एसडीएम ने किसान नेता को जूस पिलाकर खत्म कराया अनशन:धान खरीद से जुड़ी मांगों को लेकर चल रहा था आंदोलन

गाजीपुर के सेवराई में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से जारी किसानों का धरना प्रदर्शन आज समाप्त हो गया। किसान नेता भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन में किसानों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला था। जिला प्रशासन की ओर से मिले आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया। एसडीएम ने खुद भानु प्रताप सिंह को जूस पिलाकर उनका आमरण अनशन तुड़वाया। तीन दिनों से धरने पर डटे थे किसान सेवराई और जमानिया तहसील के किसान पिछले तीन दिनों से अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हुए थे। किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने प्रशासन से धान खरीद के मानकों में बदलाव की मांग की थी। उनका कहना था कि जमानिया विधानसभा क्षेत्र, जिसे धान का कटोरा कहा जाता है, में किसान प्रति बीघा 20 कुंतल धान पैदा करते हैं। लेकिन प्रशासन ने सिर्फ 10 कुंतल प्रति बीघा खरीद का मानक तय किया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। मांगों की लंबी फेहरिस्त किसानों की 6 सूत्रीय मांगों में सबसे बड़ी मांग थी कि धान की उपज के आधार पर खरीदारी होनी चाहिए, साथ ही सेवराई तहसील में क्रय केंद्रों की संख्या 15 से बढ़ाकर 35 की जाए। इसके अलावा, किसानों ने एआर गाजीपुर द्वारा साधन सहकारी समितियों के सचिवों को कमीशन न दिए जाने की भी शिकायत की। उनका कहना है कि पिछले तीन वर्षों से इन्हें कोई कमीशन नहीं मिला, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका है। किसानों ने दिलदारनगर मंडी सचिव के पांच साल से एक ही पद पर जमे रहने पर भी सवाल उठाए और उनका तत्काल स्थानांतरण व संपत्ति की जांच की मांग की। प्रशासन ने दी राहत तीन दिनों के बाद आखिरकार प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम ने किसानों से मुलाकात की और उनकी ज्यादातर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसी के बाद किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया। किसानों का कहना है कि अगर प्रशासन अपने वादे से मुकरता है, तो वे फिर से आंदोलन करेंगे।

Oct 23, 2024 - 15:35
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एसडीएम ने किसान नेता को जूस पिलाकर खत्म कराया अनशन:धान खरीद से जुड़ी मांगों को लेकर चल रहा था आंदोलन
गाजीपुर के सेवराई में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से जारी किसानों का धरना प्रदर्शन आज समाप्त हो गया। किसान नेता भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन में किसानों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला था। जिला प्रशासन की ओर से मिले आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया। एसडीएम ने खुद भानु प्रताप सिंह को जूस पिलाकर उनका आमरण अनशन तुड़वाया। तीन दिनों से धरने पर डटे थे किसान सेवराई और जमानिया तहसील के किसान पिछले तीन दिनों से अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हुए थे। किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने प्रशासन से धान खरीद के मानकों में बदलाव की मांग की थी। उनका कहना था कि जमानिया विधानसभा क्षेत्र, जिसे धान का कटोरा कहा जाता है, में किसान प्रति बीघा 20 कुंतल धान पैदा करते हैं। लेकिन प्रशासन ने सिर्फ 10 कुंतल प्रति बीघा खरीद का मानक तय किया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। मांगों की लंबी फेहरिस्त किसानों की 6 सूत्रीय मांगों में सबसे बड़ी मांग थी कि धान की उपज के आधार पर खरीदारी होनी चाहिए, साथ ही सेवराई तहसील में क्रय केंद्रों की संख्या 15 से बढ़ाकर 35 की जाए। इसके अलावा, किसानों ने एआर गाजीपुर द्वारा साधन सहकारी समितियों के सचिवों को कमीशन न दिए जाने की भी शिकायत की। उनका कहना है कि पिछले तीन वर्षों से इन्हें कोई कमीशन नहीं मिला, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका है। किसानों ने दिलदारनगर मंडी सचिव के पांच साल से एक ही पद पर जमे रहने पर भी सवाल उठाए और उनका तत्काल स्थानांतरण व संपत्ति की जांच की मांग की। प्रशासन ने दी राहत तीन दिनों के बाद आखिरकार प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम ने किसानों से मुलाकात की और उनकी ज्यादातर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसी के बाद किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया। किसानों का कहना है कि अगर प्रशासन अपने वादे से मुकरता है, तो वे फिर से आंदोलन करेंगे।

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