एक पार्क में दिखेगी 12 ज्योर्तिलिंग की झलक:40 हजार वर्गमीटर में नगर निगम तैयार करा रहा है शिवालय पार्क
प्रयागराज में महाकुंभ को लेकर नैनी के अरैल इलाके में यमुना नदी के किनारे 40 हजार वर्गमीटर में भारत के मानचित्र के आकार मे शिवालय थीम पार्क तैयार हो रहा है। इसको 10 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कारण पार्क को तैयार कराने के लिए दो शिफ्ट में कार्य कराया जा रहा है। पार्क की खास बात यह है कि इसमें तैयार हो रहे शिवालय और मंदिर देश के जिन हिस्सों में है, भारत के मानचित्र के आकार के पार्क में भी उनको उसी हिस्से में रखा गया है। सभी 12 ज्योर्तिलिंग के साथ प्रमुख मंदिर है शामिल नगर निगम की तरफ से तैयार कराए जा रहे शिवालय पार्क में सभी 12 ज्योर्तिलिंग के साथ देश के प्रमुख मंदिरों का मॉडल बन रहा है। इसमें सौराष्ट, गुजरात का सोमनाथ मंदिर, आंध्र प्रदेश का मल्लिकर्जुन और श्रीशैलम, महाकलेश्वर,उज्जैन, मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वेश्वर, त्रयंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घृष्णेश्वर और काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रतिरूप तैयार कराया जा रहा है। पार्क के अंदर प्रवेश करते ही सबसे पहले लोगों को समुद्र मंथन की कथा को कहता हुआ स्ट्रक्चर दिखेगा। इसके पीछे विशालकाय नंदी महाराज के दर्शन होंगे। वहीं पास में शिव त्रिशूल को तैयार कराया जा रहा है। इसके अलावा देश के सात अन्य प्रमुख शिव मंदिरों का प्रतिरूप भी लगभग तैयार हो चुका है। पार्क में देश की अन्य विरासतों का स्वरूप भी कलाकारों की तरफ से तैयार कराया जा रहा है। पूरे पार्क में विशेष प्रकार की लाइटिंग भी लोगों के आकर्षण का खास केंद्र रहेगी। पार्क के अंदर बच्चों के लिए अलग जोन पार्क में आने वाले बच्चों के लिए अलग जोन बनाया जा रहा है। जहां उनके पसंद की चीजें रहेंगी। इसमें उनके लिए झूले आदि की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पार्क के अंदर फूड कोर्ट और रेस्टोरेंट भी विकसित किया जा रहा है। साथ ही लोगों को ओपेन एयर थीएटर का लुत्फ लेने का मौका भी यहां पर मिलेगा। पार्क में आने वाले लोग बोटिंग का मजा भी ले सकेंगे। इसके लिए भी पार्क के अंदर अलग से व्यवस्था की गई है। ऐसे में यहां आने वाले लोगों को यह पार्क अलग अनुभव देगा। शहर का यह पहला पार्क होगा,जो लोगों को पूरे देश की अनुभूति देगा। वेस्ट मैटेरियल का हो रहा प्रयोग शिवालय थीम पार्क को तैयार कराने में सबसे खास बात है कि इसमें अधिकतर वेस्ट मैटेरियल का प्रयोग किया जा रहा है। भवन निर्माण या तोड़ फोड़ से निकलने वाले मलबे से पार्क में तैयार हो रहे स्ट्रक्चर का बेस तैयार किया गया है। इसके अलावा इसमें प्रयोग होने वाले लोहा भी ज्यादातर घरों से निकलने वाले सरिया आदि को कलेक्ट करके किया गया है। पार्क को तैयार करने में जुटे कलाकारों ने बताया कि बहुत अधिक जरूरत पड़ने पर ही बाहर से लोहा खरीदा जा रहा है। इसको तैयार करा रही कंपनी जेड टेक इंडिया लिमिटेड के पास ही तीन साल तक इसके रख रखाव की जिम्मेदारी भी रहेगी। इसको तैयार करने में कुल 17 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। इसको तैयार करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्से से कलाकार बुलाए गए हैं।
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