करना होगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिसके माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय की शिक्षा को और मजबूत किया जा सकेगा।

शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता

यह चर्चा भी आवश्यक है कि उत्तराखंड में शिक्षा प्रणाली में सुधार की बहुत आवश्यकता थी। कई मदरसों में शिक्षा का स्तर औसत से कम था और यह समाज में एक बड़ा सवाल था। अब इस विधेयक के द्वारा यह संभावना बढ़ गई है कि गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जा सकेगी।

सामाजिक प्रभाव

इस निर्णय का सामाजिक प्रभाव भी काफी बड़ा हो सकता है। जहां एक ओर यह शिक्षा को औपचारिक रूप से मान्यता देगा, वहीं दूसरी ओर इससे मदरसों की पारंपरिक भूमिका में भी बदलाव आएगा। इससे शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का निर्माण होगा।

आगे की योजनाएँ

राज्य सरकार ने इस विधेयक के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक नियमावली तैयार करने का संकेत दिया है। यह नियमावली मदरसों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप ढालने में मदद करेगी। इसके बाद, सभी मदरसों को अपनी शिक्षा पद्धति और पाठ्यक्रम को सुधारने का अवसर मिलेगा।

भविष्य में, इस विधेयक की सफलता शिक्षा की गुणवत्ता और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यदि इसको सही तरीके से लागू किया गया, तो यह उत्तराखंड के शिक्षण संस्थानों की छवि को और बेहतर बनाएगा।

अधिक अपडेट्स के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट India Twoday पर जाएँ।

शुभकामनाएँ के साथ,

टीम इंडिया टुडे
निवेदिता शर्मा

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