ऑफिस बुलाकर गंदी हरकत करते हैं इंचार्ज अध्यापक:शिक्षिकाएं बोलीं- बैड टच, अश्लील बात करते हैं, आरोपी टीचर ने कहा- सभी आरोप झूठे

गोंडा जिले के मनकापुर क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय में तीन महिला अध्यापिकाओं ने इंचार्ज अध्यापक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अध्यापिकाओं का कहना है कि इंचार्ज उन्हें कार्यालय में बुलाकर अश्लील बातें करता है, गलत इशारे करता है, और "बैड टच" कर उनका उत्पीड़न करता है। इस मामले में महिला अध्यापिकाओं ने बेसिक शिक्षा महानिदेशक, प्रमुख सचिव और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिकायती पत्र भेजते हुए कार्रवाई की मांग की है। आरोपों को लेकर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी से बात करने के लिए सीयूजी नंबर पर प्रयास किया गया तो पांच बार फोन करने के बावजूद कॉल नहीं उठी। एडी बेसिक देवीपाटन मंडल रामसागर त्रिपाठी ने बताया शिकायती पत्र महिला अध्यापकों का वायरल हो रहा है। अभी इनका शिकायती पत्र मेरे पास नहीं पहुंचा है, जो भी आरोप लगाए गए हैं, उसकी जांच कराई जाएगी। अश्लील इशारे, धमकी और बैड टच का आरोप महिला अध्यापिकाओं का कहना है कि इंचार्ज अध्यापक आए दिन उन्हें ऑफिस में बुलाकर अपनी पत्नी के साथ व्यक्तिगत बातों को अश्लील तरीके से साझा करता है। जब वे उसकी बातों को नजरअंदाज करने की कोशिश करती हैं, तो वह जबरन अपनी बातें सुनाता है और उन्हें धमकाता है। उनका आरोप है कि इंचार्ज आए दिन अभद्र भाषा का प्रयोग करता है और धमकी देता है, “तुम मेरा कितना भी विरोध कर लो, मेरा कुछ नहीं कर पाओगी।” बच्चों को न पढ़ाने का सुझाव और धमकी महिला अध्यापिकाओं का यह भी आरोप है कि इंचार्ज अध्यापक अक्सर उन्हें बच्चों को न पढ़ाने के लिए कहता है, यह कहते हुए कि यह प्राइवेट स्कूल नहीं है और सरकारी वेतन बिना पढ़ाए भी मिलेगा। वह उन्हें "खुश रहने" के लिए अपने ऑफिस में वक्त बिताने का सुझाव देता है और रात में फोन पर बात करने के लिए भी कहता है। महिला अध्यापिकाओं का कहना है कि इंचार्ज उन्हें अक्सर डराता-धमकाता है और कहता है कि अगर किसी को बताया, तो वे स्कूल आने लायक नहीं रहेंगी। अधिकारियों से मदद की गुहार पीड़ित अध्यापिकाओं ने अधिकारियों को अपने शिकायती पत्र में कहा है कि वे लगातार डर और तनाव में काम कर रही हैं, जिससे वे छात्राओं को पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने मांग की है कि या तो उनका या इंचार्ज अध्यापक का ट्रांसफर कर दिया जाए। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे स्कूल आना बंद कर देंगी। "आरोप निराधार, दबाव बनाने की कोशिश" वहीं, इंचार्ज अध्यापक ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि ये तीनों अध्यापिकाएं स्कूल में पढ़ाने नहीं आना चाहतीं। जब उनसे पढ़ाने का आग्रह किया जाता है, तो वे उसे छेड़खानी और झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी देती हैं। उन्होंने बताया कि कई बार इन अध्यापिकाओं की गैरहाजिरी की शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई है, परंतु अब यह आरोप उसे दबाव में लाने और बदनाम करने के लिए लगाए जा रहे हैं।

Nov 8, 2024 - 22:05
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ऑफिस बुलाकर गंदी हरकत करते हैं इंचार्ज अध्यापक:शिक्षिकाएं बोलीं- बैड टच, अश्लील बात करते हैं, आरोपी टीचर ने कहा- सभी आरोप झूठे
गोंडा जिले के मनकापुर क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय में तीन महिला अध्यापिकाओं ने इंचार्ज अध्यापक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अध्यापिकाओं का कहना है कि इंचार्ज उन्हें कार्यालय में बुलाकर अश्लील बातें करता है, गलत इशारे करता है, और "बैड टच" कर उनका उत्पीड़न करता है। इस मामले में महिला अध्यापिकाओं ने बेसिक शिक्षा महानिदेशक, प्रमुख सचिव और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिकायती पत्र भेजते हुए कार्रवाई की मांग की है। आरोपों को लेकर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी से बात करने के लिए सीयूजी नंबर पर प्रयास किया गया तो पांच बार फोन करने के बावजूद कॉल नहीं उठी। एडी बेसिक देवीपाटन मंडल रामसागर त्रिपाठी ने बताया शिकायती पत्र महिला अध्यापकों का वायरल हो रहा है। अभी इनका शिकायती पत्र मेरे पास नहीं पहुंचा है, जो भी आरोप लगाए गए हैं, उसकी जांच कराई जाएगी। अश्लील इशारे, धमकी और बैड टच का आरोप महिला अध्यापिकाओं का कहना है कि इंचार्ज अध्यापक आए दिन उन्हें ऑफिस में बुलाकर अपनी पत्नी के साथ व्यक्तिगत बातों को अश्लील तरीके से साझा करता है। जब वे उसकी बातों को नजरअंदाज करने की कोशिश करती हैं, तो वह जबरन अपनी बातें सुनाता है और उन्हें धमकाता है। उनका आरोप है कि इंचार्ज आए दिन अभद्र भाषा का प्रयोग करता है और धमकी देता है, “तुम मेरा कितना भी विरोध कर लो, मेरा कुछ नहीं कर पाओगी।” बच्चों को न पढ़ाने का सुझाव और धमकी महिला अध्यापिकाओं का यह भी आरोप है कि इंचार्ज अध्यापक अक्सर उन्हें बच्चों को न पढ़ाने के लिए कहता है, यह कहते हुए कि यह प्राइवेट स्कूल नहीं है और सरकारी वेतन बिना पढ़ाए भी मिलेगा। वह उन्हें "खुश रहने" के लिए अपने ऑफिस में वक्त बिताने का सुझाव देता है और रात में फोन पर बात करने के लिए भी कहता है। महिला अध्यापिकाओं का कहना है कि इंचार्ज उन्हें अक्सर डराता-धमकाता है और कहता है कि अगर किसी को बताया, तो वे स्कूल आने लायक नहीं रहेंगी। अधिकारियों से मदद की गुहार पीड़ित अध्यापिकाओं ने अधिकारियों को अपने शिकायती पत्र में कहा है कि वे लगातार डर और तनाव में काम कर रही हैं, जिससे वे छात्राओं को पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने मांग की है कि या तो उनका या इंचार्ज अध्यापक का ट्रांसफर कर दिया जाए। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे स्कूल आना बंद कर देंगी। "आरोप निराधार, दबाव बनाने की कोशिश" वहीं, इंचार्ज अध्यापक ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि ये तीनों अध्यापिकाएं स्कूल में पढ़ाने नहीं आना चाहतीं। जब उनसे पढ़ाने का आग्रह किया जाता है, तो वे उसे छेड़खानी और झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी देती हैं। उन्होंने बताया कि कई बार इन अध्यापिकाओं की गैरहाजिरी की शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई है, परंतु अब यह आरोप उसे दबाव में लाने और बदनाम करने के लिए लगाए जा रहे हैं।

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