उन्नाव में बदलता मौसम लोगों को बना रहा बीमार:इमरजेंसी से OPD तक उमड़ी भीड़, जिला अस्पताल में किड़नी जांच किट नहीं

उन्नाव में बदलते मौसम का असर लोगों के स्वास्थ्य पर साफ देखने को मिल रहा है। जरा सी लापरवाही से लोग खांसी, जुकाम, और बुखार जैसी वायरल बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। मौसम के बदलाव के चलते अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इन दिनों करीब 40% तक मरीज बढ़ने से ओपीडी के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं, जिससे घंटों इंतज़ार के बाद लोगों को डॉक्टरी परामर्श मिल पा रहा है। डॉक्टर मरीजों को सलाह दे रहे हैं कि वे मौसम के अनुरूप अपने रहन-सहन को बदलें। दीवाली की दो दिनों की छुट्टी के बाद से मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। जिला अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्चा बनवाने के लिए लोग सुबह से ही इकट्ठा हो गए हैं, और जल्दी पर्चा बनवाने को लेकर कई बार गहमागहमी भी हो गई। अस्पताल के कर्मचारियों ने समझा-बुझाकर स्थिति को संभाला, जिसके बाद ही व्यवस्था में सुधार आया। अब तक जिला अस्पताल में एक हजार से अधिक मरीजों ने चिकित्सकीय परामर्श के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। मरीजों की संख्या बढ़ने से डॉक्टरों की ओपीडी का हाल भी बेहाल है, जहां गैलरी मरीजों से खचाखच भरी रही। घंटों इंतज़ार के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली। वहीं, डायग्नोस्टिक विग में भी जांच के लिए पहुंचने वाले मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम में आ रहा यह परिवर्तन लोगों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग जो सामान्य मरीजों की तुलना में जल्दी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, उनका विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। रोजाना 200 मरीजों की ब्लड जांच डॉक्टर इन दिनों रोजाना करीब 200 मरीजों की खून की जांच की सलाह दे रहे हैं। इसके बावजूद, अस्पताल में किडनी की जांच नहीं हो पा रही है। पिछले 26 दिनों से अस्पताल में किडनी की जांच के लिए आवश्यक रीजेंट खत्म हो चुका है, जिससे मरीज निजी केंद्रों पर महंगे दामों में जांच कराने के लिए मजबूर हैं। अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. आरए मिर्जा ने बताया कि वायरल मरीज बड़ी संख्या में आ रहे हैं। सभी मरीजों को बेहतरीन उपचार देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जांच के लिए पहुंचे मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए अतिरिक्त कर्मियों की भी तैनाती की गई है। पैथोलॉजी में केएफटी का रीजेंट खत्म होने से केवल भर्ती मरीजों की ही जांच की जा रही है।

Nov 5, 2024 - 12:30
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उन्नाव में बदलता मौसम लोगों को बना रहा बीमार:इमरजेंसी से OPD तक उमड़ी भीड़, जिला अस्पताल में किड़नी जांच किट नहीं
उन्नाव में बदलते मौसम का असर लोगों के स्वास्थ्य पर साफ देखने को मिल रहा है। जरा सी लापरवाही से लोग खांसी, जुकाम, और बुखार जैसी वायरल बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। मौसम के बदलाव के चलते अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इन दिनों करीब 40% तक मरीज बढ़ने से ओपीडी के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं, जिससे घंटों इंतज़ार के बाद लोगों को डॉक्टरी परामर्श मिल पा रहा है। डॉक्टर मरीजों को सलाह दे रहे हैं कि वे मौसम के अनुरूप अपने रहन-सहन को बदलें। दीवाली की दो दिनों की छुट्टी के बाद से मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। जिला अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्चा बनवाने के लिए लोग सुबह से ही इकट्ठा हो गए हैं, और जल्दी पर्चा बनवाने को लेकर कई बार गहमागहमी भी हो गई। अस्पताल के कर्मचारियों ने समझा-बुझाकर स्थिति को संभाला, जिसके बाद ही व्यवस्था में सुधार आया। अब तक जिला अस्पताल में एक हजार से अधिक मरीजों ने चिकित्सकीय परामर्श के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। मरीजों की संख्या बढ़ने से डॉक्टरों की ओपीडी का हाल भी बेहाल है, जहां गैलरी मरीजों से खचाखच भरी रही। घंटों इंतज़ार के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली। वहीं, डायग्नोस्टिक विग में भी जांच के लिए पहुंचने वाले मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम में आ रहा यह परिवर्तन लोगों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग जो सामान्य मरीजों की तुलना में जल्दी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, उनका विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। रोजाना 200 मरीजों की ब्लड जांच डॉक्टर इन दिनों रोजाना करीब 200 मरीजों की खून की जांच की सलाह दे रहे हैं। इसके बावजूद, अस्पताल में किडनी की जांच नहीं हो पा रही है। पिछले 26 दिनों से अस्पताल में किडनी की जांच के लिए आवश्यक रीजेंट खत्म हो चुका है, जिससे मरीज निजी केंद्रों पर महंगे दामों में जांच कराने के लिए मजबूर हैं। अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. आरए मिर्जा ने बताया कि वायरल मरीज बड़ी संख्या में आ रहे हैं। सभी मरीजों को बेहतरीन उपचार देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जांच के लिए पहुंचे मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए अतिरिक्त कर्मियों की भी तैनाती की गई है। पैथोलॉजी में केएफटी का रीजेंट खत्म होने से केवल भर्ती मरीजों की ही जांच की जा रही है।

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