त्रिपुरा में बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन में घुसपैठ:भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया अफसोसजनक, सुरक्षा बढ़ाई गई

भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में हुई घुसपैठ की निंदा की। मंत्रालय ने कहा- "आज अगरतला में बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में घुसपैठ की घटना बहुत ही अफसोसजनक है। किसी भी हालात में डिप्लोमैटिक और कांसुलर प्रॉपर्टी को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। बयान में आगे कहा गया- सरकार दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन और देश भर में अन्य बांग्लादेशी डिप्टी और असिस्टेंट हाई कमीशन की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए कार्रवाई कर रही है। चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में थी रैली समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक , सोमवार को त्रिपुरा में बांग्लादेशी मिशन के आसपास कई लोगों ने चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में रैली निकाली थी। जहां 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों अगरतला स्थित बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में घुस गए। हिंदुओं पर हो रहे हमले और चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी ने दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ा दी है। कल चिन्मय प्रभु की जमानत को लेकर बांग्लादेश में सुनवाई है। वहीं, दूसरी तरफ कोलकाता इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने बांग्लादेश में अब तक 4 इस्कॉन सदस्यों की गिरफ्तारी का दावा किया है। भारत ने अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने को कहा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेशी सरकार से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहा था। बांग्लादेश ने इसके जवाब में कहा था कि ये बेहद दुख की बात है कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश किया है। ------------------------------------------------- बांग्लादेश से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... बांग्लादेश में 54 इस्कॉन सदस्यों को भारत जाने से रोका:कहा- स्पेशल परमिशन नहीं है, धार्मिक समारोह में भाग लेने जा रहे थे बांग्लादेश की इमिग्रेशन पुलिस ने वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ भारत जा रहे इस्कॉन के 54 सदस्यों को बॉर्डर पर रोक दिया था। ये लोग एक धार्मिक समारोह में भाग लेने भारत जा रहे थे। इसे लेकर इमिग्रेशन पुलिस का कहना था कि उनके पास भले ही वैध पासपोर्ट और वीजा थे, लेकिन गवर्नमेंट की स्पेशल परमिशन नहीं थी। यहां पढ़ें पूरी खबर...

Dec 2, 2024 - 20:15
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त्रिपुरा में बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन में घुसपैठ:भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया अफसोसजनक, सुरक्षा बढ़ाई गई
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में हुई घुसपैठ की निंदा की। मंत्रालय ने कहा- "आज अगरतला में बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में घुसपैठ की घटना बहुत ही अफसोसजनक है। किसी भी हालात में डिप्लोमैटिक और कांसुलर प्रॉपर्टी को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। बयान में आगे कहा गया- सरकार दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन और देश भर में अन्य बांग्लादेशी डिप्टी और असिस्टेंट हाई कमीशन की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए कार्रवाई कर रही है। चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में थी रैली समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक , सोमवार को त्रिपुरा में बांग्लादेशी मिशन के आसपास कई लोगों ने चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में रैली निकाली थी। जहां 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों अगरतला स्थित बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में घुस गए। हिंदुओं पर हो रहे हमले और चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी ने दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ा दी है। कल चिन्मय प्रभु की जमानत को लेकर बांग्लादेश में सुनवाई है। वहीं, दूसरी तरफ कोलकाता इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने बांग्लादेश में अब तक 4 इस्कॉन सदस्यों की गिरफ्तारी का दावा किया है। भारत ने अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने को कहा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेशी सरकार से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहा था। बांग्लादेश ने इसके जवाब में कहा था कि ये बेहद दुख की बात है कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश किया है। ------------------------------------------------- बांग्लादेश से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... बांग्लादेश में 54 इस्कॉन सदस्यों को भारत जाने से रोका:कहा- स्पेशल परमिशन नहीं है, धार्मिक समारोह में भाग लेने जा रहे थे बांग्लादेश की इमिग्रेशन पुलिस ने वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ भारत जा रहे इस्कॉन के 54 सदस्यों को बॉर्डर पर रोक दिया था। ये लोग एक धार्मिक समारोह में भाग लेने भारत जा रहे थे। इसे लेकर इमिग्रेशन पुलिस का कहना था कि उनके पास भले ही वैध पासपोर्ट और वीजा थे, लेकिन गवर्नमेंट की स्पेशल परमिशन नहीं थी। यहां पढ़ें पूरी खबर...

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